रेड अलर्ट का असर : हरिद्वार में कल सभी स्कूल और आंगनबाड़ी रहेंगे बंद,, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जारी किए आदेश, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कड़ा अनुपालन सुनिश्चित,, भारी से अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी, नदी-नालों के उफान और बिजली गिरने का भी अलर्ट

इन्तजार रजा हरिद्वार- रेड अलर्ट का असर : हरिद्वार में कल सभी स्कूल और आंगनबाड़ी रहेंगे बंद,,
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जारी किए आदेश, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कड़ा अनुपालन सुनिश्चित,,
भारी से अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी, नदी-नालों के उफान और बिजली गिरने का भी अलर्ट
हरिद्वार, 31 अगस्त 2025।
भारत मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून द्वारा जारी चेतावनी ने हरिद्वार जिले में प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। मौसम विभाग ने आगामी 01 सितम्बर 2025 (सोमवार) को जिले में कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा, गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने तथा अति तीव्र से अत्यंत तीव्र वर्षा के दौर की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।
इसी चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 30 (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बड़ा निर्णय लिया है। आदेशानुसार, जनपद हरिद्वार अंतर्गत सभी राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय तथा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सोमवार को पूर्णतः बंद रहेगा।

डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस आदेश का अनुपालन सख्ती से कराया जाए। यदि कोई संस्था या विभाग आदेश की अवहेलना करता है, तो संबंधित के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि यह निर्णय छात्रहित और बाल्यहित को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अधिकारियों को मिले निर्देश
आदेश की प्रतिलिपि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वित्त/प्रशासन), उप जिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) तथा महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजी गई है।
साथ ही, जिला सूचना अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि इस सूचना का समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक यह संदेश समय रहते पहुंच सके।
नदी-नालों के उफान से सतर्कता जरूरी
प्रशासन ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे इस दौरान नदी-नालों के किनारे जाने से बचें और मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। भारी वर्षा से जलभराव और निचले इलाकों में परेशानी की संभावना को देखते हुए संबंधित विभागों को पहले से ही सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

कुल मिलाकर, प्रशासन का यह कदम आने वाले 24 घंटों में संभावित भारी आपदा जोखिम को देखते हुए बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया सतर्क और समयबद्ध निर्णय है।