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श्रद्धालुओं और जनपदवासियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार की सख्ती,, जनपद भर में अवैध रूप से चल रहे कई क्लीनिक और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर गिरी गाज,, 9 लाख 50 हजार का जुर्माना, कई प्रतिष्ठान सील,, औचक निरीक्षण में खुली स्वास्थ्य सेवाओं की पोल,, 19 अस्पतालों और लैब्स पर जुर्माना,, 50 से ज्यादा अस्पतालों और नैदानिक केंद्रों पर कार्रवाई,, मुख्यमंत्री धामी का कड़ा रुख

इन्तजार रजा हरिद्वार- श्रद्धालुओं और जनपदवासियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार की सख्ती,,

जनपद भर में अवैध रूप से चल रहे कई क्लीनिक और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर गिरी गाज,,

9 लाख 50 हजार का जुर्माना, कई प्रतिष्ठान सील,,

औचक निरीक्षण में खुली स्वास्थ्य सेवाओं की पोल,,

19 अस्पतालों और लैब्स पर जुर्माना,,

50 से ज्यादा अस्पतालों और नैदानिक केंद्रों पर कार्रवाई,,

मुख्यमंत्री धामी का कड़ा रुख

हरिद्वार, 04 सितंबर 2025।
हरिद्वार जनपद और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के साथ अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ निर्देश दिए हैं कि राज्य में संचालित सभी अस्पताल, क्लीनिक और नैदानिक केंद्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय मानकों के अनुरूप ही चलें। इसी क्रम में हरिद्वार जिले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दर्जनों क्लीनिकों और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर शिकंजा कसा है। जांच में खामियां मिलने पर कुछ प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया, जबकि कई पर भारी-भरकम जुर्माना ठोका गया। इस कार्रवाई ने पूरे जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में हड़कंप मचा दिया है।

औचक निरीक्षण में खुली स्वास्थ्य सेवाओं की पोल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह ने बताया कि पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग को शिकायतें मिल रही थीं कि कई नैदानिक संस्थान बिना मानकों के संचालन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद तत्काल जांच के लिए समिति गठित की गई। समिति की अध्यक्षता अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश कुंवर को सौंपी गई, जबकि जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी रवि संदल, राजन ठाकुर और कुलदीप बिष्ट सदस्य बनाए गए।

समिति ने जिले के विभिन्न हिस्सों में औचक निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। जांच के दौरान पाया गया कि कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों में चिकित्सक मौजूद ही नहीं थे। वहीं, कई अस्पतालों और लैब्स में नियमावली की जमकर अनदेखी की जा रही थी। कुछ स्थानों पर तो मशीनें चालू अवस्था में मिलीं लेकिन वहां कोई जिम्मेदार चिकित्सक नहीं था।

सील हुए कई केंद्र और जारी हुए नोटिस

जांच के दौरान टीम ने सख्ती दिखाते हुए कई केंद्रों को सील किया।

  • मान्या डायग्नोस्टिक सेंटर बहादराबाद
  • ग्लोबल मल्टीस्पेशलिटी लंढौरा

इन दोनों केंद्रों को मानक के अनुरूप संचालन न होने पर सील कर दिया गया। वहीं, दीप अल्ट्रासाउंड सुल्तानपुर, यशलोक हॉस्पिटल रुड़की और आर्यावर्त हॉस्पिटल कनखल पर उस समय चिकित्सक मौजूद न मिलने पर नोटिस जारी किए गए और जुर्माना ठोका गया।

19 अस्पतालों और लैब्स पर जुर्माना

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण में 19 अस्पतालों और नैदानिक लैब्स में गड़बड़ियां पाई। सभी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इनमें प्रमुख नाम हैं –

  • लोटस हॉस्पिटल ज्वालापुर
  • एसएन पैथोलॉजी लैब बहादराबाद
  • मेडविन अस्पताल रुड़की
  • दून पैथोलॉजी लैब लंढौरा
  • खुशी हॉस्पिटल लंढौरा
  • लाइफ हेल्थ केयर हॉस्पिटल भगवानपुर
  • सहारा हॉस्पिटल मंगलौर
  • ग्रीन हॉस्पिटल मंगलौर
  • डिवाइन हॉस्पिटल मंगलौर
  • सिटी हॉस्पिटल मंगलौर
  • न्यू मिशन हॉस्पिटल मंगलौर
  • फैमिली हेल्थ केयर सुल्तानपुर
  • वेलनेस हॉस्पिटल इमलीखेड़ा
  • शिखर हॉस्पिटल इमलीखेड़ा

इन सभी को नोटिस जारी करते हुए 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया।

मशीनें जब्त कर भेजा कड़ा संदेश

कार्रवाई के दौरान सिर्फ जुर्माना ही नहीं लगाया गया बल्कि कई क्लीनिकों की मशीनें जब्त कर ली गईं।

  • चौहान एक्सरे क्लीनिक लंढौरा
  • बालाजी एक्सरे सेंटर लंढौरा
  • सहारा हॉस्पिटल सुल्तानपुर
  • खुशी हेल्थ केयर भगवानपुर
  • लाइफलाइन हॉस्पिटल इमलीखेड़ा

इन संस्थानों में मानक के विपरीत कार्यप्रणाली पाए जाने पर मशीनें जब्त कर 50-50 हजार का जुर्माना ठोका गया।

9 लाख 50 हजार का कुल जुर्माना

इस पूरे अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने कुल 9 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिसने जिले के अन्य संचालकों को भी सावधान कर दिया है। अब हर अस्पताल और लैब पर यह दबाव है कि वे स्वास्थ्य विभाग की नियमावली के अनुसार ही कार्य करें, वरना कड़ी कार्रवाई से बचना संभव नहीं।

जनता का स्वास्थ्य सर्वोपरि

हरिद्वार जिला तीर्थनगरी है। यहां न केवल स्थानीय नागरिक बल्कि देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर कोई ढिलाई गंभीर परिणाम ला सकती है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने खुद इस मुद्दे को प्राथमिकता पर लिया और विभाग को सख्त निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री धामी का कड़ा रुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही कहा था कि प्रदेश सरकार आम जनता और श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी। उनका कहना है कि अस्पताल और नैदानिक केंद्र सेवा के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ नहीं कर सकते। जो भी संस्थान नियमों की अवहेलना करेंगे, उन पर न सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सील भी कर दिया जाएगा।

आमजन की प्रतिक्रिया

स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई को लेकर जनता में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि लंबे समय से ऐसे केंद्र खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे। मरीजों और परिजनों को अंधेरे में रखकर इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही थी। अब जब विभाग ने सख्ती दिखाई है, तो इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा।

भविष्य के संकेत

इस अभियान ने साफ कर दिया है कि अब प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं से समझौता नहीं किया जाएगा। आने वाले समय में अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि हर केंद्र का समय-समय पर औचक निरीक्षण होगा और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

हरिद्वार में हुई यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता और सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। 50 से ज्यादा अस्पतालों और नैदानिक केंद्रों पर कार्रवाई करके यह संदेश दे दिया गया है कि चाहे कितना भी बड़ा नाम हो, अगर नियम तोड़े जाएंगे तो कार्रवाई तय है।

👉 जनपदवासियों और श्रद्धालुओं को अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उन्हें और बेहतर व सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

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