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जनपद हरिद्वार में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत कार्यों की समीक्षा: 6035 प्रमाणपत्र जारी, लिव-इन संबंधों के 9 आवेदन प्राप्त

इन्तजार रजा हरिद्वार- जनपद हरिद्वार में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत कार्यों की समीक्षा: 6035 प्रमाणपत्र जारी, लिव-इन संबंधों के 9 आवेदन प्राप्त

हरिद्वार, 16 अप्रैल 2025 – जनपद हरिद्वार में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) के अंतर्गत संचालित गतिविधियों की जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह द्वारा गहन समीक्षा की गई। इस समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने सभी निबंधकों एवं उप निबंधकों को निर्देश दिए कि UCC के अंतर्गत प्राप्त सभी आवेदनों का निस्तारण समयबद्ध, पारदर्शी और संवेदनशीलता के साथ किया जाए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी व्यक्ति को गलत प्रमाणपत्र न मिले और योग्य आवेदकों को किसी भी स्थिति में अनावश्यक अस्वीकृति का सामना न करना पड़े।

बैठक में बताया गया कि जनपद में UCC के अंतर्गत अब तक कुल 6035 प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 764 आवेदन पत्र अभी लंबित हैं, जिनकी समय सीमा समाप्त नहीं हुई है। विभिन्न कारणों से 528 आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं, 55 आवेदन ऑटो अपील में हैं और 220 आवेदन पत्रों पर स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा की जा रही है।

विशेष रूप से, विवाह पंजीकरण हेतु 5176 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, जिनके अंतर्गत आवेदकों को संबंधित प्रमाणपत्र भी जारी कर दिए गए हैं। तलाक एवं विवाह शून्यता के 8 आवेदन भी स्वीकृत किए गए हैं। वसीयतनामा और उत्तराधिकार पंजीकरण के तहत 75 आवेदन स्वीकृत हुए हैं जबकि पहले से पंजीकृत विवाहों के 776 प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं।

बैठक में एक और उल्लेखनीय पहलू यह रहा कि जनपद में लिव-इन रिलेशनशिप के कुल 9 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 3 आवेदन अस्वीकृत, 2 आवेदन ऑटो अपील में, और 4 आवेदन अभी लंबित हैं। यह पहली बार है जब लिव-इन जैसे विषयों पर सरकारी स्तर पर पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है, जो सामाजिक बदलाव और कानूनी पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम नागरिकों तक इस योजना की जानकारी पहुँचाने हेतु रोस्टर बनाकर विशेष कैंपों का आयोजन किया जाए। इन कैंपों में पात्र व्यक्तियों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए ताकि कोई भी नागरिक आवश्यक सेवाओं से वंचित न रह जाए।

बैठक में उपस्थित जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश ने विस्तार से जानकारी दी कि अब तक की प्रक्रिया में UCC के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों में आवेदन स्वीकार किए गए हैं और अधिकांश का समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है ताकि प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी या देरी न हो।

जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने आम नागरिकों से अपील की कि वे UCC के अंतर्गत आने वाली सभी सेवाओं जैसे – विवाह पंजीकरण, तलाक, विवाह शून्यता, लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण, वसीयतनामा और उत्तराधिकार जैसे मामलों में अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार संहिता लागू होने के 6 माह के भीतर पंजीकरण शुल्क ₹250 रखा गया है, जबकि 6 माह पश्चात यह शुल्क ₹2500 होगा।

उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे निर्धारित पोर्टल पर जाकर आवेदन करें और अपने दस्तावेज़ों को सही तरीके से संलग्न करें ताकि किसी प्रकार की त्रुटि या अस्वीकृति से बचा जा सके। उनका कहना था कि UCC न केवल कानून की दृष्टि से आवश्यक है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और समानता को भी मजबूत करता है।

इस बैठक में नगर आयुक्त रुड़की राकेश चन्द तिवारी, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अभिषेक चौहान सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

हरिद्वार जनपद में समान नागरिक संहिता के सफल क्रियान्वयन की दिशा में प्रशासन लगातार सक्रिय है और नागरिकों को इसके प्रति जागरूक एवं सहभागी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह पहल न केवल नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि राज्य में विधिक संरचना को भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाती है।

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