हाईवे पर ‘दोस्ती’ बनी दुश्मनी,, हरिद्वार पुलिस की फुर्ती से टूटी नकाबपोश गिरोह की चेन,, ‘महंगे शौक’ और ‘नौकरी छूटने’ ने अंकुर को बना दिया लुटेरा, दोस्त ही निकला लूट का मास्टरमाइंड,, कलियर थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने जब दोस्ती का नकाब उतरा तो निकला अपराधिक का चेहरा’
हरिद्वार पुलिस ने एक बार फिर बदमाशों के हौसले पस्त कर दिए हैं। थाना कलियर पुलिस ने हाईवे पर हुई लूट की गुत्थी सुलझाते हुए चार नकाबपोश बदमाशों को धर दबोचा। चौंकाने वाली बात यह रही कि लूट की साजिश पीड़ित के ही दोस्त ने रची थी। वारदात के पीछे नौकरी छूटने और महंगे शौक का जुनून जिम्मेदार निकला।

इन्तजार रजा हरिद्वार- हाईवे पर ‘दोस्ती’ बनी दुश्मनी,,
हरिद्वार पुलिस की फुर्ती से टूटी नकाबपोश गिरोह की चेन,,
‘महंगे शौक’ और ‘नौकरी छूटने’ ने अंकुर को बना दिया लुटेरा, दोस्त ही निकला लूट का मास्टरमाइंड,,
कलियर थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने जब दोस्ती का नकाब उतरा तो निकला अपराधिक का चेहरा’
हरिद्वार, 07 अक्टूबर।
हरिद्वार पुलिस ने एक बार फिर बदमाशों के हौसले पस्त कर दिए हैं। थाना कलियर पुलिस ने हाईवे पर हुई लूट की गुत्थी सुलझाते हुए चार नकाबपोश बदमाशों को धर दबोचा। चौंकाने वाली बात यह रही कि लूट की साजिश पीड़ित के ही दोस्त ने रची थी। वारदात के पीछे नौकरी छूटने और महंगे शौक का जुनून जिम्मेदार निकला।
तमंचा, नकदी और लूटी गई ज्वेलरी बरामद
थाना कलियर पुलिस के मुताबिक, 30 सितंबर को कृष्णानगर निवासी विशांत सैनी ने शिकायत दी थी कि ड्यूटी के बाद घर लौटते समय कुछ अज्ञात बदमाशों ने रहमतपुर फ्लाईओवर के पास उनकी कनपटी पर तमंचा रखकर उनसे एप्पल आईफोन 15, सोने की चैन, अंगूठी और नकदी लूट ली थी। शिकायत दर्ज होते ही एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष टीम गठित की।
टीम ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर तंत्र की मदद से जांच को आगे बढ़ाया। जांच के दौरान वादी का दोस्त सुनील कुमार शक के घेरे में आया। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 6 लेन नहर पटरी के पास दबिश देकर सुनील समेत चार बदमाशों को लूटी गई संपत्ति और तमंचे के साथ गिरफ्तार किया।
अंकुर निकला लूट का ‘डायरेक्टर’
पूछताछ में खुलासा हुआ कि वारदात का मास्टरमाइंड अंकुर सैनी था, जो पहले पीड़ित विशांत सैनी के साथ पतंजलि में काम करता था। नौकरी जाने और खर्चे पूरे न होने की वजह से उसने अपने दोस्त की चमक-दमक पर नजर डाल ली। सोने की चैन, महंगा मोबाइल और मोटरसाइकिल देखकर अंकुर के दिमाग में ‘फिल्मी प्लान’ आया और उसने अपने साथियों सुनील, कन्हैया और मनोज को लूट की स्क्रिप्ट सुनाई। लालच में आकर सभी ने वारदात को अंजाम दे डाला।
बरामद सामान और बढ़ाई गई धाराएं
पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से एक सोने की चैन, एक वीवो मोबाइल, ₹1100 नकद और एक देसी तमंचा (315 बोर) बरामद किया। बरामदगी के आधार पर मुकदमे में धारा 61(2), 317(2) बीएनएस और 3/25 आर्म्स एक्ट जोड़ी गई है। एक अन्य फरार आरोपित की तलाश जारी है।
टीम को मिला सराहनीय सफलता का श्रेय
इस कामयाबी में थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार, व0उ0नि0 बबलू चौहान, उ0नि0 पुष्कर सिंह चौहान, हे0का0 सोनू कुमार, रबिन्द्र बालियान, जमशेद अली, राहुल चौहान, फुरकान अहमद, जितेन्द्र सिंह, विक्रम सिंह, विजयपाल सिंह, सचिन सिंह और चालक नीरज राणा की अहम भूमिका रही।
साथ ही एसओजी टीम के हे0का0 चमन सिंह और का0 राहुल नेगी ने भी बदमाशों तक पहुंचने में बड़ी भूमिका निभाई।
‘दोस्ती का नकाब उतरा तो निकला अपराध का चेहरा’
हरिद्वार पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि अपराध चाहे कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून की पकड़ से बचना मुश्किल है। जिस दोस्त पर भरोसा किया गया, वही लुटेरा निकला — लेकिन पुलिस की सतर्कता ने लूट की इस ‘फिल्मी पटकथा’ को ‘रीयल लाइफ सस्पेंस थ्रिलर’ बनने से पहले ही समाप्त कर दिया।