डॉल्फिन चिल्ड्रेन एकेडमी में हुआ विशेष पौधारोपण कार्यक्रम,, बच्चों ने लिया ‘हरित भारत’ का संकल्प, लगाए पर्यावरण संरक्षक पौधे,, व्यापार मंडल अध्यक्ष व प्रधानाचार्य ने दिया जागरूकता का संदेश

इन्तजार रजा हरिद्वार- डॉल्फिन चिल्ड्रेन एकेडमी में हुआ विशेष पौधारोपण कार्यक्रम,,
बच्चों ने लिया ‘हरित भारत’ का संकल्प, लगाए पर्यावरण संरक्षक पौधे,,
व्यापार मंडल अध्यक्ष व प्रधानाचार्य ने दिया जागरूकता का संदेश
शिवालिक नगर, 18 जुलाई | संवाददाता
डॉल्फिन चिल्ड्रेन एकेडमी, शिवालिक नगर में आज एक विशेष पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन कर नन्हे विद्यार्थियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश दिया गया। इस आयोजन ने न केवल स्कूल परिसर को हरियाली से भर दिया बल्कि बच्चों के मन में प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी का भाव भी जगाया।
हर पौधा बनेगा हरित भविष्य की नींव
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती देवना यादव ने की, जिन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा,
“प्रकृति की सेवा ही असली सेवा है। हम जितना अधिक हरियाली को बढ़ाएंगे, उतना ही सुरक्षित और सुंदर भविष्य अगली पीढ़ी को मिलेगा। एक छोटा पौधा लगाना भले ही सामान्य लगे, लेकिन यह हमारे पर्यावरण के लिए एक अमूल्य निवेश है।”
प्रधानाचार्य ने बच्चों को यह भी समझाया कि पेड़ केवल ऑक्सीजन ही नहीं देते, बल्कि जल संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता और जैव विविधता को बनाए रखने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्य अतिथि विभास सिन्हा ने बढ़ाया बच्चों का उत्साह
इस विशेष अवसर पर शिवालिक नगर व्यापार मंडल (रजि.) के अध्यक्ष श्री विभास सिन्हा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यालय द्वारा लिए गए इस सार्थक पहल की सराहना करते हुए कहा,
“हर बच्चा यदि जीवन में एक पौधा लगाकर उसकी देखभाल करने का प्रण ले, तो यह धरती फिर से हरी-भरी हो सकती है। डॉल्फिन एकेडमी का यह प्रयास प्रशंसनीय है और व्यापार मंडल भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में पूर्ण सहयोग देता रहेगा।”
श्री सिन्हा ने बच्चों के साथ मिलकर स्वयं भी एक पौधा लगाया और उन्हें पर्यावरण मित्र बनने की शपथ दिलाई।
बच्चों का उत्साह, शिक्षकों-अभिभावकों की भागीदारी
विद्यालय के छात्रों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक विभिन्न प्रकार के फलदार व छायादार पौधे लगाए, जिनमें नीम, अमरूद, गुलमोहर, आंवला आदि शामिल रहे। विद्यार्थियों ने न केवल पौधे लगाए बल्कि उन्हें नाम भी दिए और नियमित रूप से उनकी देखभाल करने का संकल्प भी लिया।
शिक्षकों व अभिभावकों ने भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिक्षकों ने बच्चों को पौधों की उपयोगिता और देखभाल के तरीकों की जानकारी दी। बच्चों ने ‘हरित भारत – स्वच्छ भारत’ जैसे नारों के साथ रैली भी निकाली और अपने-अपने क्षेत्रों में पौधारोपण के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।
सामाजिक सहभागिता और प्रेरक उपस्थिति
इस अवसर पर समाज के कई जागरूक और सम्मानित नागरिक भी उपस्थित रहे, जिनमें बी पी गुप्ता, रविन्द्र सैनी, अलंकृता यादव, वेदांश, भूपेन्द्र सिंह यादव, शिवा सक्सेना, शिवानी त्यागी, पूजा चौबे, सीमा सिंह, रागिनी सिंह, इशू दावे आदि प्रमुख हैं। सभी ने बच्चों के प्रयास की सराहना की और उन्हें प्रकृति मित्र बनने के लिए प्रेरित किया।
छात्रों के संदेश में दिखी संजीदगी
कक्षा 5 की छात्रा शिवानी ने कहा,
“मैंने गुलमोहर का पौधा लगाया है और अब मैं रोज़ इसे पानी दूंगी। जब यह बड़ा होगा, तो यह मेरी मेहनत की पहचान बनेगा।”
इसी प्रकार, कक्षा 7 के छात्र वेदांश ने बताया कि उन्होंने आंवला का पौधा लगाया है ताकि वह न केवल पर्यावरण की सेवा कर सके, बल्कि भविष्य में दूसरों को भी प्रेरित कर सके।
शिक्षकों की भूमिका भी रही सराहनीय
विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को पौधारोपण की प्रक्रिया से लेकर पौधों की देखभाल और उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। अध्यापिका रागिनी सिंह ने बताया,
“हमने बच्चों के बीच पौधों के संरक्षण को लेकर चित्रकला, निबंध व भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की है, ताकि यह सीख उनके मन में गहराई से उतर सके।”
हरियाली की दिशा में सशक्त कदम
डॉल्फिन चिल्ड्रेन एकेडमी का यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक आयोजन न होकर प्रकृति के प्रति समर्पण की वास्तविक अभिव्यक्ति बना। ऐसे आयोजन विद्यालयों और समाज के बीच उस सेतु की तरह हैं जो भविष्य की पीढ़ियों को जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में कार्य करते हैं।
विद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और हर साल और अधिक पौधारोपण किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक कक्षा को एक “ग्रीन ज़ोन” सौंपा जाएगा, जिसकी देखभाल वे पूरे वर्ष करेंगे।
डॉल्फिन चिल्ड्रेन एकेडमी में संपन्न हुआ यह पौधारोपण कार्यक्रम बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों और समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनकर उभरा। यदि हर विद्यालय इस प्रकार की पहल करे, तो निश्चित ही हम एक हरे-भरे, स्वच्छ और संतुलित पर्यावरण की ओर अग्रसर हो सकते हैं।