कांवड़ यात्रा में गूंजा समाजवादी संकल्प,, हरिद्वार से उठी सुमन देवी की आस्था यात्रा, राव धन्नू सलेमपुर ने किया स्वागत,, 2027 में अखिलेश सरकार की वापसी की कामना लेकर निकली विशेष कांवड़,, राव धन्नू सलेमपुर ने कहा— ‘शिवभक्ति के साथ लौटेगी समाजवादी सरकार’

इन्तजार रजा हरिद्वार-कांवड़ यात्रा में गूंजा समाजवादी संकल्प,,
हरिद्वार से उठी सुमन देवी की आस्था यात्रा, राव धन्नू सलेमपुर ने किया स्वागत,,
2027 में अखिलेश सरकार की वापसी की कामना लेकर निकली विशेष कांवड़,,
राव धन्नू सलेमपुर ने कहा— ‘शिवभक्ति के साथ लौटेगी समाजवादी सरकार’
इन्तजार रजा, हरिद्वार।
सावन का महीना भक्ति, श्रद्धा और गंगाजल के पवित्र भावों से ओतप्रोत होता है, लेकिन इस बार हरिद्वार से निकली एक विशेष कांवड़ यात्रा ने केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और राजनीतिक संदेशों की भी मजबूत गूंज छोड़ी है। यह यात्रा निकली है बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर वाहिनी समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता सुमन देवी और महिपाल चौधरी के नेतृत्व में, जो हरिद्वार पहुंचकर पवित्र गंगाजल लेने के बाद उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए।
यह यात्रा इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसके साथ समाजवादी पार्टी की वापसी की कामना जुड़ी हुई है। कार्यकर्ताओं ने शिवभक्ति को सामाजिक न्याय के संदेश से जोड़ा है और जन-जन तक अखिलेश यादव की नीतियों और भविष्य के संकल्प को पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
हरिद्वार से आस्था और बदलाव की एक नई राह
गंगाजल से भरे हुए कलशों के साथ जब सुमन देवी और महिपाल चौधरी कांवड़ यात्रा के लिए रवाना हुए, तो वहां मौजूद कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह था। “यह सिर्फ जल नहीं है,” सुमन देवी ने कहा, “यह बदलाव की कामना और एक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत समाज की प्रार्थना भी है।”
उनका कहना था कि यह यात्रा उस विचारधारा को समर्पित है, जिसमें हर वर्ग को समान अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान मिले। “हम बाबा भोलेनाथ से केवल आशीर्वाद ही नहीं मांगते, हम उनसे दिशा भी मांगते हैं, ताकि उत्तर प्रदेश फिर से समाजवादी मूल्यों की ओर लौट सके,” उन्होंने जोड़ा।
राव धन्नू सलेमपुर का स्वागत और संकल्प
इस यात्रा के मार्ग में समाजवादी कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह स्वागत आयोजन किए। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर वाहिनी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राव धन्नू सलेमपुर ने विशेष रूप से सुमन देवी और उनके दल का स्वागत किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा—
“यह कांवड़ यात्रा केवल शिवभक्ति नहीं है, यह सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और राजनीतिक चेतना की यात्रा भी है। जब हम गंगाजल लेकर चल रहे हैं, तब हमारे मन में 2027 की उम्मीदें हैं— एक न्यायपूर्ण समाज की, जिसमें समाजवादी पार्टी की सरकार हो, और अखिलेश यादव फिर से मुख्यमंत्री बनें।”
उन्होंने यह भी कहा कि धर्म और राजनीति का स्वस्थ संगम तभी संभव है जब उसमें जनता की भलाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जैसे मुद्दे शामिल हों। उन्होंने आह्वान किया कि हर समाजवादी कार्यकर्ता इस सावन में एक कांवड़ यात्रा नहीं, बल्कि बदलाव की पदयात्रा समझकर शामिल हो।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतीक बनती कांवड़ यात्रा
सामाजिक आंदोलनों में धार्मिक उत्सवों की भूमिका हमेशा से अहम रही है। कांवड़ यात्रा, जो आमतौर पर भक्ति का पर्व माना जाता है, अब एक चेतना का मंच भी बन रहा है। इस वर्ष की यह खास यात्रा उसी चेतना का प्रतीक है, जिसमें ‘आस्था’ और ‘परिवर्तन’ का मिलन है।
सुमन देवी ने यह भी बताया कि वे रास्ते में मिलने वाले लोगों को समाजवादी विचारधारा और बाबा साहब अम्बेडकर के सिद्धांतों के बारे में जानकारी दे रही हैं। “यह यात्रा मेरी आत्मा की आवाज़ है,” उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि हर गांव, हर मोहल्ला समानता और भाईचारे का संदेश समझे।”
समाजवादी कार्यकर्ताओं में जोश, जनता से संवाद
कांवड़ यात्रा केवल कंधों पर रखा गंगाजल नहीं है, यह उन उम्मीदों और सपनों का भार भी है जिसे समाजवादी कार्यकर्ता अपने साथ लेकर चल रहे हैं। वे हर शिवालय में केवल जल नहीं चढ़ाते, वहां एक प्रतिज्ञा दोहराते हैं— “हम सामाजिक न्याय और समानता के उस रास्ते पर चलेंगे जो बाबा साहब और लोहिया जी ने दिखाया है।”
जहां भी यह यात्रा पहुंच रही है, वहां स्थानीय लोग इसे बड़ी श्रद्धा और जिज्ञासा से देख रहे हैं। कई स्थानों पर जनसंवाद का भी आयोजन हो रहा है, जिसमें ग्रामीणों और युवाओं को सरकार की जनविरोधी नीतियों और समाजवादी विकल्पों की जानकारी दी जा रही है।
समापन विचार: एक नई राजनीतिक संस्कृति का संकेत
इस कांवड़ यात्रा ने यह साबित किया है कि धार्मिक आयोजनों को अगर सकारात्मक सामाजिक उद्देश्य से जोड़ा जाए, तो वे बदलाव की ज़मीन भी बन सकते हैं। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर वाहिनी समाजवादी पार्टी की यह पहल आने वाले चुनावों के लिए केवल प्रचार नहीं, बल्कि एक विचारधारा की पुनर्स्थापना है।
सावन की पावन धारा के साथ निकली यह आस्था यात्रा अब उत्तर प्रदेश की धरती पर एक नए राजनीतिक संवाद की शुरुआत कर रही है। यह यात्रा दर्शा रही है कि समाजवादी संकल्प अब कंधों पर उठे हुए कांवड़ों के रूप में जनमानस तक पहुंच रहे हैं।
राव धन्नू सलेमपुर,
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर वाहिनी समाजवादी पार्टी
“हमारी आस्था केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, वह समाज के अंतिम व्यक्ति की भलाई तक फैली है। यह कांवड़ यात्रा उसी भाव को साकार कर रही है।”