बेतालघाट फायरिंग कांड पर सख्त हुआ निर्वाचन आयोग,, सीओ भवाली पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति, थानाध्यक्ष बेतालघाट निलंबित,, 14 अगस्त को प्रमुख-उप प्रमुख चुनाव के दौरान चली थीं गोलियां, लापरवाही पर गिरी गाज

इन्तजार रजा हरिद्वार- बेतालघाट फायरिंग कांड पर सख्त हुआ निर्वाचन आयोग,,
सीओ भवाली पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति, थानाध्यक्ष बेतालघाट निलंबित,,
14 अगस्त को प्रमुख-उप प्रमुख चुनाव के दौरान चली थीं गोलियां, लापरवाही पर गिरी गाज
देहरादून/नैनीताल।
उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने नैनीताल जनपद के बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख एवं उप प्रमुख के चुनाव के दौरान हुई फायरिंग घटना का संज्ञान लेते हुए बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने क्षेत्राधिकारी भवाली प्रमोद शाह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेज दी है, साथ ही थानाध्यक्ष बेतालघाट अनीश अहमद को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव में हिंसा का माहौल
गौरतलब है कि 14 अगस्त को बेतालघाट में प्रमुख और उप प्रमुख पद के चुनाव के दौरान माहौल अचानक बिगड़ गया था। चुनावी प्रक्रिया के बीच अचानक फायरिंग की घटना सामने आई, जिससे अफरातफरी मच गई। स्थानीय स्तर पर इसे कानून-व्यवस्था की गंभीर चूक माना जा रहा है। इस घटना ने न सिर्फ ग्रामीणों को भयभीत किया बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता पर भी सवाल खड़े कर दिए।
निर्वाचन आयोग का कड़ा रुख
फायरिंग की जानकारी मिलते ही राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरी घटना की रिपोर्ट तलब की। आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनावी माहौल में इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग ने क्षेत्राधिकारी भवाली प्रमोद शाह को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भेजी है। वहीं, बेतालघाट थानाध्यक्ष अनीश अहमद पर तत्काल प्रभाव से निलंबन की गाज गिरी है।
लोकतंत्र पर चोट मानी जा रही घटना
चुनाव के दौरान हिंसा को लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधी चोट माना जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक प्रमुख और उप प्रमुख का चुनाव स्थानीय विकास और राजनीति की दिशा तय करता है। ऐसे में मतदान या चुनावी प्रक्रिया के दौरान गोली चलना गंभीर अपराध है। इस घटना ने प्रशासनिक जिम्मेदारी और पुलिस की तत्परता पर भी सवाल खड़े किए हैं।
शासन तक भेजी गई संस्तुति
राज्य निर्वाचन आयोग ने शासन को साफ संदेश दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयोग ने शासन को पत्र भेजकर दोनों अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करने की संस्तुति दी है।
स्थानीय जनता में रोष
बेतालघाट में हुई फायरिंग के बाद से स्थानीय जनता में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस और प्रशासन सतर्क रहते तो ऐसी घटना घटित ही नहीं होती। अब जबकि निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई शुरू की है, तो लोगों को उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर पहले से कड़ा नियंत्रण होगा।
यह पूरा मामला उत्तराखंड में चुनावी शुचिता और प्रशासनिक जिम्मेदारी का बड़ा इम्तिहान माना जा रहा है। अब निगाहें शासन पर टिकी हैं कि आयोग की संस्तुति पर कितनी शीघ्रता और सख्ती से अमल होता है।