बच्चों को गाड़ी से उतारना पड़ा महंगा, बारात में मच गया बवाल, धक्का लगते ही गिरे दूल्हे के मामा, मौके पर ही टूट गई सांसें, शादी की जगह छा गया मातम, पुलिस ने दर्ज किया केस

इन्तजार रजा हरिद्वार- बच्चों को गाड़ी से उतारना पड़ा महंगा, बारात में मच गया बवाल,
धक्का लगते ही गिरे दूल्हे के मामा, मौके पर ही टूट गई सांसें,
शादी की जगह छा गया मातम, पुलिस ने दर्ज किया केस
हरिद्वार जनपद के पथरी थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में रविवार की सुबह एक खुशियों से भरी बारात का माहौल देखते ही देखते मातम में तब्दील हो गया। गांव से मुजफ्फरनगर के लिए रवाना होने वाली बारात की गाड़ी में बच्चों को बैठा देख दूल्हे के मामा ने उन्हें नीचे उतारने की कोशिश की, ताकि पहले बड़े लोगों को बैठाया जा सके और बाद में बच्चों को समायोजित किया जाए। लेकिन यह सामान्य-सी व्यवस्था की कोशिश ही उस काले दिन की शुरुआत बन गई।
जैसे ही दूल्हे के मामा मुजम्मिल ने बच्चों को गाड़ी से उतारने के लिए कहा, बच्चों के परिजन भड़क गए और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों में कहासुनी और फिर धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इसी अफरा-तफरी में मुजम्मिल जमीन पर गिर पड़ा। मौके पर मौजूद लोग उसे गांव के ही एक डॉक्टर के पास ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
धक्का-मुक्की में गई जान, गांव में पसरा सन्नाटा
घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। बारात के फूलों से सजे वाहन अब चुपचाप खड़े थे और गांव के घरों में मातम का सन्नाटा छा गया। शादी की तैयारी में जुटे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जो मामा अपने भांजे की बारात में खुशियों की रौनक लेकर आया था, अब उसका मृत शरीर परिवार को बेसुध कर गया।
स्थानीय पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, क्षेत्राधिकारी लक्सर नताशा सिंह और पथरी थाना प्रभारी मनोज नौटियाल तत्काल गांव पहुंचे। उन्होंने घटना की जानकारी ली और स्थिति को संभालने का प्रयास किया। गांववालों ने बताया कि मुजम्मिल राज मिस्त्री का काम करता था और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था। इस बात को ध्यान में रखते हुए यह भी संभावना जताई गई कि झगड़े के दौरान हुई हल्की धक्का-मुक्की से उसे हार्ट अटैक आया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मामला दर्ज, हत्या की धारा में कार्रवाई की तैयारी
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मृतक के परिजनों की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पथरी थानाध्यक्ष मनोज नौटियाल ने बताया कि परिजनों की शिकायत के आधार पर आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जल्द ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि पुलिस यह भी जांच कर रही है कि मौत का वास्तविक कारण हार्ट अटैक था या धक्का-मुक्की से गंभीर चोट।
घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण शांति बनी रही। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर फोर्स की तैनाती की और दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह दी।
गमगीन माहौल में बारात रवाना, पर अधूरी रह गई रस्में
इस दुखद घटना के बावजूद, दूल्हे और परिवार के कुछ सदस्यों को बारात लेकर रवाना किया गया, ताकि शादी की रस्में अधूरी न रहें। हालांकि अधिकांश ग्रामीण और रिश्तेदार इस गम में शरीक होने की स्थिति में नहीं थे। मातम के इस माहौल में शादी महज एक औपचारिकता बनकर रह गई।
इस हादसे ने न केवल एक परिवार को गमगीन कर दिया बल्कि समाज के सामने यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि आखिर हमारी सामाजिक व्यवस्था में छोटी-छोटी बातों पर विवाद इतना क्यों बढ़ जाता है कि वह किसी की जान तक ले लेता है।
समाज के लिए सबक: धैर्य और संवाद से सुलझें मतभेद
इब्राहिमपुर की इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं सामाजिक सहनशीलता में कमी आई है। मामूली बातों को तूल देकर विवाद की स्थिति पैदा कर देना एक खतरनाक प्रवृत्ति बनती जा रही है। अगर बच्चों के परिजन संयम बरतते और थोड़ी देर संवाद करते, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, चश्मदीदों के बयान और डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ होगा कि मुजम्मिल की मौत का असली कारण क्या था।
इब्राहिमपुर गांव में जो हुआ वह न केवल एक शादी को मातम में बदल गया, बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर गया कि कैसे छोटी सी बात एक परिवार को तबाह कर सकती है। पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को कानून के तहत सजा दिलाए। वहीं, समाज को भी यह समझने की जरूरत है कि आपसी बातचीत, सहनशीलता और सहयोग से ही किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है — न कि झगड़े से।