कांवड़ मेले में राज्यपाल का आशीर्वाद,, व्यवस्थाओं की प्रशंसा,, श्रद्धालुओं को सादगी,, अनुशासन व प्रेरणा का संदेश कॉफी टेबल बुक व कुंभ 2027 के ट्रेलर की कल्पना से मिला नवविचार,, राज्यपाल ने हरिद्वार में कांवड़ियों का किया अभिनंदन प्रशासन की तैयारियों की सराहना, यात्रियों को दी संयम और अनुशासन की सीख

इन्तजार रजा हरिद्वार- कांवड़ मेले में राज्यपाल का आशीर्वाद,, व्यवस्थाओं की प्रशंसा,,
श्रद्धालुओं को सादगी,, अनुशासन व प्रेरणा का संदेश
कॉफी टेबल बुक व कुंभ 2027 के ट्रेलर की कल्पना से मिला नवविचार,, राज्यपाल ने हरिद्वार में कांवड़ियों का किया अभिनंदन,,
प्रशासन की तैयारियों की सराहना, यात्रियों को दी संयम और अनुशासन की सीख
हरिद्वार, 15 जुलाई 2025 –
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) आज कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार पहुंचे, जहां उन्होंने श्रद्धालु कांवड़ियों को पटका व रुद्राक्ष की माला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। भोलों से संवाद करते हुए उन्होंने सादगी, अनुशासन और संयम को इस यात्रा की आत्मा बताया।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी क्षमता से अधिक भार की कांवड़ न लें और ऋषि-मुनियों द्वारा तय नियमों का पालन करें। यह यात्रा सिर्फ शरीर की नहीं, आत्मा की साधना है।
प्रशासनिक समीक्षा और कॉफी टेबल बुक का सुझाव
डामकोठी में आयोजित समीक्षा बैठक में राज्यपाल ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल सहित समस्त प्रशासनिक टीम से मुलाकात की। उन्होंने कांवड़ यात्रा संचालन में प्रशासन की तैयारियों की सराहना करते हुए कहा कि इतने कम समय में करोड़ों श्रद्धालुओं की सेवा एक ऐतिहासिक कार्य है।
उन्होंने सुझाव दिया कि “कांवड़ यात्रा 2025” पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक प्रकाशित की जाए, जिसमें व्यवस्थाएं, चुनौतियां, अनुभव, आस्था और समरसता के पहलुओं को समाहित किया जाए।
राज्यपाल ने कहा –
“किसी भी यात्रा में तीन चीजें जुड़ी होती हैं – यादें, भावनाएं और प्रेरणा। कांवड़ यात्रा इन तीनों का जीवंत उदाहरण है।”
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में किसी भी स्थान पर यदि कोई समस्या उत्पन्न हो तो उसका स्थलीय समाधान त्वरित रूप से किया जाए।
व्यवस्थाओं पर फोकस: ट्रैफिक, स्वास्थ्य, समन्वय
बैठक में एएसपी जितेन्द्र चौधरी द्वारा पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से रूट प्लानिंग, यातायात प्रबंधन, मेडिकल सहायता, जलपान व्यवस्थाएं, सुरक्षा इंतजामों की विस्तार से जानकारी दी गई।
राज्यपाल ने स्वास्थ्य सेवाओं और ट्रैफिक रेगुलेशन को और अधिक बेहतर बनाने की आवश्यकता जताई और कहा कि यह अनुभव 2027 के कुंभ मेले की योजना के लिए एक ट्रेलर की तरह कार्य करेगा।
उन्होंने कहा –
“जटिल समस्याओं का समाधान भी सरल हो सकता है, आवश्यकता है ठोस नियोजन और त्वरित क्रियान्वयन की।”
श्रद्धालुओं से संवाद: संकल्प और सेवा की मिसाल
राज्यपाल ने कहा कि कांवड़ियों के चेहरों पर थकान नहीं, बल्कि संकल्प की चमक दिखाई देती है।
“11 जुलाई से निकले श्रद्धालु आज भी ऊर्जावान हैं, उनके चेहरे से भक्ति झलक रही है।”
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों, पुलिस, प्रशासन और समाजसेवियों में जबरदस्त समन्वय और समरसता है, जिससे श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद बन रही है।
उन्होंने बावर्ची सुरेश रावत को सम्मानित करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे कर्मवीर ही असली योद्धा हैं, जिनके परिश्रम से यह यात्रा सुगम हो रही है।
कुंभ 2027 की तैयारी का अनुभव
राज्यपाल ने कहा कि यह यात्रा कुंभ 2027 के लिए अनुभव और तैयारियों का महत्वपूर्ण आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए थे, और इस बार भी उम्मीद है कि श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचेगी।
“चारधाम यात्रा में 40 लाख से अधिक यात्री पहुंचे, ये राज्य के लिए गौरव की बात है। उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि आस्था, व्यवस्थाओं और सेवा भावना की भूमि भी है।”
प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर एसपी सिटी पंकज गैरोला, एसपी क्राइम एवं यातायात जितेन्द्र मेहरा, एसपी संचार विपिन कुमार, एसपी निहारिका तोमर, एडीएम पीआर चौहान, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह सहित विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और यात्रा की सुचारूता में हर स्तर पर सक्रियता का आश्वासन दिया।
राज्यपाल का यह दौरा न केवल प्रशासन के उत्साहवर्धन का प्रतीक रहा, बल्कि उन्होंने कांवड़ यात्रा को एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया। श्रद्धालुओं के अनुशासन, प्रशासन की तत्परता और समाजसेवियों के समर्पण ने मिलकर इस महायात्रा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
“कांवड़ यात्रा केवल गंगाजल लाने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि संयम, संकल्प और समर्पण की अद्वितीय साधना है।” – राज्यपाल गुरमीत सिंह