उत्तराखंड में बनेगा एक और एयरपोर्ट, धामी सरकार ने दी 800 एकड़ जमीन, पंतनगर में बनेगा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास, उत्तराखंड के विकास की उड़ान को नई रफ्तार देने जा रही धामी सरकार,

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड में बनेगा एक और एयरपोर्ट, धामी सरकार ने दी 800 एकड़ जमीन,
पंतनगर में बनेगा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास,
उत्तराखंड के विकास की उड़ान को नई रफ्तार देने जा रही धामी सरकार,
रिपोर्ट: इन्तजार रज़ा | विशेष लेख | Daily Live Uttarakhand
पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का सपना होगा साकार
उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे का निर्माण अब औपचारिक रूप से शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दृढ़ इच्छाशक्ति और केंद्र सरकार की सहमति के बाद इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी मिल गई है। बताया जा रहा है कि लगभग 800 एकड़ भूमि एयरपोर्ट के लिए चिह्नित कर दी गई है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इसका शिलान्यास करेंगे।
यह हवाई अड्डा न केवल उत्तराखंड, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, नेपाल और हिमालयी क्षेत्र के लिए भी गेमचेंजर साबित हो सकता है।
धामी सरकार का बड़ा विजन: उड़ान नहीं, भविष्य रचने की तैयारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना को “उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की नींव” बताया है। सरकार का मानना है कि नया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट राज्य को पर्यटन, व्यापार और उद्योग के नए आयामों से जोड़ेगा।
धामी ने कहा:
“हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उत्तराखंड के प्रति विशेष संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के आभारी हैं। यह एयरपोर्ट सिर्फ एक बुनियादी ढांचा नहीं है, बल्कि यह राज्य के आत्मनिर्भर भविष्य का आधार है।”
राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पर्यावरणीय स्वीकृतियों की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, रेवेन्यू रिकॉर्ड, भूमि स्वामित्व और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है।
पर्यटन, कारोबार और निवेश को मिलेगा नया पंख
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में हवाई कनेक्टिविटी एक चुनौती रही है। वर्तमान में जौलीग्रांट (देहरादून) और पंतनगर हवाई पट्टी से सीमित उड़ानें ही संचालित होती हैं। लेकिन पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनने से निम्नलिखित क्षेत्रों में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है:
- पर्यटन: चारधाम यात्रा, नैनीताल, रानीखेत, और कार्बेट टाइगर रिज़र्व जैसे स्थलों तक पहुंच आसान होगी।
- कृषि एवं बागवानी: काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी से ताजे फल-सब्जियों व उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा।
- उद्योग और निवेश: SIDCUL जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को वैश्विक कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: नैनीताल, पंतनगर और बरेली क्षेत्र में मेडिकल टूरिज्म व शैक्षिक संस्थानों के लिए बेहतर संपर्क उपलब्ध होगा।
भविष्य का नक्शा: आधुनिक टेक्नोलॉजी और हरी परियोजना का संगम
परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, पंतनगर एयरपोर्ट को ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट, स्मार्ट एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट, सौर ऊर्जा से संचालित रनवे लाइटिंग और कार्बन न्यूट्रल संचालन प्रणाली से युक्त किया जाएगा। इससे यह देश के सबसे आधुनिक हवाई अड्डों में एक होगा।
परियोजना के प्रमुख बिंदु:
- कुल प्रस्तावित क्षेत्रफल: 800 एकड़
- रनवे की लंबाई: 3.2 किलोमीटर (Boeing 777 जैसे विमानों के अनुकूल)
- टर्मिनल क्षमता: प्रारंभिक चरण में 20 लाख यात्री प्रति वर्ष
- निर्माण की अनुमानित लागत: 6000 करोड़ रुपये
- निर्माण एजेंसी: AAI (Airports Authority of India)
स्थानीय जनभागीदारी और आशाएं
इस योजना के सामने आते ही क्षेत्रीय जनता में उत्साह का माहौल है। किसान संगठनों और व्यापार मंडलों ने इसे “आर्थिक क्रांति की शुरुआत” बताया है। स्थानीय निवासी राजेश चौधरी कहते हैं:
“पहले जब भी किसी को विदेश या महानगर जाना होता था, दिल्ली या लखनऊ तक सड़क से जाना पड़ता था। अब उम्मीद है कि पंतनगर से ही सीधी उड़ानें मिलेंगी।”
हालांकि कुछ किसान संगठनों ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है। धामी सरकार ने आश्वासन दिया है कि “किसी के साथ अन्याय नहीं होगा, हर हितधारक को उचित मुआवजा और पुनर्वास मिलेगा।”
मोदी के हाथों होगा ऐतिहासिक शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस एयरपोर्ट का शिलान्यास एक ऐतिहासिक पल होगा। जानकारी के अनुसार, जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में पीएम मोदी इस योजना की आधारशिला रखेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, ऑल वेदर रोड और केदारनाथ पुनर्निर्माण जैसे कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया है।
राजनीतिक नजरिए से भी यह शिलान्यास बेहद अहम है, खासकर 2027 के विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में। केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार इसे उत्तराखंड के विकास मॉडल के रूप में प्रचारित करने जा रही है।
निष्कर्ष: उत्तराखंड की उड़ान अब वैश्विक फलक पर
पंतनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट सिर्फ एक इमारत या रनवे नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के लिए उड़ान की नई ऊंचाई है। इससे न केवल राज्य के पर्वतीय और तराई क्षेत्र में आर्थिक संतुलन कायम होगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार, रोजगार और निवेश के नए दरवाजे भी खुलेंगे।
धामी सरकार के इस कदम ने साबित कर दिया है कि उत्तराखंड अब विकास के पंख फैलाकर, भविष्य की नई उड़ान भरने को तैयार है।
✍️ रिपोर्ट: इन्तजार रज़ा
📰 प्रकाशन: Daily Live Uttarakhand