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111 साल के ग्राम चौकीदार श्री देवीलाल का सम्मान,, SSP हरिद्वार बोले – नींव की ईंटों को हमेशा सम्मान देते हैं,, आज़ादी का दौर देखने वाले देवीलाल जी की अद्वितीय सेवा को पुलिस का नमन

इन्तजार रजा हरिद्वार- 111 साल के ग्राम चौकीदार श्री देवीलाल का सम्मान,,
SSP हरिद्वार बोले – नींव की ईंटों को हमेशा सम्मान देते हैं,,
आज़ादी का दौर देखने वाले देवीलाल जी की अद्वितीय सेवा को पुलिस का नमन

हरिद्वार। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हरिद्वार पुलिस ने एक ऐतिहासिक और भावुक पल का साक्षी बनते हुए, अंग्रेज़ों के जमाने से ग्राम सुरक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा रहे 111 वर्षीय ग्राम चौकीदार श्री देवीलाल जी को सम्मानित किया। यह सम्मान केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उन सभी अदृश्य प्रहरी को समर्पित था जिन्होंने गांव की सुरक्षा, शांति और व्यवस्था के लिए दशकों तक अपना जीवन समर्पित कर दिया।

कुंवाहेड़ी गाँव, कोतवाली मंगलौर अंतर्गत गुरुकुल नारसन चौकी क्षेत्र के निवासी श्री देवीलाल जी ने अपने जीवन के कई दशक पुलिस विभाग और समाज की सेवा में लगाए। चाहे तपती धूप हो, कड़ाके की ठंड हो या मूसलाधार बारिश—उन्होंने दिन-रात अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा, ईमानदारी और सतर्कता के साथ निभाया। वे हमेशा गांव और पुलिस विभाग के बीच एक मजबूत सेतु की तरह खड़े रहे, जिससे ग्रामीणों के मन में सुरक्षा और विश्वास की भावना दृढ़ हुई।

हालांकि अब पुलिस विभाग ने उनके पौत्र को ग्राम प्रहरी नियुक्त किया है, लेकिन श्री देवीलाल जी आज भी सक्रिय रूप से पुलिस विभाग से जुड़े हुए हैं। उनकी सेवा भावना और समर्पण नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पुलिस उपाधीक्षक मंगलौर विवेक कुमार, प्रभारी निरीक्षक मंगलौर शांति कुमार गंगवार, चौकी प्रभारी नारसन हेमदत्त भारद्वाज और पूरे पुलिस स्टाफ ने उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान SSP हरिद्वार ने कहा, “नींव की ईंटों को हमेशा सम्मान देना चाहिए, क्योंकि उन्हीं के बल पर व्यवस्था खड़ी रहती है।”

सम्मान ग्रहण करते समय श्री देवीलाल जी भावुक हो उठे। गुलामी के दिनों की यादें साझा करते हुए उन्होंने कहा, “आज़ादी की कीमत केवल वही जानता है जिसने ग़ुलामी का दौर देखा हो।” उनके इन शब्दों ने पूरे माहौल को भावुक कर दिया।

111 वर्ष की आयु में भी उनकी ऊर्जा और सेवा भावना अद्वितीय है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सेवा की कोई उम्र नहीं होती—सिर्फ इच्छा, लगन और जिम्मेदारी ही सच्ची प्रेरणा है। हरिद्वार पुलिस और ग्रामवासी, दोनों ही उनके योगदान के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हैं और उनके उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करते हैं।

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