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एक चमत्कार जो मौत को मात दे गया, अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे में 241 मौतें, केवल एक यात्री बचा जिंदा, विमान में सवार थे पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी, दुनिया को झकझोर देने वाली त्रासदी, विजय रूपाणी समेत सवार सभी यात्री दुर्घटना में मारे गए, केवल रमेश विश्वास कुमार जिंदा बचे, तेज धमाका, आग की लपटें, और मौत के मंजर के बीच ज़िंदगी की एक लौ

इन्तजार रजा हरिद्वार- एक चमत्कार जो मौत को मात दे गया,
अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे में 241 मौतें, केवल एक यात्री बचा जिंदा,
विमान में सवार थे पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी, दुनिया को झकझोर देने वाली त्रासदी, विजय रूपाणी समेत सवार सभी यात्री दुर्घटना में मारे गए, केवल रमेश विश्वास कुमार जिंदा बचे,
तेज धमाका, आग की लपटें, और मौत के मंजर के बीच ज़िंदगी की एक लौ


अहमदाबाद | 12 जून 2025 | विशेष रिपोर्ट – Daily Live Uttarakhand

12 जून 2025 की दोपहर को भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक ने देश को झकझोर कर रख दिया। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 बोइंग विमान टेक-ऑफ के कुछ मिनटों बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई। लेकिन amidst इस भयानक त्रासदी के बीच एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसने मानवता और भाग्य दोनों की गहराई से परीक्षा ली — एक व्यक्ति, रमेश विश्वास कुमार, इस भीषण दुर्घटना में जीवित बच निकले।

241 लाशों के बीच ‘रमेश’ की सांसें: यह कोई चमत्कार था या विज्ञान की अनकही कहानी?

हादसे के समय विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर थे। फ्लाइट ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी और ठीक 1:43 बजे यानी केवल पांच मिनट बाद यह विमान मेघाणी नगर इलाके में एक आवासीय परिसर पर जा गिरा। इस भयंकर हादसे में जहां सभी की मौत हो गई, वहीं सीट नंबर 11A पर बैठे रमेश विश्वास कुमार नामक यात्री किसी चमत्कारिक तरीके से जिंदा बचे।

40 वर्षीय रमेश विश्वास मूल रूप से बिहार से हैं, लेकिन पिछले 20 वर्षों से ब्रिटेन में रह रहे थे। वह अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ लंदन लौट रहे थे। हादसे में उनका भाई भी मारा गया। लेकिन रमेश ने अपनी हिम्मत और किस्मत के बल पर जीवन की डोर थामे रखी।

“मुझे आज भी विश्वास नहीं हो रहा कि मैं बच गया। आंख खुली तो चारों तरफ आग थी, लोगों की चीखें थीं, लाशें बिखरी थीं… मैं बस किसी तरह बाहर निकला, और तभी किसी ने मुझे उठा लिया,” रमेश की आवाज अस्पताल के बिस्तर पर भी कांप रही थी।


पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत: गुजरात और देश के लिए गहरा आघात

इस विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मृत्यु हो गई। वे लंदन में अपनी बेटी से मिलने जा रहे थे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। रूपाणी की पत्नी लंदन से और बेटा अमेरिका से अहमदाबाद के लिए रवाना हो चुके हैं। इस खबर ने गुजरात की राजनीति और जनता के बीच शोक की लहर दौड़ा दी है।


टेक-ऑफ के बाद प्लेन का संतुलन बिगड़ा, आवासीय क्षेत्र पर गिरा विमान

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विमान ने जैसे ही उड़ान भरी, कुछ ही सेकेंड बाद उसमें असामान्य कंपन हुआ और वह तेजी से नीचे आने लगा। मेघाणी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के आवासीय परिसर पर विमान गिर गया जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए। गुजरात सरकार ने पुष्टि की है कि कम से कम 50 स्थानीय लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

अहमदाबाद के स्वास्थ्य सचिव धनंजय द्विवेदी ने बताया, “सभी घायलों को सिविल अस्पताल में तत्काल भर्ती कराया गया है। उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा इलाज मुहैया कराया जा रहा है।”


पायलट और को-पायलट का अनुभव: हादसे ने सब छीन लिया

इस हादसे में एयर इंडिया के अनुभवी पायलट इन कमांड सुमित सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर की भी मृत्यु हो गई। सभरवाल के पास 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था जबकि कुंदर के पास 1100 घंटे की। एयर इंडिया ने उनके निधन को “कंपनी और देश की एक बड़ी क्षति” बताया है। विमान ने रनवे 23 से टेक-ऑफ किया था लेकिन मौसम या तकनीकी खराबी के कारण संतुलन खो बैठा — इसकी जांच अभी जारी है।


DNA परीक्षण से शवों की पहचान, परिजनों से सैंपल देने की अपील

हादसे की भयावहता इतनी अधिक थी कि कई शवों की पहचान संभव नहीं हो पा रही है। गुजरात सरकार ने बीजे मेडिकल कॉलेज में DNA परीक्षण की व्यवस्था की है और पीड़ितों के परिवारजनों से अपील की है कि वे अपने DNA सैंपल देकर शवों की पहचान में मदद करें। इस हादसे ने न केवल विमानन क्षेत्र को बल्कि वैज्ञानिक व तकनीकी संस्थानों को भी चुनौती दी है कि इस स्तर की दुर्घटनाओं में पहचान कैसे सुनिश्चित की जाए।


राहत और बचाव कार्य: सेना, NDRF और स्थानीय एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद भारतीय सशस्त्र बल, NDRF और स्थानीय पुलिस बलों को घटनास्थल पर भेजा गया। बचाव कार्य लगातार चल रहा है। सेना की मेडिकल टीमों को विशेष रूप से तैनात किया गया है। मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि “अब तक लगभग सभी शवों को निकाला जा चुका है, लेकिन जांच पूरी होने तक साइट को सील किया गया है।”


प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से बात कर हादसे की जानकारी ली और सभी सहायता तत्काल पहुंचाने के निर्देश दिए। गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इस त्रासदी से स्तब्ध हूं। सभी बचाव बलों को घटनास्थल पर भेज दिया गया है।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इसे “अकल्पनीय नुकसान” बताया और कहा कि कई विदेशी नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है।


फ्लाइट AI-171: यात्री सूची और राष्ट्रीयता का ब्योरा

Air India की फ्लाइट AI-171 में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। ये उड़ान अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए निर्धारित थी। इस हादसे के बाद एयर इंडिया और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:

  • एयर इंडिया हेल्पलाइन: 1800 5691 444
  • अहमदाबाद एयरपोर्ट हेल्पलाइन: +91 99741 11327

प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी: “एक पल में उजड़ गई ज़िंदगियां”

एक स्थानीय निवासी ने पीटीआई को बताया, “मैं अपने घर में बैठा था, तभी अचानक तेज धमाका हुआ। ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। बाहर निकलते ही धुआं-धुआं छाया था और वहां तबाही का मंजर था।”
बीजेपी विधायक दर्शना वघेला ने कहा, “मैं अपने ऑफिस में थी, धमाके की आवाज आई। जब पहुंची तो देखा कि डॉक्टर्स के आवास जल रहे हैं, शव बिखरे हैं। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कई लोगों को बाहर निकाला गया।”


मीडिया की भूमिका और सार्वजनिक जिम्मेदारी

सोशल मीडिया पर जैसे ही हादसे की खबर फैली, अफवाहों और असत्यापित जानकारियों का दौर भी शुरू हो गया। कुछ प्लेटफॉर्म्स पर यह भी खबर चली कि सभी लोग मारे गए हैं, जबकि पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने स्वयं पुष्टि की कि एक व्यक्ति जिंदा बचा है। यह स्पष्ट करता है कि मीडिया और जनता दोनों को जिम्मेदारीपूर्वक और प्रमाणित सूचना साझा करनी चाहिए।


अब क्या? जांच, जवाबदेही और भविष्य की उड़ानों की सुरक्षा

DGCA और एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में टेक्निकल फेल्योर की आशंका जताई जा रही है, लेकिन ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग का विश्लेषण आवश्यक होगा। एयर इंडिया और टाटा ग्रुप ने हादसे को लेकर गहरा दुख जताया है और यात्रियों के परिजनों के साथ सहयोग बनाए रखने का आश्वासन दिया है।


निष्कर्ष: एक ज़िंदा कहानी, 241 बुझी सांसें और अनगिनत सवाल

इस हादसे में बचे रमेश विश्वास कुमार की कहानी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक ओर जहां 241 परिवारों में शोक है, वहीं दूसरी ओर रमेश की ज़िंदगी खुद एक जांच का विषय बन चुकी है — क्या सीट 11A में कुछ विशेष था? क्या कोई वैज्ञानिक कारण है कि वे सुरक्षित रह सके? या फिर यह केवल किस्मत थी?

भविष्य की उड़ानों की सुरक्षा, विमान तकनीक की जांच, और प्रशासनिक उत्तरदायित्व अब एक सार्वजनिक विमर्श का विषय बन गए हैं। यह हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि भारतीय विमानन क्षेत्र को पुनः आत्मनिरीक्षण के लिए मजबूर करने वाला क्षण है।


लेखक: इन्ज़ार रज़ा | Daily Live Uttarakhand
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