हरिद्वार की भीड़ में चला रहे थे नकली नोट तीर्थनगरी हरिद्वार को बनाया था नकली नोटों का टारगेट चारधाम यात्रियों की भीड़ में जाली करेंसी चलाने की साजिश हरियाणा और यूपी के दो युवक गिरफ्तार, ₹17,700 की नकली करेंसी बरामद

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार की भीड़ में चला रहे थे नकली नोट
तीर्थनगरी हरिद्वार को बनाया था नकली नोटों का टारगेट
चारधाम यात्रियों की भीड़ में जाली करेंसी चलाने की साजिश
हरियाणा और यूपी के दो युवक गिरफ्तार, ₹17,700 की नकली करेंसी बरामद
हरिद्वार, 14 जून 2025
धार्मिक नगरी हरिद्वार में तीर्थ यात्रियों की भीड़ और स्थानीय बाजारों की चहल-पहल को निशाना बनाकर नकली नोट चलाने की साजिश रचने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई कोतवाली नगर पुलिस द्वारा की गई, जिसमें दोनों आरोपियों के पास से ₹17,700 की नकली करेंसी बरामद हुई है।
गिरफ्तार किए गए दोनों युवकों ने पूछताछ में यह कबूला कि वे जानबूझकर हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थल को निशाना बना रहे थे, क्योंकि यहाँ तीर्थ यात्री और श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं और लेन-देन के दौरान आमतौर पर नोटों की गहराई से जांच नहीं करते।
भीड़भाड़ का उठा रहे थे फायदा
हरिद्वार में इन दिनों चारधाम यात्रा का सीजन चरम पर है, और देशभर से श्रद्धालु गंगा स्नान व पूजन के लिए हरिद्वार आ रहे हैं। इसी भीड़ को अवसर मानते हुए ये आरोपी जाली करेंसी को बाजारों और धार्मिक स्थलों पर चलाने की योजना बना चुके थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई:
- गौरव पुत्र सतीश कुमार, उम्र 28 वर्ष, निवासी डबुआ कॉलोनी, फरीदाबाद (हरियाणा)
- प्रिंस पुत्र रविन्द्र, उम्र 19 वर्ष, निवासी विकास कुंज, लोनी, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
पुलिस के अनुसार, गौरव के पास से ₹500 के नकली नोट और प्रिंस के पास से ₹100 के नकली नोट बरामद किए गए हैं। कुल जाली रकम ₹17,700 है, जिसे दोनों हरिद्वार के बाजारों और श्रद्धालुओं के बीच चलाने की फिराक में थे।
पुलिस टीम की सतर्कता से खुली साजिश
यह कार्रवाई कोतवाली नगर की उस सतर्क पुलिस टीम ने की, जो शहर में लगातार संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। गुप्त सूचना के आधार पर दो संदिग्ध युवकों की तलाशी ली गई, जिसमें नकली नोट बरामद हुए।
पुलिस टीम में शामिल अधिकारी:
- रितेश शाह – प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली नगर
- वीरेन्द्र चन्द रमोला – निरीक्षक
- आशीष नेगी – उपनिरीक्षक
- प्रदीप पंवार – हेड कांस्टेबल
- जसविन्दर – कांस्टेबल
पुलिस टीम ने बिना किसी देरी के दोनों युवकों को हिरासत में लिया और उनके पास मौजूद नकली करेंसी को जब्त कर लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने खुद यह स्वीकार किया कि वे नकली नोटों को भीड़ वाले स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर परिसर और मुख्य बाजार में चलाने वाले थे।
हरिद्वार पुलिस की अपील: सावधान रहें, नोटों की जांच करें
पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय दुकानदारों से अपील की है कि वे नकदी लेन-देन करते समय विशेष सतर्कता बरतें। नकली नोटों को पकड़ना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ प्रमुख संकेतों जैसे वाटरमार्क, सुरक्षा धागा, पारदर्शिता खिड़की और उभरे हुए अक्षरों को देखकर पहचाना जा सकता है।
हरिद्वार पुलिस अब इस गिरोह के पीछे की गहरी साजिश का भी पता लगा रही है। प्राथमिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि दोनों आरोपी किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं, जो दिल्ली-एनसीआर से लेकर उत्तराखंड तक नकली नोटों की आपूर्ति करता है।
एसएसपी हरिद्वार द्वारा एक विशेष टीम गठित की गई है, जो इस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर उन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने का प्रयास करेगी।
क्या कहते हैं जानकार?
वित्तीय अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थलों को इसलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में नकदी का लेन-देन होता है और लोग डिजिटल भुगतान की तुलना में नकद अधिक प्रयोग करते हैं। भीड़-भाड़ में दुकानदारों को भी नोट की सत्यता जांचने का पर्याप्त समय नहीं मिलता, जिससे नकली नोट चलाना आसान हो जाता है।
आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उनके पास से बरामद नकली नोटों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि पता लगाया जा सके कि इन्हें कहां और कैसे छापा गया था।
निष्कर्ष: जागरूकता ही बचाव है
हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों को नकली करेंसी के धंधेबाजों ने अब अपने निशाने पर ले लिया है। ऐसे में आम नागरिकों और तीर्थ यात्रियों को सतर्क रहना होगा। नकली करेंसी का चलन न सिर्फ आर्थिक अपराध है बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा होता है।
Daily Live Uttarakhand अपने पाठकों से अपील करता है कि यदि उन्हें किसी व्यक्ति या दुकान में नकली नोट का संदेह हो तो तुरंत नजदीकी पुलिस को सूचित करें। आपका एक कदम न सिर्फ कई लोगों को धोखे से बचा सकता है, बल्कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता भी खोल सकता है।
रिपोर्ट: इन्तज़ार रज़ा, हरिद्वार
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