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बुग्गावाला में हाथी की संदिग्ध मौत से सनसनी,, दो दिनों में हाथी मौत की दूसरी घटना, वन्यजीव संरक्षण पर उठे सवाल,, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही साफ होगा मौत का असली कारण

इन्तजार रजा हरिद्वार- बुग्गावाला में हाथी की संदिग्ध मौत से सनसनी,,

दो दिनों में हाथी मौत की दूसरी घटना, वन्यजीव संरक्षण पर उठे सवाल,,

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही साफ होगा मौत का असली कारण

हरिद्वार जिले के बुग्गावाला क्षेत्र में हाथी की संदिग्ध मौत से सोमवार को पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार बुग्गावाला-बिहारीगढ़ मार्ग पर किसान ऋषिपाल के खेत में एक हाथी का शव पड़ा मिला। शव देखकर ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी।

वन विभाग की प्रारंभिक जांच में हाथी के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट या हिंसा के निशान नहीं पाए गए हैं। इससे उसकी मौत का कारण रहस्यमयी बना हुआ है। खास बात यह है कि बीते दो दिनों के भीतर इसी क्षेत्र में यह दूसरी घटना है, जब हाथी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। लगातार हो रही घटनाओं ने वन्यजीव संरक्षण और विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वन विभाग ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि मौत का कारण तभी स्पष्ट होगा जब रिपोर्ट सामने आएगी। फिलहाल पूरे इलाके की गहन छानबीन की जा रही है और आसपास के ग्रामीणों व किसानों से पूछताछ की जा रही है। वन क्षेत्राधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि जांच में किसी तरह की लापरवाही या अवैध गतिविधि सामने आती है तो संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हाथी अक्सर खेतों की ओर चले आते हैं, लेकिन इस तरह लगातार मौतें होना बेहद चिंताजनक है। लोगों का मानना है कि कहीं न कहीं इंसान और वन्यजीव के बीच बढ़ते टकराव और पर्यावरण असंतुलन का असर इन घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है।

दो दिनों में दो हाथियों की मौत से वन्यजीव प्रेमी भी चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि हाथी जैसे विशाल और संरक्षित जीव का रहस्यमयी ढंग से मरना एक गंभीर संकेत है। यदि समय रहते स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया गया तो यह पूरे पारिस्थितिक तंत्र के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।

फिलहाल पूरा क्षेत्र इस घटना को लेकर चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। ग्रामीण वन विभाग से पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं, जबकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जांच में कोई भी तथ्य छिपाया नहीं जाएगा। अब सबकी नजर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी है, जो यह तय करेगी कि हाथी की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है या इसके पीछे कोई और वजह है।

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