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प्रशासनिक चुस्ती का संदेश: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला कार्यालय में किया औचक निरीक्षण,, अनुपस्थित कर्मचारियों पर कसा शिकंजा, सेवा समाप्ति तक के दिए निर्देश,, बायोमैट्रिक उपस्थिति, ई-ऑफिस, CCTV, और फर्नीचर सुधार से लेकर आमजन की समस्याओं तक—हर पहलू पर हुई सख्त कार्रवाई

इन्तजार रजा हरिद्वार- प्रशासनिक चुस्ती का संदेश: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला कार्यालय में किया औचक निरीक्षण,,
अनुपस्थित कर्मचारियों पर कसा शिकंजा, सेवा समाप्ति तक के दिए निर्देश,,
बायोमैट्रिक उपस्थिति, ई-ऑफिस, CCTV, और फर्नीचर सुधार से लेकर आमजन की समस्याओं तक—हर पहलू पर हुई सख्त कार्रवाई


हरिद्वार, 19 जुलाई 2025।
हरिद्वार जिला प्रशासन में कार्य संस्कृति और पारदर्शिता को मजबूत करने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने आज जिला कार्यालय परिसर के विभिन्न विभागों एवं पटलों का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण न केवल प्रशासनिक अनुशासन स्थापित करने की दिशा में अहम कदम था, बल्कि एक सख्त संदेश भी था कि शासन प्रणाली में लापरवाही और अनियमितता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालयीन गतिविधियों, कार्मिकों की उपस्थिति, फर्नीचर व उपकरणों की स्थिति, पटल संचालन, दस्तावेजी संधारण, जनता की समस्याओं के समाधान और ई-ऑफिस प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की। जिलाधिकारी का यह दौरा, अपने आप में एक प्रशासनिक चेतावनी भी था, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को उनके उत्तरदायित्व का बोध कराना था।

अनुपस्थित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस, एक की सेवा समाप्त करने के निर्देश

निरीक्षण के दौरान सबसे गंभीर मामला स्वान केंद्र और एसएलओ ऑफिस में सामने आया, जहां बिना किसी पूर्व सूचना के सीनियर नेटवर्क इंजीनियर और वरिष्ठ सहायक गैरहाजिर मिले। इस पर जिलाधिकारी ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

इससे भी गंभीर मामला भूमि अध्यापित कार्यालय का रहा, जहां एक अमीन लम्बे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर था। पूर्व में कई बार नोटिस देने के बावजूद जवाब न मिलने पर जिलाधिकारी ने उसकी सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिए। यह कार्यवाही न केवल प्रशासनिक अनुशासन की मिसाल है बल्कि अन्य कर्मचारियों के लिए चेतावनी भी है कि ड्यूटी में लापरवाही अब कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।

सभी कार्मिकों को बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश

कार्यालयीन अनुशासन बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचे और बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज करें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कोई भी कर्मचारी बिना पूर्व स्वीकृति के अवकाश पर नहीं जाएगा। अन्यथा, नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

सीसीटीवी कैमरों से निगरानी व्यवस्था होगी मजबूत

चकबंदी, खतौनी और ओसी रूम में निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए जिलाधिकारी ने सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। साथ ही, जिला कार्यालय परिसर में पहले से लगे कैमरों को अपग्रेड कराने और जिन कैमरों की स्थिति खराब है उन्हें बदलने के भी निर्देश दिए। यह कदम कार्यालयीन गतिविधियों में पारदर्शिता लाने और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर निगरानी रखने में मदद करेगा।

ई-ऑफिस सिस्टम को मिलेगा बढ़ावा, ऑफलाइन व्यवस्था पर ब्रेक

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने समस्त पटल सहायकों को निर्देश दिए कि सभी पत्रावलियों को ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से ही प्रस्तुत किया जाए। केवल विशेष परिस्थितियों में ही ऑफलाइन पत्रावली स्वीकार की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य प्रशासन में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना, फाइल मूवमेंट में पारदर्शिता लाना और समयबद्ध कार्य निष्पादन सुनिश्चित करना है।

पुराने फर्नीचर, अलमारियों, मशीनों को हटाकर नए संसाधनों की व्यवस्था

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कई पटलों पर खराब फर्नीचर, जर्जर अलमारियां और पुरानी फोटोस्टेट मशीनें एवं प्रिंटर पाए। उन्होंने नजीर को निर्देश दिए कि एक समिति गठित कर इन वस्तुओं को निष्प्रयोज्य घोषित करने की पत्रावली तैयार की जाए, जिससे कि उन्हें बदलकर नए उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें। इसके साथ ही खराब विद्युत स्विच बोर्ड और वायरिंग की मरम्मत हेतु शीघ्र कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए।

नेम प्लेट और आईडी कार्ड होंगे अनिवार्य

कार्यालय में कई कार्मिकों और पटल सहायकों के पास नेम प्लेट और आईडी कार्ड नहीं पाए गए। इस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों को नाम प्लेट और पहचान पत्र जल्द से जल्द प्रदान किए जाएं। इससे पटल की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।


15-15 दिन में निरीक्षण की व्यवस्था और रिपोर्टिंग अनिवार्य

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आशीष वर्मा को हर 15 दिन में सभी पटलों का निरीक्षण करने और उसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में पटल स्तर पर लापरवाही दोहराई न जाए और कर्मचारी निरंतर सतर्क रहें।


जन समस्याओं के निस्तारण में न हो कोई कोताही

जिलाधिकारी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि जिला कार्यालय में अपनी समस्याएं लेकर आने वाले आम नागरिकों की सुनवाई संवेदनशीलता और तत्परता के साथ की जाए। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि जनसुनवाई को औपचारिकता न समझा जाए, बल्कि समाधान की गंभीर प्रक्रिया के रूप में देखा जाए।


कृषि गणना कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश

भूलेख़ अनुभाग के निरीक्षण में जिलाधिकारी ने पाया कि कृषि गणना का कार्य अब तक पूर्ण नहीं हुआ है। इस पर सहायक भूलेख अधिकारी को सोमवार तक कार्य पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया। यदि कार्य पूर्ण नहीं होता है तो संबंधित कार्मिकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।


निरीक्षण के दौरान प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद

इस निरीक्षण अभियान में जिलाधिकारी के साथ अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दीपेंद्र सिंह नेगी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) फिंचाराम चौहान, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आशीष वर्मा, मुख्य वैयक्तिक अधिकारी सुदेश कुमार तथा सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अरूणेश पैन्यूली आदि अधिकारी मौजूद रहे।


निष्कर्ष: पारदर्शी और जिम्मेदार प्रशासन की ओर एक बड़ा कदम

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का यह औचक निरीक्षण केवल एक प्रशासनिक कार्यवाही नहीं, बल्कि सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही और अनुशासन को पुनः स्थापित करने की एक निर्णायक पहल है। इससे जहां कार्मिकों में चेतना का संचार होगा, वहीं आमजन को भी यह भरोसा मिलेगा कि उनकी समस्याओं के समाधान में अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

यह निरीक्षण आने वाले समय में अन्य सरकारी दफ्तरों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बनेगा—कि कार्यालयों में समय पर उपस्थिति, संसाधनों का समुचित उपयोग, ई-गवर्नेंस की भागीदारी और आमजन के लिए संवेदनशील प्रशासन ही सुशासन की असली पहचान है।

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