मदरसों पर प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही कार्यवाही के विरोध में बीएसपी विधायक मौ शहजाद का विरोध भरा ब्यान, विधायक मौ शहजाद का प्रदेश सरकार पर आरोप, कार्रवाई आड़ में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश, सरकार का यह कदम मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की एक योजना का हिस्सा

इन्तजार रजा हरिद्वार:-मदरसों पर प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही कार्यवाही के विरोध में बीएसपी विधायक मौ शहजाद का विरोध भरा ब्यान, विधायक मौ शहजाद का प्रदेश सरकार पर आरोप, कार्रवाई आड़ में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश, सरकार का यह कदम मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की एक योजना का हिस्सा
हरिद्वार में प्रशासन ने बीते दिनों कई मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मदरसों को सील करने की कार्यवाही की है हालांकि प्रशासन ने साफ किया कि यह कदम प्रशासन की ओर से उन मदरसों की पहचान और नियंत्रण के लिए उठाया गया, जो पंजीकृत नहीं थे और अवैध रूप से चल रहे थे। प्रशासन ने साफ किया कि केवल पंजीकृत और कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त संस्थान ही कार्य कर सकें और अवैध संस्थानों को खत्म किया जा सके।
हालांकि, इस कार्रवाई पर विवाद भी उत्पन्न हुआ है। हरिद्वार में लक्सर से बीएसपी विधायक मौ शहजाद ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार का यह कदम मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की एक योजना का हिस्सा है। उन्होंने इस कदम को एक ऐजंडा बताते हुए मदरसों पर हो रही कार्रवाई का विरोध किया है। विधायक मौ. शहजाद का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश है और सरकार जानबूझकर मुस्लिम समुदाय के संस्थानों को निशाना बना रही है। उनका यह आरोप है कि सरकार का यह कदम न केवल अवैध मदरसों के खिलाफ है, बल्कि यह एक राजनीतिक और सामाजिक उद्देश्य के तहत किया गया है, जिससे मुस्लिम समुदाय को परेशान किया जा सके। विधायक मौ शहजाद ने साफ तौर कहा कि इस विवाद ने समाज में तनाव को जन्म दिया है, क्योंकि प्रशासन और राजनीतिक नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। प्रशासन का कहना है कि यह केवल अवैध संस्थानों के खिलाफ एक कानूनी कार्रवाई है, जबकि विधायक मौ शहजाद सहित कई विपक्षी नेता इसे एक राजनीतिक कदम और मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश मानते हैं। यह स्थिति समाज में एक बहस का कारण बन सकती है,
इस तरह की घटनाएं समाज में एकता और भाईचारे की भावना को प्रभावित कर सकती हैं, यदि इन्हें सही तरीके से न संभाला जाए। इसलिए, यह आवश्यक है कि प्रशासन और राजनीतिक नेता दोनों इस मुद्दे को संवेदनशीलता के साथ देखें और समाधान की दिशा में काम करें।