हरिद्वार में परिवहन विभाग की सख्त कार्रवाई,, 25 वाहन चालान, 10 वाहन सीज – रोडवेज बसों की हालत भी उजागर, बसों में मिली गंभीर खामियां,, स्कूल वाहनों पर भी नजर हुई टेढ़ी,, शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर भी शिकंजा,, दो दिन में डिपो की सभी बसों की होगी संयुक्त फिटनेस जांच

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में परिवहन विभाग की सख्त कार्रवाई,,
25 वाहन चालान, 10 वाहन सीज – रोडवेज बसों की हालत भी उजागर, बसों में मिली गंभीर खामियां,,
स्कूल वाहनों पर भी नजर हुई टेढ़ी,,
शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर भी शिकंजा,,
दो दिन में डिपो की सभी बसों की होगी संयुक्त फिटनेस जांच
हरिद्वार। सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग ने शनिवार 06 सितंबर 2025 को बड़ी कार्रवाई की। एआरटीओ (ए), एआरटीओ (ई) और आरआई की संयुक्त टीम ने हरिद्वार क्षेत्र में बसों की सघन जांच अभियान चलाया। जांच के दौरान नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कई गंभीर खामियां सामने आईं। विभाग ने सख्ती दिखाते हुए कुल 25 बसों के चालान किए और 5 वाहनों को सीज कर दिया। यही नहीं, एक बस की फिटनेस रद्द करने की भी संस्तुति की गई है।
बसों में मिली गंभीर खामियां
निरीक्षण में पाया गया कि कई बसें बिना परमिट, बिना टैक्स और बिना लाइसेंस के सड़क पर दौड़ रही थीं। कुछ वाहनों में रिफ्लेक्टर टेप तक नहीं था, वहीं प्रेशर हॉर्न का खुलेआम उपयोग किया जा रहा था। कर्मचारियों की ओर से ड्रेस कोड और वर्दी का पालन नहीं किया गया। वहीं कूड़ेदान (डस्टबिन) जैसी बुनियादी सुविधा का भी अभाव मिला। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह सब सीधे-सीधे मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है और यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ है।
रोडवेज की बसों में भी खामियां
जांच के दायरे में रोडवेज बसें भी आईं। अधिकारियों ने पाया कि रोडवेज की किसी भी बस में उचित रिफ्लेक्टर टेप या डस्टबिन उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा बसों की अन्य तकनीकी खामियां भी सामने आईं। यह खुलासा चौंकाने वाला है क्योंकि आमतौर पर यात्रियों को यह भरोसा रहता है कि रोडवेज बसें सुरक्षित और नियमों के मुताबिक चलती हैं। लेकिन वास्तविकता जांच में उजागर हो गई।
डिपो बसों की फिटनेस जांच होगी
अधिकारियों ने घोषणा की कि अगले दो दिनों में रोडवेज परिसर में हरिद्वार डिपो की सभी बसों की व्यापक संयुक्त जांच की जाएगी। इस दौरान उनकी फिटनेस, सुरक्षा मानकों और यात्रियों की सुविधा से जुड़ी व्यवस्थाओं की गहन जांच होगी। फिटनेस में खामी मिलने पर संबंधित बसों को जब्त करने और उनकी फिटनेस रद्द करने की कार्यवाही भी की जाएगी।
शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर भी शिकंजा
बसों के साथ-साथ यातायात नियमों के उल्लंघन की रोकथाम को लेकर पुलिस ने भी कड़ा रुख अपनाया। एसएचओ श्यामपुर के साथ मिलकर परिवहन विभाग ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान कई संदिग्ध वाहनों की जांच की गई और चालक की ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच की गई। दोषी पाए गए चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
इंटरसेप्टर टीम की कार्रवाई
हरिद्वार यातायात पुलिस की इंटरसेप्टर टीम ने भी इस अभियान में भागीदारी की। इंटरसेप्टर ने सड़कों पर दौड़ते नियम तोड़ने वाले वाहनों की जांच की और 30 वाहनों के चालान काटे। इसके अलावा 5 वाहनों को सीज किया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और सड़क पर अनुशासन कायम किया जा सके।
स्कूल वाहनों पर भी नजर
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि हरिद्वार में संचालित सभी विद्यालयी वाहनों की जांच का कार्य भी जारी है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्कूल बसें बच्चों की सुरक्षा मानकों का पालन करें। अधिकारियों ने कहा कि सीट बेल्ट, अग्निशमन यंत्र, फर्स्ट एड बॉक्स, उचित परमिट और प्रशिक्षित चालक जैसे सभी मानकों की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
एआरटीओ (ए) और (ई) ने कहा कि सड़क पर चलने वाला हर वाहन नियमों का पालन करे यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। बसों और सार्वजनिक वाहनों में गड़बड़ी मिलने पर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले वाहन मालिक और चालक बख्शे नहीं जाएंगे।
जनहित में बड़ा संदेश
इस कार्रवाई ने न सिर्फ प्राइवेट बस ऑपरेटरों बल्कि रोडवेज प्रशासन को भी बड़ा संदेश दिया है। यह साफ हो गया है कि चाहे सरकारी बसें हों या निजी, सभी के लिए एक ही नियम लागू होंगे और उनका पालन करना अनिवार्य होगा। विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में यह अभियान और तेज किया जाएगा ताकि सड़क सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा से कोई समझौता न हो।
👉 कुल मिलाकर, हरिद्वार में हुए इस संयुक्त निरीक्षण ने यातायात विभाग और रोडवेज दोनों की खामियां सामने ला दी हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस पर क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं और क्या वाकई बसों की हालत में सुधार होता है या कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाती है।