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मां गंगा संरक्षण को लेकर सख्त जिलाधिकारी,, एसटीपी पर सीसीटीवी, अतिक्रमण हटाने और मूर्ति विसर्जन पर विशेष निर्देश,, अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, जनजागरूकता पर जोर

इन्तजार रजा हरिद्वार-  मां गंगा संरक्षण को लेकर सख्त जिलाधिकारी,,

एसटीपी पर सीसीटीवी, अतिक्रमण हटाने और मूर्ति विसर्जन पर विशेष निर्देश,,

अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, जनजागरूकता पर जोर

हरिद्वार, 30 अगस्त 2025 –
मां गंगा एवं उनकी सहायक नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक जिला कार्यालय सभागार में आयोजित हुई। बैठक में गंगा की स्वच्छता, अतिक्रमण हटाने और मूर्ति विसर्जन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।

एसटीपी पर सीसीटीवी लगाने के निर्देश

जिलाधिकारी ने बैठक की समीक्षा करते हुए जनपद में संचालित सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी निगरानी से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। साथ ही समिति के सभी सदस्यों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने को भी कहा गया।

अतिक्रमण और पुलों पर जाली लगाने की कार्यवाही

डीएम ने हर की पैड़ी, भीमगोड़ा, चमगादड़ टापू, कांवड़ पटरी मार्ग और आस्था पथ पर किए गए अतिक्रमण को नगर निगम, एचआरडीए, सिंचाई विभाग और एसडीएम के संयुक्त तत्वावधान में तत्काल हटाने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि गंगा को दूषित होने से बचाने के लिए हर की पैड़ी समेत सभी पुलों पर जाली लगाई जाए।

मूर्ति विसर्जन के लिए चिन्हित स्थान

मूर्ति विसर्जन के कारण गंगा को प्रदूषित होने से बचाने हेतु जिलाधिकारी ने नगर निगम द्वारा चिन्हित चार स्थानों — सर्वानंद घाट के सामने, पंत दीप पार्किंग, बैरागी कैंप और कनखल श्मशान घाट — पर ही मूर्ति विसर्जन करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं और आमजन को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा। बैठक में यह सुझाव भी आया कि मूर्तियां मिट्टी या गोबर से बनाई जाएं, ताकि गंगा दूषित न हो। जिलाधिकारी ने इस पर भी व्यापक प्रचार करने को कहा।

अनुपस्थित अधिकारियों पर नाराजगी

बैठक में सिंचाई विभाग उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारी अनुपस्थित पाए गए, जिस पर डीएम ने नाराजगी जताई और कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

बैठक में उपस्थित अधिकारी और सदस्य

बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नंदन कुमार, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह, अभियंता जल संस्थान (गंगा) हरीश बंसल, प्रोजेक्ट मैनेजर (नमामि गंगे) मीनाक्षी मित्तल, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, मुख्य पशु अधिकारी डॉ. डीके चंद, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भंडारी, एडवोकेट हिमांशु सरीन, गंगा समिति के सदस्य रामेश्वर गौड़, मनोज निषाद और डीपीओ नमामि गंगे सत्यदेव आर्य सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में दिए गए सभी सुझावों पर जिलाधिकारी ने आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया और कहा कि गंगा संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

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