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ड्रग्स के खिलाफ सख़्त अभियान: हरिद्वार में मेडिकल स्टोर्स पर प्रशासन की कड़ी नज़र, ड्रग्स इंस्पेक्टरों और सिडकुल पुलिस की संयुक्त छापेमारी, तापमान और नशीली दवाओं की बिक्री पर विशेष फोकस, डेंसो चौक से सिडकुल तक सख्ती का संदेश, फार्मा कंपनियों की कार्यप्रणाली भी जांच के दायरे में

इन्तजार रजा हरिद्वार- ड्रग्स के खिलाफ सख़्त अभियान: हरिद्वार में मेडिकल स्टोर्स पर प्रशासन की कड़ी नज़र,
ड्रग्स इंस्पेक्टरों और सिडकुल पुलिस की संयुक्त छापेमारी, तापमान और नशीली दवाओं की बिक्री पर विशेष फोकस,
डेंसो चौक से सिडकुल तक सख्ती का संदेश, फार्मा कंपनियों की कार्यप्रणाली भी जांच के दायरे में

हरिद्वार, 14 मई।
हरिद्वार में औषधि नियंत्रण विभाग और थाना सिडकुल पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर मेडिकल स्टोर्स और फार्मा कंपनियों पर ताबड़तोड़ निरीक्षण किया। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती, एडीसी डॉक्टर सुधीर कुमार और नव नियुक्त औषधि निरीक्षकों के नेतृत्व में डेंसो चौक क्षेत्र में निरीक्षण अभियान चलाया गया। अभियान में स्टोरों की व्यवस्थाएं, तापमान नियंत्रण और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की गहन जांच की गई।

तापमान नियंत्रण पर सख्ती, दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं

बढ़ती गर्मी के मद्देनज़र औषधि निरीक्षकों ने दुकानदारों को निर्देश दिए कि वे दवाओं के भंडारण के लिए निर्धारित तापमान बनाए रखें। निरीक्षण में यह सामने आया कि कई दुकानों पर कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्थाएं उचित नहीं थीं।

अनीता भारती ड्रग्स इंस्पेक्टर हरिद्वार ने कहा, “गर्मियों में कई दवाएं जैसे इंसुलिन, एंटीबायोटिक्स व वैक्सीन अपनी प्रभावशीलता खो सकती हैं। यदि तापमान नियंत्रित नहीं रहा, तो यह सीधे मरीज की जान पर जोखिम बन सकता है।”

औषधि विभाग ने साफ निर्देश दिए कि सभी दुकानों पर मेडिकल ग्रेड रेफ्रिजरेटर, तापमान मॉनिटरिंग यंत्र और रिकार्डिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लगें। जिन दुकानों ने इस दिशा में लापरवाही बरती, उन्हें चेतावनी दी गई है, और कुछ को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

नशीली दवाओं की बिना पर्ची बिक्री पर जीरो टॉलरेंस नीति

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी मेडिकल स्टोर डॉक्टर की वैध पर्ची के बिना नशीली दवाओं की बिक्री न कर रहा हो। टीम ने दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस नियम का उल्लंघन हुआ तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। पेनकिलर्स, स्लीपिंग पिल्स और अन्य संवेदनशील दवाएं अक्सर अवैध रूप से बेची जाती हैं और उनका दुरुपयोग होता है। इसे रोकने के लिए दुकानों से बिक्री रजिस्टर की जांच की गई और उनके रखरखाव की विधिवत हिदायत दी गई।

फार्मा कंपनी का भी हुआ निरीक्षण, GMP अनुपालन पर ज़ोर

अभियान के तहत सिडकुल स्थित एक फार्मा कंपनी का भी निरीक्षण किया गया। नव नियुक्त औषधि निरीक्षकों — मेघा, अमित कुमार आज़ाद और हार्दिक भट्ट — ने उत्पादन प्रक्रिया, दवाओं की पैकेजिंग, स्टोरेज और गुणवत्ता जांच प्रणाली का मूल्यांकन किया। औषधि अधिकारियों ने कंपनी को सख्त चेतावनी दी कि निर्माण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कंपनी को निर्देश दिए गए कि वह GMP (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) के मानकों का पूरी तरह से पालन करे।

जनहित में अभियान, लापरवाही पर कोई रियायत नहीं

एडीसी डॉक्टर सुधीर कुमार ने कहा कि यह अभियान केवल निरीक्षण भर नहीं, बल्कि आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति को सुरक्षित, प्रभावी और सही तापमान में रखी गई दवा ही मिले।” थाना सिडकुल के पुलिस अधिकारियों ने भी इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने यह संदेश दिया कि हरिद्वार में औषधीय अनियमितताओं पर अब कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

हरिद्वार में ड्रग नियंत्रण अब और मजबूत होगा

डेंसो चौक और सिडकुल क्षेत्र में चला यह निरीक्षण अभियान सिर्फ एक दिन की कार्यवाही नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। आने वाले दिनों में पूरे जनपद में ऐसे निरीक्षण और तेज़ी से चलाए जाएंगे।

यह कदम न केवल चिकित्सा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने में मदद करेगा, बल्कि गैरकानूनी दवा कारोबारियों और लापरवाह दुकानदारों को भी चेतावनी देगा कि अब प्रशासन की निगरानी बेहद सख्त हो चुकी है।

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