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विश्व में सबसे बड़ा अखाड़ा होगा रविदास समाज का – श्रीमहंत रविंद्र पुरी,, आने वाले कुंभ में निकलेगी रविदास अखाड़े की पेशवाई, शाही स्नान की तैयारी शुरू,, जातिवाद मिटाकर संत परंपरा को नया आयाम देगा रविदास समाज : अधिवेशन में उमड़ा जनसैलाब

हरिद्वार की पवित्र भूमि पर रविवार को बहादराबाद स्थित एक फार्म हाउस में आयोजित शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के प्रदेश अधिवेशन में ऐतिहासिक घोषणा हुई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि आने वाले कुंभ में रविदास समाज का विश्व का सबसे बड़ा अखाड़ा स्थापित किया जाएगा। इस अखाड़े की पेशवाई और शाही स्नान पारंपरिक विधि-विधान के साथ होंगे। उन्होंने कहा कि "हम सबमें संत शिरोमणि गुरु रविदास का खून बहता है, अब समय है कि जातिवाद की दीवारों को तोड़कर एकजुट हुआ जाए।"

इन्तजार रजा हरिद्वार- विश्व में सबसे बड़ा अखाड़ा होगा रविदास समाज का – श्रीमहंत रविंद्र पुरी,,

आने वाले कुंभ में निकलेगी रविदास अखाड़े की पेशवाई, शाही स्नान की तैयारी शुरू,,

जातिवाद मिटाकर संत परंपरा को नया आयाम देगा रविदास समाज : अधिवेशन में उमड़ा जनसैलाब

हरिद्वार।
हरिद्वार की पवित्र भूमि पर रविवार को बहादराबाद स्थित एक फार्म हाउस में आयोजित शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के प्रदेश अधिवेशन में ऐतिहासिक घोषणा हुई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि आने वाले कुंभ में रविदास समाज का विश्व का सबसे बड़ा अखाड़ा स्थापित किया जाएगा। इस अखाड़े की पेशवाई और शाही स्नान पारंपरिक विधि-विधान के साथ होंगे। उन्होंने कहा कि “हम सबमें संत शिरोमणि गुरु रविदास का खून बहता है, अब समय है कि जातिवाद की दीवारों को तोड़कर एकजुट हुआ जाए।”

“संत रविदास का अखाड़ा होगा सबसे बड़ा”

श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि जिस समाज में संत शिरोमणि गुरु रविदास जैसे महान संत हुए, उस समाज का अखाड़ा भी दुनिया का सबसे बड़ा होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह जरूरी नहीं कि केवल किसी प्रभावशाली समाज का व्यक्ति ही महामंडलेश्वर बने — बल्कि जिस समाज ने संत रविदास जैसे महापुरुष को जन्म दिया, वह महामंडलेश्वर बनने का अधिकार रखता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले कुंभ मेले में रविदास समाज की पेशवाई पूरी विधि-विधान के साथ निकलेगी और अखाड़ा सनातन परंपरा का गौरव बढ़ाएगा। महंत पुरी महाराज ने बताया कि वे स्वयं इस दिशा में पहल कर रहे हैं ताकि रविदास समाज को अखाड़ा परंपरा में उचित स्थान मिल सके। उन्होंने कहा,

“संत बनना आसान नहीं होता, संत में ज्ञान और तपस्या दोनों होना जरूरी है। जो संत बनेगा, उसे घर का त्याग करना होगा, तभी समाज में उसका प्रभाव होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि “रविदास अखाड़ा इतना बड़ा बनेगा कि जब उसका शाही स्नान निकलेगा, तो सारे अखाड़े एक ओर खड़े दिखाई देंगे और संत रविदास समाज का अखाड़ा सबसे अलग पहचान बनाएगा।”

“जातिवाद खत्म कर एकता की ओर बढ़ें”

श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने समाज को जातिवाद के बंधनों से ऊपर उठने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोनों का विजन यही है कि हम अनेक जातियों में न बंटकर एक राष्ट्र और एक समाज के रूप में खड़े हों।
उन्होंने कहा,

“हमारा प्रयास है कि समाज को जातियों में न बांटकर एकता की डोर से जोड़ा जाए। अखाड़ा केवल साधु-संतों की परंपरा नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का केंद्र है। जब रविदास समाज एक मंच पर आएगा तो यह परंपरा और मजबूत होगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि अखाड़े सनातन परंपरा के प्रतीक हैं और इन्हें जगद्गुरु शंकराचार्य ने समाज की आध्यात्मिक शक्ति को एकजुट करने के लिए बनाया था। रविदास समाज भी अब इस परंपरा को आगे बढ़ाने जा रहा है।

“हमारा समाज सबसे बड़ा, एकता ही शक्ति है” – सुरजीत कुमार

शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजीत कुमार ने कहा कि हमारा समाज देश का सबसे बड़ा समाज है और अब समय है कि इसे एक मंच पर लाया जाए। उन्होंने कहा कि संत रविदासजी समाज सुधार और समानता के प्रतीक हैं।
उन्होंने तुगलकाबाद रविदास मंदिर संघर्ष का उदाहरण देते हुए कहा,

“राम मंदिर की लड़ाई 500 साल चली, लेकिन तुगलकाबाद में रविदास मंदिर की लड़ाई हमने छह वर्षों में जीत ली। यह हमारी एकता का प्रमाण है।”

उन्होंने कहा कि यदि पूरा समाज एक साथ आए तो ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक के चुनावों में भी निर्णायक भूमिका निभाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए समाज को दशा और दिशा दोनों तय करनी होंगी।

“आगामी कुंभ में होगा शाही स्नान” – प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने न केवल रविदास अखाड़े की घोषणा की है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि आगामी कुंभ में शाही स्नान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि इस अखाड़े का शाही स्नान जूना अखाड़ा या निरंजनी अखाड़ा परिषद के साथ किया जाएगा, इस पर संतों के साथ वार्ता जारी है।

उन्होंने कहा कि “रविदास समाज का अखाड़ा एक नई क्रांति की शुरुआत करेगा। यह अखाड़ा केवल धार्मिक मंच नहीं बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक सुधार का प्रतीक बनेगा।”

“संत रविदास समाज में है एकता की ताकत”

कार्यक्रम के अंत में श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने दोहराया कि संत रविदास का समाज सबसे अनुशासित और एकजुट समाज है। उन्होंने कहा,

“हमारा उद्देश्य केवल अखाड़ा बनाना नहीं, बल्कि समाज को उसका गौरव दिलाना है। जब रविदास अखाड़ा दुनिया के सामने आएगा, तो हर कोई उसकी अनुशासन, परंपरा और एकता का उदाहरण देगा।”

उन्होंने कहा कि हरिद्वार और पूरे हिंदुस्तान में कई अखाड़े हैं, लेकिन संत रविदास का अखाड़ा विश्व स्तर पर सबसे अलग और विशाल होगा।

भव्य अधिवेशन में जुटे सैकड़ों लोग, समाज का उमड़ा उत्साह

अधिवेशन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। मंच पर धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक जगत की कई हस्तियां मौजूद रहीं।
प्रदेश महामंत्री संगठन सतीश कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि आयोजन की व्यवस्था शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ संगठन के पदाधिकारियों ने की।

इस मौके पर उपस्थित रहे प्रमुख अतिथियों में —
पूर्व डिप्टी स्पीकर आत्मा राम परमार, अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष मुकेश कुमार, समाज कल्याण परिषद उपाध्यक्ष देशराज कर्णवाल, उच्च शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री डॉ. जयपाल सिंह चौहान, रुड़की भाजपा जिलाध्यक्ष शोभराज प्रजापति, अनुसूचित जाति आयोग सदस्य विशाल मुखिया, पूर्व दर्जाधारी सुशील चौहान, पूर्व मंत्री सुबोध राकेश, उपाध्यक्ष राजेश गौतम, संरक्षक मोदिमल तेगवाल, किशोर पाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक भारती, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बरखा रानी, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार, जिलाध्यक्ष देशराज कपिल, विजय पाल सिंह, महंत मेहर दास, भूपसिंह, स्वराज सिंह, मनीराम, पूर्व मंत्री यशवीर सैनी, संदीप कुमार, संजय कुमार आदि शामिल रहे।

संतों और समाजसेवियों ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि रविदास समाज का अखाड़ा बनना केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और एकता की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा।

“हरिद्वार से उठी नई सामाजिक क्रांति की लहर”

अधिवेशन के समापन पर जब श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा —

“रविदास समाज का अखाड़ा इतना बड़ा बनेगा कि दुनिया देखती रह जाएगी,”
तो पूरा सभागार तालियों की गूंज से भर उठा।

हरिद्वार की इस ऐतिहासिक घोषणा ने यह स्पष्ट कर दिया कि रविदास समाज अब केवल भक्ति और श्रद्धा का नहीं, बल्कि संगठन, एकता और सम्मान का प्रतीक बनकर उभर रहा है।
्आगामी कुंभ में यह अखाड़ा न केवल संत परंपरा को नई ऊंचाई देगा बल्कि समाज को भी उसका गर्वपूर्ण स्थान दिलाएगा।

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