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कांवड़ यात्रा 2025 की तैयारी युद्धस्तर पर शुरू, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों को दिए स्पष्ट निर्देश, “श्रद्धालुओं को हो देवभूमि आगमन का अनुभव, लापरवाही और लीपापोती नहीं होगी बर्दाश्त”

इन्तजार रजा हरिद्वार- कांवड़ यात्रा 2025 की तैयारी युद्धस्तर पर शुरू,

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों को दिए स्पष्ट निर्देश,

“श्रद्धालुओं को हो देवभूमि आगमन का अनुभव, लापरवाही और लीपापोती नहीं होगी बर्दाश्त”

हरिद्वार, 06 जून 2025 –
सावन महीने में उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा—कांवड़ यात्रा—को लेकर इस बार हरिद्वार जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। जिला कार्यालय सभागार में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि इस वर्ष यात्रा को सफल, सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए यादगार बनाने में कोई कसर न छोड़ी जाए।

बैठक के दौरान डीएम ने दो टूक कहा—“कोई भी कार्य लापरवाही या खानापूर्ति के साथ नहीं चलेगा। हर कार्य समयबद्ध, पारदर्शी और उच्च गुणवत्ता वाला होना चाहिए। कांवड़ यात्रा देवभूमि का परिचायक है, और इसे उसी गरिमा के अनुरूप संचालित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।”

डीपीआर की समयसीमा तय, गुणवत्ता पर विशेष जोर

बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे कांवड़ मेले से संबंधित कार्यों के लिए वास्तविक, व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार की गई डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) सोमवार तक हर हाल में जिला कार्यालय में प्रस्तुत करें।

डीएम दीक्षित ने कहा कि,

“कोरी कल्पना या पुराने प्रतिरूप के आधार पर बनाई गई डीपीआर स्वीकार नहीं की जाएगी। केवल वही रिपोर्ट स्वीकार की जाएगी जो धरातल पर क्रियान्वयन योग्य हो और तकनीकी रूप से मजबूत हो।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी प्रस्तावों की गहन समीक्षा के बाद ही धनराशि स्वीकृत की जाएगी। यह भी निर्देशित किया गया कि यदि किसी कार्य में अनियमितता या फर्जीवाड़ा पाया गया, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।


स्वास्थ्य सेवाएं: “एन्टी वेनम से लेकर डिलीवरी तक हर स्थिति के लिए रहें तैयार”

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर डीएम ने विशेष चिंता व्यक्त की। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान सांप या कीड़े के काटने जैसी घटनाओं के लिए एन्टी वेनम इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अस्थायी मेडिकल कैंप की स्थापना हेतु स्थानों का चयन किया जाए और वहां डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए। उन्होंने गर्भवती महिलाओं की आकस्मिक प्रसव स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित वैकल्पिक चिकित्सा केंद्रों को चिन्हित कर समुचित कार्य योजना बनाने के निर्देश भी दिए।

डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई निजी संस्था या ट्रस्ट मेडिकल कैम्प लगाना चाहता है, तो उसे सीएमओ से विधिवत अनुमति लेनी होगी।


बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और मानसून को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारी

चूंकि यह यात्रा मानसून काल में होती है, इसलिए जलभराव और गंदगी की स्थिति श्रद्धालुओं की यात्रा में बाधा बन सकती है। डीएम ने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, एनएचएआई, नगर निगम हरिद्वार एवं रुड़की, और जिला पंचायत को निर्देशित किया कि:

  • यात्रा मार्गों से छाड़ियों का कटान समय रहते कर लिया जाए।
  • सभी अस्थायी व स्थायी शौचालयों को 30 जून तक कार्यशील कर दिया जाए।
  • जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाए।
  • खतरनाक और क्षतिग्रस्त सड़क क्षेत्रों की मरम्मत युद्धस्तर पर की जाए।

उन्होंने कहा कि,

“शौचालयों की दुर्दशा हमारी यात्रा की छवि को बिगाड़ सकती है। अतः इनकी नियमित सफाई, जल व्यवस्था और प्रकाश की भी जांच की जाए।”


बिजली और खाद्य सुरक्षा को लेकर भी विशेष निर्देश

विद्युत विभाग को निर्देशित किया गया कि यात्रा मार्गों पर किसी भी प्रकार की ओवरहेड केबल या खुली वायरिंग न रहे। हर व्यवस्था को सुरक्षित और तकनीकी रूप से प्रमाणित किया जाए और उसका सर्टिफिकेट जिला कार्यालय में समय से जमा किया जाए।

खाद्य विभाग को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि:

  • पेट्रोल पंपों पर पर्याप्त ईंधन स्टॉक उपलब्ध रहे।
  • होटल, ढाबों और लंगर स्थलों पर फूड क्वालिटी की जांच नियमित हो।
  • बांट-माप विभाग नाप-तोल यंत्रों की जांच कर प्रमाणपत्र जारी करें।
  • खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कर रेस्ट लिस्ट प्रदर्शित की जाए।

सफाई, लावारिस पशु और नगर निकायों की भूमिका अहम

साफ-सफाई को लेकर जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि

“श्रद्धालु देवभूमि में आएं और गंदगी का अनुभव करें, यह स्वीकार्य नहीं है।”

उन्होंने नगर निगम हरिद्वार और रुड़की सहित सभी नगर पालिकाओं को निर्देशित किया कि यात्रा मार्ग, गंगा घाट, शिविर स्थल, शौचालय क्षेत्र आदि सभी जगह 24×7 सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखी जाए।

इसके साथ ही लावारिस घूमते मवेशियों के लिए निर्देशित किया गया कि सभी नगर निकाय पशु पकड़ने की टीमें सक्रिय करें और उन्हें नजदीकी गोशालाओं में सुरक्षित भेजा जाए।


आपदा प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था भी सर्वोच्च प्राथमिकता में

कांवड़ यात्रा में लाखों की भीड़ एकत्र होती है, ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था भी प्रशासन की प्राथमिकता में है। जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी, पुलिस विभाग और यातायात नियंत्रण इकाई को निर्देशित किया कि:

  • यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी निगरानी, वायरलेस कम्युनिकेशन, कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।
  • एम्बुलेंस, दमकल, NDRF और SDRF की तैयारियां मुकम्मल हों।
  • हर घंटे स्थिति की समीक्षा और त्वरित रिस्पांस टीमों की तैनाती की जाए।
  • यातायात नियंत्रण हेतु डायवर्जन प्लान, पार्किंग स्थलों की व्यवस्था और बैरिकेडिंग पहले से स्थापित की जाए।

“हर कार्य का डॉक्यूमेंटेशन अनिवार्य, कार्य प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें”: डीएम

बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी विभाग अपने-अपने कार्यों का विस्तृत दस्तावेजीकरण करें और निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जिला कार्यालय में प्रस्तुत करें।

उन्होंने चेतावनी दी कि,

“यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी कार्य में लापरवाही या उदासीनता दिखाता है, या कार्य में भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होती है, तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”


बैठक में मौजूद रहे सभी वरिष्ठ अधिकारी

बैठक में जिला स्तरीय लगभग सभी प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख रूप से:

  • नगर नन्दन कुमार
  • राकेश तिवारी
  • एसएसपी पंकज गैरोला
  • एडीएम दीपेन्द्र सिंह नेगी
  • सिटी मजिस्ट्रेट कुशम चौहान
  • सचिव एचआरडीए मनीष सिंह
  • उपजिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान
  • सीएमओ डॉ. आरके सिंह
  • अधिशासी अभियंता सिंचाई डीसी उनियाल
  • अधिशासी अभियंता विद्युत दीपक सैनी
  • आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत
  • एआरटीओ कृष्ण चंद्र
  • अधिशासी अभियंता लोनिवि दीपक कुमार
  • खाद्य निरीक्षक ओमजी गुप्ता
  • निखिल शर्मा आदि मौजूद रहे।

निष्कर्ष: श्रद्धालुओं के स्वागत को देवभूमि तैयार

हरिद्वार प्रशासन ने कांवड़ यात्रा को केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अभियान के रूप में लिया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के नेतृत्व में सभी अधिकारी सक्रियता, संवेदनशीलता और सेवा भावना के साथ इस चुनौती को स्वीकार कर चुके हैं।

जनता, संत समाज और श्रद्धालुओं को उम्मीद है कि कांवड़ यात्रा 2025 एक मिसाल बनेगी—प्रशासनिक तैयारी की भी और देवभाव की भी।


✍️ Daily Live Uttarakhand संवाददाता
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