अतिवृष्टि से जनजीवन प्रभावित,, हरिद्वार सहित 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट,, बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल-आंगनबाड़ी बंद

इन्तजार रजा हरिद्वार 🌧️ अतिवृष्टि से जनजीवन प्रभावित,,
⚠️ हरिद्वार सहित 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट,,
🚸 बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल-आंगनबाड़ी बंद
हरिद्वार, 29 अगस्त 2025।
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी वर्षा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए बड़ा कदम उठाते हुए आज जनपद हरिद्वार के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। यह जानकारी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैन्थुरा ने दी। उन्होंने कहा कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते बच्चों को घर से बाहर निकालना जोखिम भरा हो सकता है। हालांकि, विद्यालय चाहें तो ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर सकते हैं।
मौसम विभाग ने अगले तीन घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। चेतावनी के अनुसार 29 अगस्त सुबह 6:13 बजे से 9:08 बजे तक कई जिलों में भारी बारिश, बिजली कड़कने और तूफानी हवाओं की संभावना जताई गई है।
⚠️ किन जिलों और क्षेत्रों में अलर्ट
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टेहरी, उत्तरकाशी, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंहनगर जिले ऑरेंज अलर्ट की जद में हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में सोनप्रयाग, केदारनाथ, श्रीनगर, जानकीचट्टी, लक्सर, रुड़की, भोगपुर, हल्द्वानी, खटीमा, सितारगंज और लोहाघाट शामिल हैं। इन इलाकों और इनके आसपास मध्यम से भारी वर्षा, बिजली गिरने और तेज़ तूफान का खतरा बना हुआ है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। विशेषकर नदी-नालों के किनारे और पहाड़ी मार्गों पर सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
🚨 प्रशासन अलर्ट मोड पर
जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने कहा कि जनता की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी विभागों को सतर्क रहने और राहत-बचाव दलों को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
डीएम ने कहा, “अतिवृष्टि से किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीम पूरी तरह तैयार है। सभी नागरिकों से अपील है कि मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।”
इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय कर दिए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
🌧️ अतिवृष्टि से इस समय उत्तराखंड के कई जिले संकटग्रस्त हैं। शिक्षा व्यवस्था को भी अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में मौसम की स्थिति के अनुसार ही आगे के निर्णय लिए जाएंगे।
लोगों से आग्रह किया गया है कि वे अफवाहों से दूर रहें और प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे निर्देशों का पालन करें।