हरियाणा के दारोगा को गोली मारकर फरार बदमाश ने देहरादून में खुद को मारी गोली,, देहरादून में खत्म हुआ फरारी का सफर लक्ष्मण चौक पर गूंजी पिस्तौल की आवाज, हरिद्वार-हरियाणा पुलिस में मचा हड़कंप,, फॉरेंसिक और एसटीएफ टीम जांच में जुटी, घायल दारोगा की हालत पहले से बेहतर,, पढ़ें अपराध और अंत की कहानी

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरियाणा के दारोगा को गोली मारकर फरार बदमाश ने देहरादून में खुद को मारी गोली,, देहरादून में खत्म हुआ फरारी का सफर
लक्ष्मण चौक पर गूंजी पिस्तौल की आवाज, हरिद्वार-हरियाणा पुलिस में मचा हड़कंप,,
फॉरेंसिक और एसटीएफ टीम जांच में जुटी, घायल दारोगा की हालत पहले से बेहतर,,
पढ़ें अपराध और अंत की कहानी
हरिद्वार में शनिवार शाम हरियाणा पुलिस के दारोगा पर गोली चलाकर फरार हुआ बदमाश आखिरकार पुलिस के दबाव को झेल नहीं सका। रविवार दोपहर देहरादून के व्यस्ततम इलाके लक्ष्मण चौक के पास उसने खुद को पिस्तौल से गोली मार ली। यह वारदात होते ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और पुलिस महकमे में भी हड़कंप फैल गया। सूचना पर हरिद्वार और देहरादून पुलिस के साथ-साथ हरियाणा एसटीएफ भी मौके पर पहुंच गई।
हरिद्वार में मुठभेड़ से शुरू हुआ घटनाक्रम
शनिवार को हरिद्वार पुलिस और हरियाणा क्राइम ब्रांच की टीम एक वांछित बदमाश की तलाश में दबिश दे रही थी। इसी दौरान सुनील कुमार उर्फ सुनील कपूर, जो लंबे समय से अपराध जगत में सक्रिय बताया जा रहा था, पुलिस के सामने आ गया। मुठभेड़ के दौरान उसने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से फायरिंग कर दी और गोली हरियाणा क्राइम ब्रांच के दारोगा को जा लगी। मौके की नाजुक स्थिति का फायदा उठाकर सुनील फरार होने में सफल रहा।
घायल दारोगा को तत्काल एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उनकी जान बचा ली। डॉक्टरों ने रविवार को बताया कि उनकी हालत पहले से बेहतर है और अब खतरे से बाहर माने जा रहे हैं।

शनिवार रात से ही हरिद्वार पुलिस, हरियाणा एसटीएफ और स्थानीय खुफिया तंत्र बदमाश की तलाश में सक्रिय हो गए थे। हर जगह चौकसी बढ़ा दी गई थी। इसी दबाव में आकर रविवार दोपहर करीब लक्ष्मण चौक पर सुनील ने अपनी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली। गोली लगते ही वह मौके पर गिर पड़ा। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
स्थानीय पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घटनास्थल को घेर लिया और फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया। पुलिस ने पिस्तौल को कब्जे में ले लिया है और यह वही हथियार बताया जा रहा है जिससे शनिवार को दारोगा को गोली मारी गई थी।
पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त जांच
वारदात की जानकारी मिलते ही हरियाणा एसटीएफ की टीम, जो शनिवार देर रात ही हरिद्वार पहुंच गई थी, अब सीधे देहरादून पहुंचकर जांच में जुट गई है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौके से सबूत इकट्ठा कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह आत्महत्या का मामला है, लेकिन हर पहलू को गहराई से जांचा जा रहा है।
हरिद्वार के पुलिस अधिकारी भी देहरादून पहुंचे और पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।
अपराध और अंत की कहानी
सुनील कपूर पर पहले भी कई गंभीर मुकदमे दर्ज बताए जा रहे हैं। अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनाने की उसकी जिद ने अंततः उसकी जान ले ली। हरियाणा पुलिस का दारोगा अब स्वस्थ्य लाभ की ओर बढ़ रहा है, जबकि सुनील का जीवन फरारी और आत्मघात में समाप्त हो गया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुनील लगातार पुलिस के रडार पर था और उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट समेत कई धाराओं में कार्रवाई की जा रही थी। यही कारण है कि मुठभेड़ के बाद से ही उसका भागना और अंततः आत्महत्या करना उसकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है।
इलाके में दहशत और सवाल
देहरादून जैसे संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले इलाके में दिनदहाड़े गोली चलने की घटना से स्थानीय लोग सहम गए। पुलिस चौकसी पर भी सवाल उठे कि फरार अपराधी इतनी आसानी से राजधानी तक कैसे पहुंच गया। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उसकी मूवमेंट लगातार ट्रैक हो रही थी और पुलिस दबाव से बचने का कोई रास्ता उसके पास नहीं था।
हरियाणा क्राइम ब्रांच के दारोगा पर हमला कर भागा बदमाश सुनील कपूर आखिरकार कानून से बच नहीं सका। पुलिस दबाव और अपनी ही करतूतों के बोझ तले दबकर उसने खुद ही अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह घटना अपराधियों के लिए बड़ा सबक है कि चाहे रास्ता कितना भी शातिराना क्यों न हो, अंत में कानून का शिकंजा ही भारी पड़ता है।