अपराधअलर्टइन्वेस्टिगेशनउत्तराखंडएक्सक्लूसिव खबरें

थानाध्यक्ष नितेश शर्मा की अगुवाई में सिडकुल पुलिस की बड़ी कार्रवाई,, नकली शैंपू फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 लाख की खेप बरामद,, तीन आरोपी गिरफ्तार, फरार की तलाश जारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- थानाध्यक्ष नितेश शर्मा की अगुवाई में सिडकुल पुलिस की बड़ी कार्रवाई,,

नकली शैंपू फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 लाख की खेप बरामद,,

तीन आरोपी गिरफ्तार, फरार की तलाश जारी

हरिद्वार, 14 सितंबर 2025।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश भर में अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में हरिद्वार जनपद की सिडकुल पुलिस ने रविवार को एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने डैन्सो चौक स्थित गंगोत्री एनक्लेव फेस-3 में चल रही नकली शैंपू बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। मौके से करीब 15 लाख रुपये की नकली शैंपू की खेप बरामद हुई है। कार्रवाई में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक व्यक्ति मौके से छत के रास्ते फरार हो गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर सख्ती

माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि अवैध फैक्ट्रियों और फर्जी उत्पाद बनाने वाले गिरोहों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। उसी के अनुपालन में सिडकुल थाना पुलिस ने लगातार क्षेत्र में सतर्क रहकर खुफिया जानकारी जुटाई। पुलिस को सूचना मिली कि गंगोत्री एनक्लेव फेस-3 में एक मकान के अंदर क्लिनिक प्लस और सनसिल्क जैसे बड़े ब्रांड्स के नकली शैंपू बनाए जा रहे हैं।

छापेमारी और बरामदगी

सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर एक व्यक्ति छत के रास्ते फरार हो गया। हालांकि, पुलिस ने मौके से तीन लोगों को दबोच लिया, जिन्होंने अपने नाम क्रमशः हसीन, मोहसिन और शहबान बताए।

जब कमरों की तलाशी ली गई तो अंदर का नजारा चौकाने वाला था। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड कंपनी के क्लिनिक प्लस और सनसिल्क ब्रांड के नाम से बड़े पैमाने पर शैंपू तैयार किए जा रहे थे। पुलिस ने मौके से नकली शैंपू की भारी खेप बरामद की, जिसमें शामिल हैं–

  • 32 पेटियां नकली शैंपू (क्लिनिक प्लस और सनसिल्क दोनों ब्रांड)
  • चार ड्रम कच्चा माल (लगभग 1350 लीटर)
  • कच्चा माल भरने की मशीन (स्टेनलेस स्टील)
  • 800 खाली बोतलें, पहले से लगे लेबल के साथ
  • क्लिनिक प्लस शैंपू के आगे और पीछे के 1 किलो लेबल

बरामद माल की कीमत लगभग 15 लाख रुपये आंकी गई है।

ड्रग्स इंस्पेक्टर हरि सिंह और कंपनी प्रतिनिधि पहुंचे

कार्रवाई की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत ड्रग इंस्पेक्टर हरि सिंह को मौके पर बुलाया। उन्होंने फैक्ट्री की जांच की और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड कंपनी के लीगल मैनेजर को भी सूचना दी। जब कंपनी प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे तो पाया गया कि पकड़ा गया माल पूरी तरह से नकली था।

मुख्य आरोपी हसीन से जब लाइसेंस और उत्पादन से जुड़े दस्तावेज मांगे गए तो वह कोई भी वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका। उसने खुद कबूल किया कि वह बिना लाइसेंस के क्लिनिक प्लस और सनसिल्क ब्रांड का नकली शैंपू तैयार कर रहा था और बाजार में बेच रहा था।

गिरफ्तार आरोपी और उनका नेटवर्क

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों की पहचान इस प्रकार की–

  1. हसीन अहमद, पुत्र शकील अहमद, निवासी पठान चौक, लंढौरा मंगलौर, हरिद्वार।
  2. शहबान, पुत्र बशीर, निवासी माता वाला मोहल्ला, लंढौरा मंगलौर, हरिद्वार।
  3. मोहसिन, पुत्र ईखलाक, निवासी माता वाला मोहल्ला, लंढौरा मंगलौर, हरिद्वार।

मकान मालिक और फरार आरोपी की पहचान की जा रही है। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई कर रहा था।

अपराध में लगी धाराएं

उपनिरीक्षक इंद्र सिंह गड़िया ने तीनों आरोपितों को उनके अपराध से अवगत कराते हुए धारा 316/318/61(2) व 63/65 कॉपीराइट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है।

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका

इस पूरी कार्रवाई में थानाध्यक्ष नितेश शर्मा और ड्रग इंस्पेक्टर हरि सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही पुलिस टीम में शामिल उपनिरीक्षक इंद्र सिंह गड़िया, हेड कांस्टेबल देशराज, हेड कांस्टेबल सुनील सैनी, कांस्टेबल गजेंद्र और कांस्टेबल अनिल कंडारी ने मिलकर यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया।

बढ़ती फर्जी प्रोडक्ट फैक्ट्रियों पर सवाल

हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र में आए दिन नकली दवाइयों, कॉस्मेटिक्स और खाने-पीने की वस्तुओं की फैक्ट्रियां पकड़ी जा रही हैं। यह न केवल बड़ी कंपनियों के लिए नुकसानदायक है, बल्कि आम जनता की सेहत और सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। नकली शैंपू और कॉस्मेटिक में उपयोग होने वाला घटिया केमिकल उपभोक्ताओं की त्वचा और बालों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

सरकार और प्रशासन की चुनौती

यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर नकली प्रोडक्ट बनाने वाले गिरोह कैसे सक्रिय रहते हैं। मुख्यमंत्री धामी की सख्ती और पुलिस की तत्परता के बावजूद फैक्ट्रियों का मिलना इस बात का सबूत है कि नेटवर्क गहरा है और इसकी जड़ें कई जिलों तक फैली हुई हैं। प्रशासन के सामने अब यह बड़ी चुनौती है कि इन जड़ों तक पहुंचकर पूरे नेटवर्क को समाप्त किया जाए।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

गंगोत्री एनक्लेव फेस-3 में अचानक पुलिस छापेमारी के बाद स्थानीय लोग भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि आसपास के मकानों में अक्सर बाहर से आने वाले लोग आते-जाते रहते थे, लेकिन इस तरह का काम हो रहा है इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। लोगों ने प्रशासन से अपील की कि ऐसी अवैध गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जाए ताकि समाज में जहरीले और नकली उत्पादों का कारोबार खत्म हो सके।

सिडकुल पुलिस की यह कार्रवाई नकली उत्पाद बनाने वालों के खिलाफ सख्त संदेश है। तीन आरोपितों की गिरफ्तारी और लाखों रुपये का माल जब्त होना यह दर्शाता है कि पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। हालांकि, फरार आरोपी और उसके नेटवर्क की तलाश अभी बाकी है। अगर प्रशासन ने इसी तरह सख्ती जारी रखी तो नकली उत्पादों का यह काला कारोबार जल्द ही समाप्त हो सकता है।

Related Articles

Back to top button