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स्कूल, शौचालयो और भवनों का होगा सुरक्षा ऑडिट,, बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि, जर्जर भवनों में नहीं चलेंगी कक्षाएं,, वेडिंग डेस्टिनेशन और स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन को मिलेगी गति

इन्तजार रजा हरिद्वार- स्कूल, शौचालयो और भवनों का होगा सुरक्षा ऑडिट,,
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि, जर्जर भवनों में नहीं चलेंगी कक्षाएं,,
वेडिंग डेस्टिनेशन और स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन को मिलेगी गति

देहरादून/हरिद्वार, 25 जुलाई 2025:
मुख्यमंत्री के शासकीय आवास पर आयोजित अहम बैठक में प्रदेश के समग्र शैक्षिक और धार्मिक विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी स्कूल भवनों एवं शौचालयों का सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य रूप से कराया जाए। साथ ही उन्होंने दो टूक कहा कि जर्जर और असुरक्षित भवनों में किसी भी स्थिति में बच्चों को नहीं बैठाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि प्रत्येक स्कूल परिसर की भौतिक स्थिति का मूल्यांकन विशेषज्ञों द्वारा कराया जाए। जो भवन मरम्मत योग्य हैं, उनकी मरम्मत तत्काल कराई जाए और जो पूर्णतः जर्जर हैं, उनका पुनर्निर्माण प्राथमिकता पर किया जाए। शौचालयों की दशा को भी मानकों के अनुरूप लाने और स्वच्छता व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश के नौनिहालों की सुरक्षा में किसी भी स्तर पर लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच समयबद्ध और पारदर्शी होनी चाहिए।”

बैठक में पर्यटन विकास को लेकर भी बड़े निर्णय लिए गए। त्रियुगीनारायण समेत प्रदेश के अन्य धार्मिक और पौराणिक स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना को तेजी से धरातल पर उतारने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्थलों को विवाह पर्यटन के अनुकूल बनाकर राज्य की धार्मिक विरासत को आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ा जा सकता है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और पर्यटन आय में भी इज़ाफा होगा।

इसके साथ ही प्रदेश में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन (Spiritual Economic Zones) विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य आरंभ करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए। यह ज़ोन योग, आयुर्वेद, ध्यान, आध्यात्मिक शोध व पारंपरिक उत्पादों के वैश्विक बाजार से जुड़ाव का केंद्र बनेंगे। इससे उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव शिक्षा, पर्यटन, शहरी विकास और विभिन्न जिलों के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से कहा कि वे कार्यों को केवल कागज़ों तक सीमित न रखें, बल्कि धरातल पर उसका प्रभाव दिखाई देना चाहिए।

यह निर्णय प्रदेश में सुरक्षित शिक्षा वातावरण, धार्मिक पर्यटन और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा में एक मजबूत कदम है, जो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की पहचान को और सशक्त करेगा।

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