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विद्युत एवं अग्नि सुरक्षा पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम,, ब्रिडकुल एमडी ने गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर दिया जोर,, धामी सरकार की पहल से निर्माण कार्यों में बढ़ रहा है सुरक्षा और गुणवत्ता का स्तर

इन्तजार रजा हरिद्वार- विद्युत एवं अग्नि सुरक्षा पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम,,

ब्रिडकुल एमडी ने गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर दिया जोर,,

धामी सरकार की पहल से निर्माण कार्यों में बढ़ रहा है सुरक्षा और गुणवत्ता का स्तर

देहरादून, 12 अगस्त 2025।
राजधानी देहरादून स्थित सैफ्रॉन लीफ़ होटल में 12 अगस्त को विद्युत और अग्नि सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन स्नाइडर इलेक्ट्रिक, सन्को सिस्टम, मॉडर्न इलेक्ट्रिक एआर कंपनी एवं कॉम्पोजिट इंजीनियर्स के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य भवन निर्माण, विद्युत कार्य और अग्नि सुरक्षा से संबंधित मानकों पर जागरूकता बढ़ाना तथा आधुनिक तकनीकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करना था।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री एन.पी. सिंह, प्रबंध निदेशक, ब्रिडकुल (BRIDCUL) उपस्थित रहे। उन्होंने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, सुरक्षा और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री राणा जी, संयुक्त निदेशक, अग्निशमन सेवा, श्री अजय कुमार (महाप्रबंधक), श्री के.के. सैनी (महाप्रबंधक), श्री एस.के. जैन, आर.ई. अभिषेक भारद्वाज और आर.ई. वाजिद अली भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम की प्रमुख बातें

विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि विद्युत और अग्निशमन कार्यों में गुणवत्ता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

  • विद्युत सुरक्षा: आधुनिक उपकरण, उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और प्रशिक्षित तकनीशियनों का उपयोग ही दुर्घटनाओं को रोक सकता है।
  • अग्नि सुरक्षा: श्री राणा जी ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से भवन निर्माण में आवश्यक अग्नि सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किसी भी परियोजना में आपातकालीन निकास, स्मोक डिटेक्टर और फायर अलार्म अनिवार्य रूप से होने चाहिए।
  • निविदा प्रक्रिया: विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि विद्युत और अग्निशमन कार्यों की निविदाएँ हमेशा विशेष रूप से आमंत्रित की जानी चाहिएं, ताकि गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों से कोई समझौता न हो।

ब्रिडकुल एमडी का संदेश

ब्रिडकुल एमडी श्री एन.पी. सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए—

  1. सभी निर्माण कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार पूरे हों।
  2. सामग्री की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की हो।
  3. भवन निर्माण में गुणवत्ता, सुरक्षा और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए।

उन्होंने कहा कि धामी सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि राज्य में चल रहे निर्माण कार्य अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरे हों।

धामी सरकार की भूमिका और मुख्यमंत्री की पृष्ठभूमि

उत्तराखंड सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में निर्माण और सुरक्षा मानकों को सुधारने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

  • गुणवत्ता नियंत्रण सेल: धामी सरकार ने सभी प्रमुख परियोजनाओं में गुणवत्ता जांच के लिए स्वतंत्र सेल बनाए हैं।
  • अग्नि सुरक्षा अनिवार्य: अब किसी भी नई परियोजना को स्वीकृति तभी मिलती है जब उसमें अग्निशमन उपायों का पूरा खाका शामिल होता है।
  • समयबद्धता पर फोकस: मुख्यमंत्री धामी ने बार-बार कहा है कि “परियोजनाओं में देरी सीधे जनता के विश्वास को चोट पहुँचाती है, इसलिए हमारी सरकार ने तय किया है कि हर काम तय समयसीमा के भीतर पूरा होगा।”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में अपने बयान में कहा—

“हमारी सरकार का स्पष्ट संदेश है कि विकास कार्यों में गुणवत्ता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। हर इमारत, हर सड़क, हर पुल जनता की उम्मीदों का प्रतीक है। इसलिए अधिकारियों और अभियंताओं की यह जिम्मेदारी है कि वे पारदर्शिता और दक्षता के साथ काम करें। उत्तराखंड को सुरक्षित और आधुनिक ढांचा देने के लिए हम हर कदम पर निगरानी रख रहे हैं।”

अभियंताओं और प्रतिभागियों की भागीदारी….….

कार्यक्रम में उत्तराखंड के विभिन्न विभागों के अभियंताओं ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। इसमें BRIDCUL के उपेंद्र रावत, नवीन नेगी और चंद्रकांत बडोनी, सत्येंद्र सकलानी, जसवीर सजवान, जितेंद्र और अन्य अभियंता शामिल थे। सभी प्रतिभागियों ने माना कि इस तरह की कार्यशालाएं व्यावहारिक ज्ञान बढ़ाने और सरकार की नीतियों को लागू करने में सहायक हैं।

आधुनिक तकनीकों पर चर्चा…..

विशेषज्ञों ने अग्निशमन यंत्र, स्प्रिंकलर सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और आधुनिक अलार्म सिस्टम की कार्यप्रणाली समझाई। साथ ही, विद्युत सुरक्षा के लिए सर्किट ब्रेकर, अर्थिंग सिस्टम और इन्सुलेटेड वायरिंग की अहमियत पर भी जोर दिया गया।

उन्होंने कहा कि धामी सरकार की पहल पर राज्य में नई परियोजनाओं में इन उपकरणों का प्रयोग अब अनिवार्य हो गया है।

कार्यक्रम का महत्व……………..

यह कार्यक्रम न केवल तकनीकी जानकारी का मंच था बल्कि धामी सरकार की विकास और सुरक्षा दृष्टि का भी प्रतीक रहा। इसमें यह संदेश स्पष्ट रूप से उभरा कि—

  • गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।
  • सुरक्षा हर परियोजना का अभिन्न हिस्सा होगी।
  • समयबद्धता विकास कार्यों का प्रमुख आधार होगी।

भविष्य की दिशा

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में धामी सरकार की नीतियों और ब्रिडकुल की गाइडलाइंस के अनुसार कार्य करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस प्रकार के प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से होते रहें तो उत्तराखंड आने वाले वर्षों में सुरक्षा और गुणवत्ता के क्षेत्र में देश के लिए एक आदर्श राज्य बनकर उभरेगा।

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