भारी बारिश का रेड अलर्ट: हरिद्वार प्रशासन अलर्ट मोड में,, लक्सर तहसील सभागार में आपदा प्रबंधन की अहम बैठक आयोजित,, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी ने दिए त्वरित राहत-कार्य के निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- भारी बारिश का रेड अलर्ट: हरिद्वार प्रशासन अलर्ट मोड में,,
लक्सर तहसील सभागार में आपदा प्रबंधन की अहम बैठक आयोजित,,
अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी ने दिए त्वरित राहत-कार्य के निर्देश
हरिद्वार, 01 सितंबर 2025।
मौसम विभाग द्वारा भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए हरिद्वार जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसी के मद्देनज़र जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में सोमवार को लक्सर तहसील सभागार में आपदा प्रबंधन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। इस बैठक की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी ने की। बैठक में जिला एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया और संभावित आपदा से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की।
अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश
बैठक में एडीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लक्सर तहसील जलभराव की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में प्रत्येक विभाग को अलर्ट मोड पर रहना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि कहीं भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है तो तत्काल समन्वय स्थापित कर जल निकासी की कार्रवाई की जाए। सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया कि किसी भी घटना या हादसे की सूचना तुरंत जिला आपदा कंट्रोल रूम, तहसील कंट्रोल रूम और बाढ़ चौकियों को दी जाए ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
संपत्तियों और परियोजनाओं के नुकसान का आंकलन अनिवार्य
अपर जिलाधिकारी नेगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भारी वर्षा से यदि किसी भी प्रकार की परिसंपत्ति या परियोजना को क्षति पहुँचती है, तो उसका तत्काल आंकलन किया जाए। इस आंकलन के साथ फोटोग्राफ और रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग से प्रशासन को राहत एवं पुनर्वास की प्रक्रिया को गति देने में आसानी होगी।
राहत शिविरों में होगी सभी मूलभूत सुविधाएं
बैठक में एडीएम ने उप जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि जलभराव की स्थिति गंभीर हो और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की आवश्यकता पड़े, तो राहत शिविरों में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि इन शिविरों में भोजन, पेयजल, बिजली, बिस्तर और शौचालय की पूरी व्यवस्था रहे ताकि प्रभावित लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
विद्युत और पेयजल व्यवस्था पर विशेष जोर
अपर जिलाधिकारी ने बिजली और पानी की आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। विद्युत विभाग और जल संस्थान के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा गया कि आपूर्ति बाधित न हो। एडीएम ने कहा कि यदि कहीं बिजली गुल होती है तो तुरंत उसे बहाल किया जाए। साथ ही फील्ड कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि वे झूलती हुई विद्युत तारों का निरीक्षण करें ताकि कोई दुर्घटना न हो।
पेयजल आपूर्ति पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी योजना को क्षति पहुँचती है तो उसे तत्काल दुरुस्त कर पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
आपदा नियंत्रण के लिए विभागीय तालमेल ज़रूरी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करेंगे। चाहे स्वास्थ्य विभाग हो, शिक्षा विभाग हो या पंचायत स्तर तक की इकाइयाँ—हर कोई अपनी जिम्मेदारी निभाएगा। एडीएम ने कहा कि यदि प्रत्येक विभाग अपनी भूमिका पूरी ईमानदारी से निभाए तो किसी भी आपदा का मुकाबला आसानी से किया जा सकता है।
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस बैठक में उप जिलाधिकारी लक्सर सौरभ असवाल, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, तहसीलदार लक्सर प्रताप सिंह चौहान, सीओ लक्सर नताशा सिंह, डीएसओ तेजबल सिंह, एसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, अधिशासी अभियंता यूपीसीएल देवेंद्र कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी विमल कुमार सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
जनता से अपील
अपर जिलाधिकारी ने आम नागरिकों से अपील की है कि भारी वर्षा के दौरान अफवाहों से बचें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में लोग तुरंत नजदीकी बाढ़ चौकी, तहसील कार्यालय या जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है, लेकिन जन सहयोग के बिना इस संकट से निपटना संभव नहीं है।
हरिद्वार जिला प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए आपदा प्रबंधन की कमान संभाल ली है। रेड अलर्ट की स्थिति में लक्सर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में प्रशासन की यह सक्रियता राहत की उम्मीद जगाती है। अब देखना यह होगा कि भारी बारिश की चुनौती के बीच यह तैयारियां कितनी प्रभावी साबित होती हैं।