तहरीक-ए-हुसैनी सोसाइटी की ओर से तीसरा सालाना ख्वातीन दीनी मालुमाती मुकाबला,, “अज़मते अहलुल बैत” विषय पर आयोजित होगा विशेष कार्यक्रम,, हर प्रतिभागी ख्वातीन को मिलेगा इनाम, पहला इनाम ₹2500

इन्तजार रजा हरिद्वार- तहरीक-ए-हुसैनी सोसाइटी की ओर से तीसरा सालाना ख्वातीन दीनी मालुमाती मुकाबला,,
“अज़मते अहलुल बैत” विषय पर आयोजित होगा विशेष कार्यक्रम,,
हर प्रतिभागी ख्वातीन को मिलेगा इनाम, पहला इनाम ₹2500
गढ़मीरपुर (हरिद्वार), 2 जुलाई 2025 —
हरिद्वार की तहरीक-ए-हुसैनी सोसाइटी (रजि0) की ओर से एक बार फिर महिलाओं को इस्लामी जानकारी और अहलुल बैत (अ.स.) की अजमत से परिचित कराने हेतु एक प्रेरणादायक पहल की गई है। संस्था द्वारा तीसरा सालाना “ख्वातीन दीनी मालुमाती मुकाबला” आगामी 10 अगस्त 2025, इतवार को आयोजित किया जाएगा, जिसका विषय होगा — “अज़मते अहलुल बैत”।
इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अहलुल बैत (अ.स.) की शख्सियत, उनके फजाइल, कुरबानियों और सब्र के असाधारण मिसालों से परिचित कराना है। आयोजकों का कहना है कि यह मुकाबला महज़ एक ज्ञान प्रतियोगिता नहीं, बल्कि इमामत और इस्लामी इतिहास को समझने का एक आध्यात्मिक माध्यम है।
इनामात का ऐलान – हर महिला होगी सम्मानित
खास बात यह है कि इस मुकाबले में भाग लेने वाली किसी भी महिला को खाली हाथ नहीं लौटाया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को उपहार स्वरूप इनामात से नवाज़ा जाएगा। आयोजकों ने घोषित किया है:
- पहला इनाम: ₹2500
- दूसरा इनाम: ₹2100
- तीसरा इनाम: ₹1100
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली प्रत्येक महिला को भी हौसला अफजाई इनाम दिया जाएगा। प्रतियोगिता की पुस्तकें संस्था की ओर से हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में प्रदान की जाएंगी ताकि प्रतिभागियों को तैयारी में कोई कठिनाई न हो।
स्थान व तारीखें
- प्रतियोगिता स्थल: एन. बी. एम. हाई स्कूल, गढ़मीरपुर-हरिद्वार
- फॉर्म भरने की अंतिम तिथि: 10 जुलाई 2025 (बरोज जुमेरात)
- प्रतियोगिता तिथि: 10 अगस्त 2025 (बरोज इतवार)
- रिजल्ट की घोषणा: 17 अगस्त 2025 (बरोज इतवार)
रजिस्ट्रेशन और संपर्क
प्रतियोगिता में भाग लेने की इच्छुक महिलाएं निम्न संपर्क नंबरों पर रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं:
- सय्यद एहतशाम आलम: 9927560310
- राव मुजीब खाँ: 9027530541
मकसद – इल्म, इमामत और इज़्ज़त
सोसाइटी के अनुसार, यह मुकाबला महिलाओं की धार्मिक समझ को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज में उनके सक्रिय और सम्मानजनक योगदान को भी मान्यता देने का एक प्रयास है। अहलुल बैत (अ.स.) की अजमत को समझना महज़ दीनी ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक आवश्यकता है। इस आयोजन के ज़रिए महिलाओं को इस दिशा में जागरूक किया जा रहा है।
आयोजक मंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतियोगिता में किसी भी तरह की उम्र या तालीमी पाबंदी नहीं है। यह मंच हर उस महिला के लिये खुला है, जो अहलुल बैत (अ.स.) की मोहब्बत रखती है और दीनी इल्म हासिल करने की ख्वाहिश रखती है।
इंशा अल्लाह, इस दीनी व इमानी माहौल में एक नई रोशनी का आगाज़ होगा — जहाँ ख्वातीन न सिर्फ़ सवालों के जवाब देंगी, बल्कि इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं को अपने जीवन में भी उतारेंगी।
रिपोर्ट: Daily Live Uttarakhand
सम्पर्क: dailyliveuttarakhand.com | intzar.raza@dailyliveuttarakhand.com