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सीएम धामी के “ऑपरेशन कालनेमि” से ढोंगी बाबाओं में मचा हड़कंप,, हरिद्वार पुलिस की दो दिन में बड़ी कार्रवाई, 50 से ज्यादा ढोंगी बाबा गिरफ्तार,, धार्मिक वेश में छुपे फरेब के चेहरे हरिद्वार गंगा घाटों से लेकर कलियर शरीफ तक फैला बाबाओं का नकली तंत्र, एसएसपी बोले – अभियान जारी रहेगा,, आस्था के नाम पर व्यापार करने वालों की अब खैर नहीं

इन्तजार रजा हरिद्वार- सीएम धामी के “ऑपरेशन कालनेमि” से ढोंगी बाबाओं में मचा हड़कंप,,

हरिद्वार पुलिस की दो दिन में बड़ी कार्रवाई, 50 से ज्यादा ढोंगी बाबा गिरफ्तार,,

धार्मिक वेश में छुपे फरेब के चेहरे

हरिद्वार गंगा घाटों से लेकर कलियर शरीफ तक फैला बाबाओं का नकली तंत्र, एसएसपी बोले – अभियान जारी रहेगा,,

आस्था के नाम पर व्यापार करने वालों की अब खैर नहीं

इन्तजार रजा, हरिद्वार Daily Live Uttarakhand 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के बाद हरिद्वार पुलिस ने “ऑपरेशन कालनेमि” के नाम से एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। इस विशेष अभियान का मकसद उन ढोंगी बाबाओं और भेषधारी ठगों को बेनकाब करना है, जो धार्मिक आस्था का चोला पहनकर आम जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

सिर्फ दो दिन के भीतर, हरिद्वार पुलिस ने इस ऑपरेशन के तहत 50 से अधिक ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। इनमें गंगा घाटों पर भगवा पहनकर घूमने वाले तथाकथित बाबा, नागिन नचाने वाले सपेरे, तांत्रिक, और कलियर शरीफ जैसे धार्मिक स्थलों पर आस्था के नाम पर ठगी करने वाले लोग शामिल हैं।

धार्मिक वेश में छुपे फरेब के चेहरे

हरिद्वार जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व वाले शहर में इन बाबाओं की भरमार पिछले कुछ वर्षों से बढ़ रही थी। ये लोग खुद को तांत्रिक, सिद्ध बाबा, नागा साधु या सूफी फकीर बताकर लोगों से चमत्कार और समस्याओं के समाधान का झूठा दावा करते हैं। एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोबाल के अनुसार:

❝ ऑपरेशन कालनेमि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य हरिद्वार की धार्मिक पहचान को ठगों और पाखंडियों से मुक्त करना है। हमने अभी तक 50 से अधिक ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है और यह अभियान आगे भी इसी सख्ती से जारी रहेगा। ❞

बाहरी राज्यों और अलग धर्मों से भी जुड़े हैं कई आरोपी

इस कार्रवाई में चौंकाने वाली बात यह रही कि गिरफ्तार ढोंगियों में कई लोग दूसरे राज्यों से आए हुए हैं। साथ ही, कुछ आरोपी दूसरे धर्मों से भी जुड़े हुए पाए गए हैं, जो धार्मिक रूपांतरण कर नकली बाबा या सूफी बनकर हरिद्वार की गलियों और धार्मिक स्थलों पर भ्रम फैलाते रहे। ये लोग स्थानीय भाषा और वेशभूषा में घुलमिलकर गंगा स्नान, पूजा-पाठ और झाड़-फूंक के नाम पर पैसा ऐंठते थे।

गंगा घाटों और कलियर शरीफ के आस-पास की गई विशेष छानबीन

हरिद्वार पुलिस की टीमें विशेष रूप से हर की पैड़ी, कनखल, भीमगोडा, सप्तऋषि घाट, और कलियर शरीफ जैसे प्रमुख स्थलों पर सक्रिय रहीं। इन जगहों पर भगवा वस्त्रों में घूमते ऐसे ढोंगियों को चिन्हित किया गया जो स्थानीय प्रशासन की नजरों से बचकर भक्तों और श्रद्धालुओं को मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे थे।

पुलिस टीमों में महिला पुलिसकर्मियों और सादे कपड़ों में तैनात सिपाहियों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। स्थानीय व्यापारियों और श्रद्धालुओं से मिली शिकायतों को आधार बनाकर फुटेज जांच और मुखबिर तंत्र के ज़रिए कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

क्यों पड़ा नाम “ऑपरेशन कालनेमि”?

इस ऑपरेशन को ‘कालनेमि’ नाम देने के पीछे रामायण से जुड़ा प्रतीकात्मक संदेश छिपा है। कालनेमि वह राक्षस था जिसने साधु का भेष धरकर हनुमान जी को भ्रमित करने का प्रयास किया था। ठीक उसी तरह, आज के समय में धार्मिक चोला ओढ़े ये फरेबी बाबा आम लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी द्वारा इस ऑपरेशन को यही नाम दिए जाने के पीछे संदेश है – धार्मिक आस्था के नाम पर फरेब नहीं चलेगा।

एसएसपी की चेतावनी – ढोंगियों की कोई जगह नहीं

हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा:

❝ यह पवित्र नगरी गंगा मइया की धरती है। यहां पाखंड और फरेब को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धार्मिक स्थल श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक हैं, जिन्हें ठगों से मुक्त कराना हमारी प्राथमिकता है। ऑपरेशन कालनेमि में अब तक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके आपराधिक रिकॉर्ड और ठगी से जुड़े मामलों की भी जांच की जा रही है। ❞

क्या है आगे की रणनीति?

  • स्थायी निगरानी: हरिद्वार के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी नेटवर्क को और मजबूत किया जाएगा।
  • स्थानीय पंडा समाज और पुरोहितों से समन्वय: स्थानीय धार्मिक समुदाय को भी इस अभियान में शामिल किया गया है ताकि असली और नकली साधुओं की पहचान आसानी से की जा सके।
  • जन-जागरूकता अभियान: श्रद्धालुओं को सतर्क करने के लिए पुलिस द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि किसी भी तरह के चमत्कारिक इलाज या समाधान के झांसे में न आएं।
  • कानूनी कार्रवाई: पकड़े गए लोगों पर विदेशी अधिनियम, ठगी, धोखाधड़ी, और सार्वजनिक शांति भंग जैसी धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

हरिद्वार पुलिस को मिल रही जनता की सराहना

ऑपरेशन कालनेमि के तहत हरिद्वार पुलिस को आम जनता, तीर्थ यात्रियों और स्थानीय धार्मिक संगठनों से खूब समर्थन मिल रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस अभियान की सराहना करते हुए लोग “#OperationKalnemi” हैशटैग के साथ पुलिस को धन्यवाद दे रहे हैं।

आस्था के नाम पर व्यापार करने वालों की अब खैर नहीं

हरिद्वार की पहचान आध्यात्मिक शुद्धता, साधु-संतों की तपोभूमि और गंगा मैया की गोद के रूप में होती है। ऐसे में ढोंगी बाबाओं और पाखंडियों का अस्तित्व यहां किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हो सकता। ऑपरेशन कालनेमि ने हरिद्वार की उस मूल आत्मा को बचाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।

हरिद्वार पुलिस और प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है, और यदि यह अभियान इसी दृढ़ता से चलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब हरिद्वार देश में एक ढोंगमुक्त, पवित्र और पूर्णतः आस्था-प्रधान तीर्थ नगरी के रूप में पुनः स्थापित होगा।

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