उत्तराखंड में फिर से बरसेंगे बादल,, आठ जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी,, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना, ट्रैकिंग और निर्माण कार्य रोकने के निर्देश
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के अनुसार — देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, टिहरी और हरिद्वार जनपदों में तेज बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि बाकी जिलों के लिए येलो अलर्ट लागू रहेगा।

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड में फिर से बरसेंगे बादल,,
आठ जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी,,
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना, ट्रैकिंग और निर्माण कार्य रोकने के निर्देश
देहरादून, 06 अक्टूबर 2025 उत्तराखंड में एक बार फिर आसमान से आफत बरसने के संकेत मिल रहे हैं। मौसम विभाग ने राज्य के आठ जिलों में अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही 4000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के अनुसार — देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, टिहरी और हरिद्वार जनपदों में तेज बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि बाकी जिलों के लिए येलो अलर्ट लागू रहेगा।
8 अक्टूबर तक बदला रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएस तोमर ने जानकारी दी कि प्रदेश में निम्न दबाव प्रणाली सक्रिय होने से 8 अक्टूबर तक मौसम खराब रहने की संभावना है।
उनके अनुसार —
“6 और 7 अक्टूबर को अधिकांश इलाकों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं और कुछ निचले इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।”
इस दौरान बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाओं की आशंका के चलते नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
चमोली प्रशासन ने ट्रैकिंग व निर्माण कार्य पर लगाई रोक
भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। प्रशासन ने 5 से 7 अक्टूबर तक जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग और निर्माण कार्यों को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
“उच्च हिमालय क्षेत्र में मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए फिलहाल किसी भी व्यक्ति या संस्था को ट्रैकिंग की अनुमति न दी जाए। जिनको पहले से अनुमति दी गई है, उनकी गतिविधियाँ तत्काल रोक दी जाएं।”
संस्थाओं को भेजे गए निर्देश
चमोली प्रशासन ने बद्रीनाथ-केदारनाथ अलकनंदा प्रभाग, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन, जिला पर्यटन अधिकारी, और कार्यदायी निर्माण संस्थाओं को लिखित आदेश भेजे हैं।
निर्देशों में कहा गया है कि —
- उच्च हिमालय क्षेत्र में जारी सभी निर्माण कार्यों को रोक दिया जाए।
- निर्माण स्थलों पर कार्यरत श्रमिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था की जाए।
- किसी भी परिस्थिति में मौसम की अनदेखी न की जाए और सभी टीमें सतर्क रहें।
राज्यभर में प्रशासन सतर्क
राज्य के अन्य जिलों में भी जिला प्रशासन ने अलर्ट मोड अपना लिया है। संभावित जलभराव, भूस्खलन और बिजली गिरने की घटनाओं से निपटने के लिए राजस्व, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें सक्रिय कर दी गई हैं।
हरिद्वार, टिहरी और देहरादून में नगर निकायों को नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के तारों, खंभों और पेड़ों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
यात्रियों और पर्यटकों के लिए चेतावनी
मौसम विभाग ने राज्य आने वाले पर्यटकों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है। चारधाम यात्रा मार्गों, विशेषकर बद्रीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।
पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे केवल प्रशासन से अनुमति मिलने पर ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों की यात्रा करें और मौसम की स्थिति के अनुरूप तैयारी रखें।
अगले 48 घंटे अहम
6 और 7 अक्टूबर के बीच राज्य में सबसे अधिक बारिश होने का अनुमान है। इस दौरान पहाड़ी रास्तों पर फिसलन और नदी-नालों में जलस्तर बढ़ सकता है। इसलिए स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह बरसात मौसमी संक्रमण काल की अंतिम तीव्रता है, जिसके बाद धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगेगी और उच्च हिमालयी इलाकों में बर्फ की पहली परत जमने की संभावना है।उत्तराखंड में अगले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज खराब रहेगा। तेज बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी की संभावना को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। जनता से भी अपील की गई है कि वे अलर्ट का पालन करें, अफवाहों से बचें और मौसम विभाग द्वारा जारी ताज़ा अपडेट पर नज़र बनाए रखें।