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पंचपुरी गढमीरपुर में तहरीक-ए-हुसैनी सोसाइटी का तीसरा सालाना ख्वातीन दीनी मुकाबला सम्पन्न,, ✨ अज़मत-ए-अहलुल बैत पर इल्मी जज़्बा और रूहानी माहौल से गूंजा गढ़मीरपुर,, ✨ इनामात की तकसीम और एक-एक बयान ने छोड़ी गहरी छाप,, आयोजन की थीम – अज़मत-ए-अहलुल बैत

इन्तजार रजा हरिद्वार ✨ पंचपुरी गढमीरपुर में तहरीक-ए-हुसैनी सोसाइटी का तीसरा सालाना ख्वातीन दीनी मुकाबला सम्पन्न,,

✨ अज़मत-ए-अहलुल बैत पर इल्मी जज़्बा और रूहानी माहौल से गूंजा गढ़मीरपुर,,

✨ इनामात की तकसीम और एक-एक बयान ने छोड़ी गहरी छाप,,

✒️ आयोजन की थीम – अज़मत-ए-अहलुल बैत

गढ़मीरपुर (हरिद्वार)।
तहरीक-ए-हुसैनी सोसाइटी (रजि0) की ओर से आयोजित तीसरा सालाना ख्वातीन दीनी मालुमाती मुकाबला रविवार, 17 अगस्त 2025 को एन.बी.एम. हाई स्कूल, गढ़मीरपुर के विशाल प्रांगण में बड़े ही शान-ओ-शौकत के साथ सम्पन्न हुआ।
इस मुकाबले में गढ़मीरपुर, ज्वालापुर, मीरपुर, गंगोह और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में ख्वातीन ने हिस्सा लिया और अपने इल्मी हुनर का शानदार मुज़ाहिरा किया।

✒️ आयोजन की थीम – अज़मत-ए-अहलुल बैत

इस सालाना मुकाबले की खास थीम थी –
“अज़मत-ए-अहलुल बैत : आपकी अजमतें, आपके फजाइल, आपकी कुरबानियाँ और सब्र की इंतिहा।”

पूरा मुकाबला इसी थीम के इर्द-गिर्द चला। सवाल-जवाब, बहस, बयानात और तिलावत सब इसी रौशन पैग़ाम पर आधारित रहे।

✒️ सुबह से गूंजा इल्मी और रूहानी माहौल

सुबह 9 बजे से ही स्कूल का विशाल हॉल खचाखच भर चुका था।
📖 कुरआन-ए-पाक की तिलावत और नात-ए-पाक से आगाज़ हुआ।
इसके बाद मुकाबले के कई राउंड्स शुरू हुए।

ख्वातीन ने बड़ी आत्मविश्वास के साथ जवाब दिए।
हर सही जवाब पर हॉल तालियों से गूंज उठा।
🌹 मंच से फूल और हौसला-अफजाई के जुमले पेश किए गए।

✒️ इनामात और विजेता

इस मुकाबले में हर शिरकत करने वाली को तोहफे और किताबें भेंट की गईं।
मुख्य विजेता रहे:

🏆आईसा पुत्री मुस्तेहसन गढमीरपुर (पहला इनाम विजेता): पहला इनाम (₹2500):
🥈ईरम जहां पुत्री मुख्तियार अली गढमीरपुर: दूसरा इनाम (₹2100):
🥉निदा नाज पुत्री महफूज हुसैन गंगोह तीसरा’ इनाम (₹1100):

1️⃣ सैय्यद एहतेशाम आलम (आयोजन समिति):

👉 “हमारा असल मकसद यह है कि हमारी बेटियां और बहनें अहलुल बैत की रौशन सीरत से जुड़कर अपने घरों और समाज में रोशनी फैलाएं। इन मुकाबलों के ज़रिए हम यह पैग़ाम देना चाहते हैं कि इल्म और सब्र इंसान को बुलंदी तक ले जाते हैं।”

उन्होंने साफ कहा कि यह मुकाबला सिर्फ जीत और हार का नाम नहीं बल्कि एक इल्मी और रूहानी सफर है।


2️⃣ राव मुजीब खाँ:

👉 “आज की यह महफ़िल इस बात की गवाही दे रही है कि हमारी ख्वातीन अगर मौका मिले तो इल्म और दीनी समझ में किसी से पीछे नहीं हैं। हमारी ख्वाहिश है कि यह रोशनी सिर्फ इन तक न रहे, बल्कि आने वाली नस्लों तक पहुँचे।”

उनका कहना था कि यह मुकाबले आने वाली पीढ़ियों के लिए दीपक की तरह हैं।


3️⃣ राव अली नवाज़ खाँ:

👉 “इल्म और अख़लाक इंसान की सबसे बड़ी पहचान है। ऐसे मुकाबले हमें याद दिलाते हैं कि हमारी जिम्मेदारी है इस अमानत को सँभालकर अगली नस्लों तक पहुँचाएं।”

उन्होंने इसे इल्मी अमानत बताया जो समाज में बांटी जानी चाहिए।

4️⃣ आईसा पुत्री मुस्तेहसन गढमीरपुर (पहला इनाम विजेता):

👉 “यह इनाम मेरे लिए सिर्फ़ खुशी नहीं बल्कि एक अमानत है। अब मेरी कोशिश होगी कि मैं दीनी इल्म को और गहराई से सीखूँ और दूसरों तक भी पहुँचाऊँ।”

उन्होंने कहा कि इनाम ने उन्हें और मेहनत के लिए प्रेरित किया है।

5️⃣ ईरम जहां पुत्री मुख्तियार अली गढमीरपुर (दूसरा इनाम विजेता):

👉 “इस मुकाबले ने मुझे यक़ीन दिलाया कि औरतें भी समाज की तालीमी और दीनी सरगर्मियों में अहम किरदार निभा सकती हैं। मैं चाहती हूँ कि अगली बार और भी बहनें इसमें शामिल हों।”

उनका यह बयान पूरे हॉल में तालियों से गूंजा।

6️⃣ निदा नाज पुत्री महफूज हुसैन गंगोह   (तीसरा इनाम विजेता):

👉 “अहलुल बैत की कुरबानियों को समझने का जो मौका यहां मिला, वह मेरी ज़िंदगी का अनमोल तोहफ़ा है। यह इनाम मेरी मेहनत की दाद है और मेरे लिए नई जिम्मेदारी भी।”

उन्होंने कहा कि अब उनकी कोशिश होगी कि और भी बहनों को प्रेरित करें।

7️⃣ हाफिज मुदस्सिर:

👉 “आज का यह मुकाबला इस बात का सबूत है कि जब नीयत साफ और मकसद नेक हो तो पूरा समाज एक मंच पर आ सकता है।”

8️⃣ सैय्यद सनाउलहक:

👉 “मैंने बहुत से मुकाबले देखे हैं, मगर ख्वातीन का इतना इल्मी जज़्बा कम ही देखने को मिलता है। यह माहौल हमारे समाज के लिए मिसाल है।”

9️⃣ मुरसलीन पधान:

👉 “यह मंच हमारी बहनों को बताता है कि वे सिर्फ घर तक महदूद नहीं हैं, बल्कि समाज की तालीम और तरक्की की राह दिखाने वाली रहनुमा भी बन सकती हैं।”

✒️ गणमान्य मेहमान और शिरकत

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मेहमान मौजूद रहे। इनमें शामिल थे –📌 सैय्यद नूरूलहक, सैय्यद आफताब आलम, गुलाम साबिर मियां जी, मुरसलीन प्रधान, सैय्यद तौकीर आलम, राव आबाद खां, तनवीर आयोग, राव एहतेशाम खां, डॉ. राव बाबर अली, नफीस मलिक, डॉ. राव समीर, तसलीम मलिक, दिलशाद मलिक, भूरा साबरी, मुस्सतसन गोड, अलीशेर, नासिर अंसारी, जूनैद राणा,मुस्तकीम, राव आबाद, राव शाहिद मास्टर,डॉ. समीर अली,गुलफाम सलमानी,डॉ. नफीस अब्बासी,मनव्वर शाह,राव जुनेद राणा,राव यूनुश,गुलाम फरीद अंसारी,पूर्व जिला पंचायत – राव आफाक अली,सय्यद काशिफ़ हसन सलेमपुर,मुस्तकीम मलिक,इंतज़ार रज़ा,राव सरदार ख़ान,मोमिन प्रधान,हाजी अनवार मलिक,हाजी मुन्ना शाह,कांतिल कुरैशी (ज़िंदा हसन),रद्दू अब्बासी,चौ. शमीम शाह, चौ. नसीम शाह, आदि

✒️ कार्यक्रम का समापन – दुआ और पैग़ाम

इनामात की तकसीम के बाद सामूहिक दुआ में मुल्क की सलामती, समाज में अमन और तरक्की की दुआ की गई।
🤲 पूरा हॉल दुआ के लिए उठे हाथों का मंज़र पेश कर रहा था।
🌸 विजेताओं का फूलों और गुलदस्तों से इस्तकबाल किया गया।
✨ माहौल रूहानी और इल्मी रंग से भर गया।

✒️ नतीजा

यह मुकाबला साबित करता है कि ख्वातीन न सिर्फ घर की परवरिश में बल्कि समाज की तालीम और तरक्की में भी अहम किरदार निभा सकती हैं।

तहरीक-ए-हुसैनी सोसाइटी का यह तीसरा मुकाबला इल्मी रोशनी का एक नया सफर है, जो आगे भी जारी रहेगा।

📞 सैय्यद एहतेशाम आलम – 9927560310

  • राव मुजीब खाँ – 9027530541

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