नकली दवाइयों के खिलाफ एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई,, Dr-Mittal लैब के मालिक देवी दयाल गुप्ता गिरफ्तार,, एक करोड़ से अधिक टैबलेट्स तैयार करने का आरोप,, एसटीएफ ने अब तक गिरोह के चार सदस्यों को किया गिरफ्तार, पूरे नेटवर्क की कुंडली तैयार

इन्तजार रजा हरिद्वार- नकली दवाइयों के खिलाफ एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई,,
Dr-Mittal लैब के मालिक देवी दयाल गुप्ता गिरफ्तार,, एक करोड़ से अधिक टैबलेट्स तैयार करने का आरोप,,
एसटीएफ ने अब तक गिरोह के चार सदस्यों को किया गिरफ्तार, पूरे नेटवर्क की कुंडली तैयार
देहरादून/18 जुलाई 2025
उत्तराखंड एसटीएफ ने नकली ब्रांडेड दवाइयों के बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। टीम ने दिल्ली के अशोक विहार निवासी डॉ. मित्तल लैबोरेट्रीज़ प्राइवेट लिमिटेड के मालिक देवी दयाल गुप्ता को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर आरोप है कि उसने वर्ष 2021 से 2025 तक मिलावटी तरीके से 1 करोड़ 42 लाख 30 हजार टैबलेट्स और 2 लाख कैप्सूल तैयार कर गिरोह के मास्टरमाइंड नवीन बंसल को सप्लाई किए थे।
एसटीएफ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपी को देहरादून क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है और इस गिरफ्तारी को नकली दवाइयों के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया गया है।
नकली दवाओं का रैकेट: ब्रांडेड कंपनियों की हूबहू नकल
इस पूरे मामले की शुरुआत 01 जून 2025 को हुई थी, जब देहरादून के सेलाकुई थाना क्षेत्र में नामी दवा कंपनियों के नकली रैपर, लेबल और QR कोड भारी मात्रा में बरामद हुए। इनमें GLENMARK, INTAS, IPCA, ALKEM, DR REDDY LABS और CADILA जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों की दवाएं शामिल थीं।
पहले पकड़े गए आरोपियों में
- संतोष कुमार
- नवीन बंसल
- आदित्य काला शामिल हैं।
इनसे पूछताछ के बाद यह साफ हुआ कि इस पूरे नेटवर्क में सहसपुर क्षेत्र स्थित Dr-Mittal Lab Pvt. Ltd. से दवाओं का निर्माण किया जा रहा था, जिसे आरोपी देवी दयाल गुप्ता संचालित करता है।
एसटीएफ की सतर्कता और मैन्युअल पुलिसिंग लाई रंग
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर के नेतृत्व में टीम लगातार फैक्ट्री मालिक की तलाश कर रही थी, जो लंबे समय से फरार था। आखिरकार मैन्युअल पुलिसिंग और टीम के अथक प्रयासों से आरोपी देवी दयाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूरे प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए मामले की विवेचना स्वयं एसटीएफ द्वारा की जा रही है।
जब्त दवाओं की चौंकाने वाली मात्रा और वितरण क्षेत्र
जांच में सामने आया कि Dr-Mittal Lab द्वारा तैयार की गई नकली दवाएं निम्न कंपनियों के नाम से पैक कर उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों – हरियाणा, भिवाड़ी (राजस्थान), पंजाब, दिल्ली आदि में भेजी जाती थीं।
Reelin PharmaTek और Bee Chem Biotech जैसी फर्जी कंपनियों के माध्यम से निम्न दवाएं तैयार की गईं:
दवाई का नाम | मात्रा (टैबलेट्स) |
---|---|
Pantaprazole 40 | 50,86,000 |
Diclocin SP | 15,00,000 |
Levocetirizine | 7,70,000 |
Prochlorperazine | 33,93,000 |
Amlodipine | 25,54,000 |
Aceclofenac + Paracetamol | 6,05,000 |
Telmisartan | 4,50,000 |
इन दवाओं को आम जनता को जीवन रक्षक औषधि के रूप में बेचा जा रहा था, जो न केवल स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ है, बल्कि राजस्व की भी बड़ी हानि का कारण है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति
एसटीएफ ने इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए गिरोह के अन्य सदस्यों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर पूरे सप्लाई चैन की जानकारी जुटाई जा रही है।
गिरफ्तार फैक्ट्री मालिक का विवरण:
- नाम: देवी दयाल गुप्ता
- पिता का नाम: स्व. बनारसी दास गुप्ता
- पता: बी-3/70, अशोक विहार फेज-2, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली
- पद: मालिक, Dr-Mittal Laboratories Pvt. Ltd.
गिरफ्तारी करने वाली टीम:
- एसएसपी एसटीएफ: नवनीत सिंह भुल्लर
- टीम: उत्तराखंड एसटीएफ की विशेष टीम
डीजीपी ने दिए थे सख्त निर्देश
उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक श्री दीपम सेठ द्वारा नकली दवाइयों पर रोकथाम और गिरोह की धरपकड़ को लेकर एसटीएफ को विशेष निर्देश दिए गए थे। उन्हीं के निर्देशों पर एसटीएफ ने यह अहम कार्रवाई कर प्रदेश और आमजन को राहत दी है।
उत्तराखंड एसटीएफ की यह कार्रवाई न केवल राज्य बल्कि पूरे उत्तर भारत में नकली दवाइयों के रैकेट को तोड़ने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इस पूरे मामले में और भी गिरफ्तारी होने की संभावना है।
एसटीएफ की सतर्कता, टीमवर्क और मैन्युअल पुलिसिंग ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उत्तराखंड पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ कितनी गंभीर और सक्षम है।