UKSSSC पेपर लीक में बड़ा खुलासा: मुख्य आरोपी खालिद के गिरफ्तार होने के बाद खुली परते, दीवार फांदकर मोजे में मोबाइल छिपाकर परीक्षा केंद्र पंहुचा खालिद,, सख्त चेकिंग और जैमर के बावजूद मोबाइल पहुंचा परिक्षा केंद्र के भीतर, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल,, हरिद्वार पुलिस की जांच हुई तेज, परीक्षा केंद्र की खामियों को खंगाल रही टीमें,, हरिद्वार में बहुचर्चित पेपर लीक मामले का राज़ खुला

इन्तजार रजा हरिद्वार- UKSSSC पेपर लीक में बड़ा खुलासा: मुख्य आरोपी खालिद के गिरफ्तार होने के बाद खुली परते, दीवार फांदकर मोजे में मोबाइल छिपाकर परीक्षा केंद्र पंहुचा खालिद,,
सख्त चेकिंग और जैमर के बावजूद मोबाइल पहुंचा परिक्षा केंद्र के भीतर, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल,,
हरिद्वार पुलिस की जांच हुई तेज, परीक्षा केंद्र की खामियों को खंगाल रही टीमें,,
हरिद्वार में बहुचर्चित पेपर लीक मामले का राज़ खुला

पुलिस सूत्रों का कहना है कि खालिद ने प्रश्नपत्र की तस्वीरें पहले अपनी बहन सबिया को भेजीं। सबिया ने यह तस्वीरें टिहरी निवासी प्रोफेसर सुमन चौहान तक पहुंचाईं। शुरुआती जांच में जैमर सक्रिय होने से संदेश भेजने में देरी हुई, लेकिन खालिद वॉशरूम जाने के बहाने बाहर निकलने में सफल रहा और वहां से फोटो ट्रांसफर कर दी।
सुरक्षा और निगरानी पर बड़ा सवालिया निशान
देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अब तक किसी संगठित अपराध गिरोह की संलिप्तता के प्रमाण नहीं मिले हैं। फिलहाल इसे व्यक्तिगत स्तर पर हुई नकल की घटना माना जा रहा है, लेकिन खालिद से लगातार पूछताछ जारी है।
सबसे अहम सवाल यह है कि—
- परीक्षा कक्ष में खालिद को मोबाइल से फोटो खींचते हुए किसी ने क्यों नहीं देखा?
- दीवार फांदकर वह इतनी आसानी से अंदर कैसे आया?
- जैमर और सख्त चेकिंग के बावजूद मोबाइल भीतर कैसे पहुंचा?
- उम्मीदवार बाहर निकलकर फोटो कैसे भेजने में कामयाब हुआ?
इन सवालों ने न केवल उत्तराखंड सबऑर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन (UKSSSC) की परीक्षाओं की पारदर्शिता पर, बल्कि पूरे परीक्षा सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
पुलिस की जांच और कार्रवाई तेज़
हरिद्वार पुलिस ने खालिद को एसओजी ऑफिस लाकर दो घंटे तक पूछताछ की। इस पूछताछ में देहरादून एसएसपी सहित जिले के कई अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस अब परीक्षा केंद्र के स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों, पर्यवेक्षकों और जैमर संचालन की पूरी प्रक्रिया की छानबीन कर रही है।
पुलिस की प्रारंभिक जांच के मुताबिक खालिद के पास कोई दूसरा मोबाइल नंबर भी था, जिसकी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि प्रश्नपत्र के पन्ने खालिद के हाथ कैसे आए और उसने यह नेटवर्क कब से तैयार कर रखा था।
परीक्षा केंद्र की खामियों की खुली पोल
परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा को लेकर आयोग ने सख्त निर्देश दिए थे, जिसमें उम्मीदवारों के प्रवेश के समय कड़ी चेकिंग, सीसीटीवी निगरानी और जैमर लगाना शामिल था। इसके बावजूद यह घटना होना दर्शाता है कि ज़मीनी स्तर पर इन व्यवस्थाओं का अनुपालन कमजोर रहा।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सज़ा और सुरक्षा व्यवस्था में ठोस सुधार नहीं किए गए तो परीक्षाओं की साख पर गंभीर असर पड़ेगा।
📌 खालिद की गिरफ्तारी: हरिद्वार पुलिस ने देहरादून पुलिस के साथ मिलकर दबोचा।
📌 कैसे पहुँचा अंदर: पीछे की दीवार फांदकर, जूते की जुराब में मोबाइल छिपाकर।
📌 कैसे भेजी फोटो: वॉशरूम जाने के बहाने बाहर निकलकर ट्रांसफर की तस्वीरें।
📌 पुलिस जांच: सुरक्षा खामियों की बिंदुवार जांच शुरू, संगठित गिरोह की भूमिका नहीं मिली।
📌 सवाल कायम: इतनी चाक-चौबंद सुरक्षा में भी मोबाइल भीतर कैसे पहुंचा?
जनता और परीक्षार्थियों में आक्रोश
इस घटना के बाद से परीक्षार्थियों और अभिभावकों में भारी आक्रोश है। लोग सोशल मीडिया पर लगातार UKSSSC और प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं। कई उम्मीदवारों ने पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा है कि जब तक दोषियों को सज़ा और सिस्टम में सुधार नहीं होगा, ईमानदार अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर रहेगा।
खालिद की गिरफ्तारी ने जहां पेपर लीक प्रकरण के रहस्य से पर्दा उठाया, वहीं इसने परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा में मौजूद खामियों को भी उजागर कर दिया है। पुलिस की जांच अब इस बात पर केंद्रित है कि इस घटना में किन-किन लोगों की लापरवाही रही। उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों की विश्वसनीयता बहाल करने के लिए यह मामला एक बड़ी कसौटी बन गया है।