सुमन नगर में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजार पर चला हरिद्वार प्रशासन का बुलडोजर दशकों पुरानी मजार ध्वस्त, सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी थी मजार, कार्रवाई के दौरान मौके पर एसडीएम सदर हरिद्वार अजय वीर सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी और भारी पुलिस बल रहे मौजूद
हरिद्वार के सुमन नगर में अवैध डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के निर्देश पर एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर की अगुवाई में मजार पर प्रशासन का बुलडोजर: एक सख्त कार्रवाई , धामी सरकार का विजन वैध को छेड़ेंगे नहीं अवैध को छोड़ेंगे नहीं

इन्तजार रजा हरिद्वार-सुमन नगर में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजार पर चला हरिद्वार प्रशासन का बुलडोजर दशकों पुरानी मजार ध्वस्त, सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी थी मजार, कार्रवाई के दौरान मौके पर एसडीएम सदर हरिद्वार अजय वीर सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी और भारी पुलिस बल रहे मौजूद
हरिद्वार के सुमन नगर में अवैध डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के निर्देश पर एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर की अगुवाई में मजार पर प्रशासन का बुलडोजर: एक सख्त कार्रवाई , धामी सरकार का विजन वैध को छेड़ेंगे नहीं अवैध को छोड़ेंगे नहीं
हरिद्वार, उत्तराखंड: हरिद्वार का सुमन नगर क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। हाल ही में यहां स्थित सिंचाई विभाग की भूमि पर बनी एक अवैध मजार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई राज्य में अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है, जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर पूरी तत्परता से अंजाम दिया जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रशासन ने न केवल मजार बल्कि अन्य अवैध धार्मिक संरचनाओं को भी हटाने की योजना बनाई है।
प्रशासनिक कदम और अभियान की शुरुआत…हरिद्वार जिले के सुमन नगर क्षेत्र में सिंचाई विभाग की भूमि पर दशकों पुरानी मजार बन गई थी। यह मजार लंबे समय से इस भूमि पर अवैध रूप से स्थित थी, जो सिंचाई विभाग के तहत आने वाली भूमि पर बनाई गई थी। इस मजार के निर्माण के कारण प्रशासन को इस भूमि की सही उपयोगिता को लेकर कई समस्याएं उठ रही थीं। प्रशासन ने पहले इस भूमि के कब्जे की स्थिति को स्पष्ट किया और मजार के अवैध निर्माण को लेकर उचित कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, ताकि सरकारी और सार्वजनिक भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया जा सके। इस अभियान का उद्देश्य उन सभी अवैध निर्माणों को हटाना है जो सरकारी संपत्ति पर बने हैं और जिनका कोई कानूनी आधार नहीं है।
प्रारंभिक चेतावनियां और प्रशासन की भूमिका..अवैध मजार को लेकर प्रशासन ने पहले ही चेतावनी जारी की थी। कुछ दिनों पहले, जिला प्रशासन ने मजार के निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया था। यह नोटिस मजार के प्रबंधकों और वहां के स्थानीय निवासियों को दी गई थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि मजार अवैध रूप से बनी हुई है और इसे शीघ्र ही हटा लिया जाएगा। प्रशासन ने नोटिस में यह भी कहा था कि अगर निर्धारित समय सीमा में मजार को नहीं हटाया जाता, तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
समय सीमा समाप्त होते ही प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। प्रशासन ने निर्णय लिया कि यह कदम न केवल कानून की सख्ती का पालन करने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों की रक्षा के लिए भी आवश्यक है। प्रशासन ने बताया कि इस प्रकार के अवैध निर्माणों को हटाने के लिए पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया गया, और सभी स्थानीय निवासियों और संबंधित व्यक्तियों को सूचित किया गया।
बुलडोजर कार्रवाई और उसके दौरान की स्थितियां…अवधि पूरी होने के बाद प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से मजार को ध्वस्त करने का निर्णय लिया। यह कार्रवाई एक साफ और सख्त संदेश देने के लिए थी कि अवैध निर्माणों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।
मूल रूप से यह कार्रवाई शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई थी, क्योंकि ऐसी घटनाओं में कभी-कभी स्थानीय समुदाय में तनाव पैदा हो सकता है। प्रशासन ने इसे लेकर पहले ही सभी आवश्यक कदम उठाए थे, और यह सुनिश्चित किया था कि कार्रवाई पूरी तरह से शांतिपूर्वक और विधिक तरीके से की जाए।
इस कार्रवाई के दौरान, हरिद्वार के एसडीएम (सदर) अजय वीर सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। उनका कहना था कि यह कार्रवाई सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को समाप्त करने और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी भी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सरकारी भूमि के संरक्षण और उसका उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।
आगे की कार्रवाई और प्रशासन की नीति..प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। अधिकारियों ने कहा कि यह अभियान केवल एक मजार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अगले चरणों में अन्य अवैध धार्मिक संरचनाओं पर भी कार्रवाई की जाएगी। यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी और ऐसे निर्माणों को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा।अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं की जा रही है। यह पूरी प्रक्रिया सरकारी भूमि के संरक्षण और अतिक्रमण को समाप्त करने के लिए है। यह कदम राज्य सरकार की नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करना है, ताकि वह जनता की सेवा में ठीक से इस्तेमाल की जा सके।
लोक सुरक्षा और शांति बनाए रखने की अपील..प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे इस कार्रवाई को लेकर शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार के विरोध या हिंसा से बचें। प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से जनता को यह समझने में मदद मिलेगी कि अवैध निर्माणों के खिलाफ सरकार कठोर कदम उठा रही है।
एसडीएम अजय वीर सिंह ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। हम स्थानीय लोगों से अपील करते हैं कि वे शांति बनाए रखें और इस अभियान का समर्थन करें, क्योंकि यह सबके भले के लिए किया जा रहा है।”
सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण….यह कार्रवाई केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। धार्मिक संरचनाओं को लेकर देशभर में अक्सर विवाद होते रहते हैं, और इस प्रकार की कार्रवाई में कोई भी संवेदनशीलता पैदा हो सकती है। इसलिए, प्रशासन ने पहले ही सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया था, ताकि किसी भी प्रकार के धार्मिक या सामाजिक तनाव से बचा जा सके।
राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों ने भी इस कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसे प्रशासन की सख्ती और कानून के पालन के रूप में सराहा, जबकि कुछ ने इसे लेकर चिंता व्यक्त की है कि इस प्रकार की कार्रवाई से किसी धर्म विशेष की भावनाएं आहत हो सकती हैं। फिर भी, प्रशासन ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कार्रवाई केवल सरकारी भूमि के संरक्षण के लिए की जा रही है और किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है हरिद्वार के सुमन नगर क्षेत्र में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजार को ध्वस्त करने की प्रशासन की कार्रवाई न केवल कानून के पालन का प्रतीक है, बल्कि यह सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभियान जारी रहेगा, और प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी कार्रवाई शांति और सुरक्षा के साथ की जाएगी।