उत्तराखंड में खाँसी की दवाओं पर सख्त कार्रवाई — औषधि नियंत्रण विभाग की विशेष निगरानी शुरू

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड में खाँसी की दवाओं पर सख्त कार्रवाई — औषधि नियंत्रण विभाग की विशेष निगरानी शुरू
हरिद्वार। हाल के मामलों को ध्यान में रखते हुए औषधि नियंत्रण विभाग, उत्तराखंड ने राज्यभर में खाँसी की दवाओं (Cough Syrups) की गुणवत्ता पर निगरानी और अधिक कड़ी कर दी है। अप्पर आयुक्त के निर्देशों पर विभाग की टीम लगातार नमूने एकत्र कर गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशालाओं में भेज रही है, ताकि किसी भी प्रकार की संदूषित या असुरक्षित दवा बाज़ार तक न पहुँच सके।
सघन निरीक्षण और जांच अभियान जारी
राज्य औषधि निरीक्षक एवं CDSCO की संयुक्त टीम द्वारा Risk-based inspections किए जा रहे हैं। अब तक की कार्रवाई में 16 नमूने CMSD स्टोर्स, निजी शिशु अस्पतालों व क्लीनिकों से, तथा 6 नमूने विभिन्न कंपनियों से लिए गए हैं। सभी नमूने गुणवत्ता विश्लेषण हेतु परीक्षण प्रयोगशालाओं में भेजे जा चुके हैं।
निर्माताओं को जारी किए गए कड़े निर्देश
औषधि नियंत्रण विभाग ने सभी औषधि निर्माण इकाइयों को निर्देशित किया है कि—
- केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण व बिक्री पूर्णतः बंद किया जाए।
- खाँसी की दवाओं में प्रयुक्त Propylene Glycol, Glycerin, Sorbitol आदि केवल फार्मा-ग्रेड गुणवत्ता मानकों के अनुरूप ही उपयोग किए जाएँ।
- खाँसी की दवाओं का निर्माण तभी किया जाए जब इकाई के पास Gas Chromatography (GC) मशीन उपलब्ध हो, ताकि DEG और EG जैसी हानिकारक मिलावट की समय पर जाँच की जा सके।
जनहित सर्वोपरि: औषधि नियंत्रक उत्तराखंड
औषधि नियंत्रक, उत्तराखंड ने कहा कि विभाग का उद्देश्य राज्य में केवल सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली दवाएँ उपलब्ध कराना है। उन्होंने चेतावनी दी कि—
“यदि किसी भी इकाई द्वारा गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन पाया गया, तो उसके विरुद्ध Drugs and Cosmetics Act, 1940 के अंतर्गत कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”