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धर्मनगरी हरिद्वार में गौवंश की सुरक्षा पर सख्त निर्देश,, गौतस्करी व हत्या पर निगरानी, जन्म-मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य,, निर्माणाधीन गौशालाओं को शीघ्र पूर्ण करने के आदेश

इन्तजार रजा हरिद्वार- धर्मनगरी हरिद्वार में गौवंश की सुरक्षा पर सख्त निर्देश,,

गौतस्करी व हत्या पर निगरानी, जन्म-मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य,,

निर्माणाधीन गौशालाओं को शीघ्र पूर्ण करने के आदेश

हरिद्वार, 25 अगस्त 2025।
धर्मनगरी हरिद्वार में आवारा एवं निराश्रित गौवंश की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्त तेवर दिखाए हैं। विकास भवन सभागार में आयोजित जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में उत्तराखण्ड गौसेवा आयोग के अध्यक्ष पं. राजेन्द्र प्रसाद अंथवाल और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की संयुक्त अध्यक्षता में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में गौवंश की तस्करी, हत्या, आवारा पशुओं की सुरक्षा तथा निर्माणाधीन गौशालाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।

गौतस्करी व हत्या पर होगी कड़ी कार्रवाई

बैठक में आयोग अध्यक्ष पं. अंथवाल ने अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि हरिद्वार धार्मिक नगरी है, यहां किसी भी प्रकार की गौतस्करी या गौहत्या असहनीय है। उन्होंने कहा कि पुलिस और संबंधित विभाग इस दिशा में सतर्क रहें और दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आदेश दिए कि गौवंश के जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाए और इसके लिए एक विस्तृत रजिस्टर तैयार किया जाए जिसमें प्रत्येक पशु का पूरा विवरण दर्ज हो।

निर्माणाधीन गौशालाओं का काम शीघ्र पूरा करने के निर्देश

अध्यक्ष अंथवाल ने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो गौशालाएं निर्माणाधीन हैं, उन्हें तत्काल पूरा किया जाए ताकि निराश्रित गौवंश को सुरक्षित स्थान मिल सके। उन्होंने 20 दिन के भीतर नए गौसदनों के लिए भूमि चिन्हित करने और प्रस्ताव तैयार करने का आदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में गंभीर है और कई योजनाएं पहले से लागू हैं, जिनका लाभ जल्द से जल्द जमीनी स्तर पर मिलना चाहिए।

गौसेवा योजनाओं की जानकारी

बैठक में यह भी बताया गया कि पंजीकृत गौशालाओं में रखे गए पशुओं के लिए सरकार प्रत्येक पशु पर 80 रुपये का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराती है। साथ ही, ग्राम्य गौसेवक योजना के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति पांच नंदी पालता है तो उसे ब्लॉक स्तर पर पंजीकृत कराया जाएगा और 12 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।

पुलिस को मिली जिम्मेदारी

गौतस्करी और गौहत्या की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए पुलिस को विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। स्थानीय पुलिस और गौवंश संरक्षण स्क्वायड को और अधिक सक्रिय किया जाएगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि अपराधियों को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जाएगा और रात्रि के समय गौवंश को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए उनके गले में रेडियटर बेल्ट लगाने की योजना पर भी तेजी से काम होगा।

डीएम ने दी आश्वस्ति

बैठक के दौरान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि निराश्रित गौवंश की सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि आयोग के निर्देशों का पालन संबंधित विभागों से कड़ाई से कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माणाधीन गौशालाओं का कार्य त्वरित गति से पूर्ण हो और नए गौशालाओं के लिए भूमि चयन में तेजी लाई जाए।

अधिकारियों और समाजसेवियों की उपस्थिति

बैठक में मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.के. चंद ने विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने जनपद में संचालित गौशालाओं, लंबित प्रस्तावों, टैगिंग प्रक्रिया, घायल गौवंश की लिफ्टिंग व्यवस्था और योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी दी। बैठक में नगर आयुक्त रूड़की राकेश चन्द्र तिवारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत संजय खंडूरी, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र पंत, गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष अश्वनी कुमार शर्मा, समाजसेवी कुलदीप सूर्यवंशी, रामगोपाल कंसल, संजय गुप्ता, स्वामी पवन दास और अग्रज मिश्रा सहित नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के अधिकारी मौजूद रहे।

धर्मनगरी हरिद्वार में हुई इस बैठक ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि गौवंश की सुरक्षा और संरक्षण सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता में है। गौशालाओं का निर्माण और आवारा पशुओं की देखरेख अब कड़ी निगरानी में होगी और जिम्मेदार अधिकारियों से इसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

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