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हरिद्वार में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई : हरिद्वार में सिंचाई विभाग की भूमि से हटाया गया अवैध कब्जा,, 🟥 एसडीएम जितेन्द्र कुमार की मौजूदगी में लालजीवाला और दूधियाबंद कॉलोनी क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों और टीनशेडों पर चला बुलडोजर, सिंचाई विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने की कार्रवाई,, 🟥 तीन बार नोटिस और मुनादी के बाद प्रशासन की सख्ती, अधिकारियों ने कहा—“अब दोबारा कब्जा नहीं होने देंगे

इन्तजार रजा हरिद्वारहरिद्वार में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई : हरिद्वार में सिंचाई विभाग की भूमि से हटाया गया अवैध कब्जा,,

🟥 एसडीएम जितेन्द्र कुमार की मौजूदगी में लालजीवाला और दूधियाबंद कॉलोनी क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों और टीनशेडों पर चला बुलडोजर, सिंचाई विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने की कार्रवाई,,

🟥 तीन बार नोटिस और मुनादी के बाद प्रशासन की सख्ती, अधिकारियों ने कहा—“अब दोबारा कब्जा नहीं होने देंगे

इन्तजार रजा, हरिद्वार।
हरिद्वार प्रशासन ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सिंचाई विभाग की भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया। यह कार्रवाई एसडीएम सदर हरिद्वार जितेन्द्र कुमार और सिंचाई विभाग (उत्तरी खंड गंगा नहर) के अधिकारियों की उपस्थिति में भारी पुलिस बल के साथ की गई। सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई देर शाम तक चली, जिसमें लालजीवाला और दूधियाबंद कॉलोनी क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों और टीनशेडों पर बुलडोजर चला।

🔴 विभागीय भूमि पर वर्षों से था कब्जा

सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, विभागीय भूमि पर कुछ कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों ने अवैध रूप से कब्जा जमा रखा था। लालजीवाला और दूधियाबंद कॉलोनी में स्थित इन भूमि खंडों पर झुग्गी-झोपड़ियां, टीनशेड और दो पक्के कमरे भी बनाए गए थे। विभाग ने इन कब्जाधारियों को तीन बार नोटिस जारी किए, साथ ही मुनादी कराकर भी सूचित किया गया कि वे स्वयं अपना कब्जा हटा लें। लेकिन चेतावनी और नोटिसों के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसके बाद सिंचाई विभाग ने 15 सितंबर 2025 की तारीख तय कर प्रशासन से मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की मांग की थी। तय योजना के अनुसार शनिवार को विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की।

🔴 एसडीएम सदर हरिद्वार जितेन्द्र कुमार बोले — “सरकारी भूमि पर दोबारा कब्जा नहीं होने देंगे”

कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे एसडीएम सदर जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सिंचाई विभाग की यह भूमि सरकारी उपयोग के लिए आरक्षित है और इस पर किसी भी प्रकार का निजी निर्माण पूर्णतः अवैध है। उन्होंने कहा—

“हमने कब्जाधारियों को कई बार मौका दिया था कि वे स्वयं भूमि खाली कर दें, लेकिन जब उन्होंने कोई सहयोग नहीं किया तो हमें सख्त कार्रवाई करनी पड़ी। अब इस भूमि पर दोबारा कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति पुनः कब्जा करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

🔴 मजिस्ट्रेट और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की टीम रही मौके पर मौजूद

इस कार्रवाई में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मुनेश कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता उत्तरी खंड गंगा नहर, राजस्व विभाग और कोतवाली नगर पुलिस टीम मौके पर मौजूद रही। पूरी प्रक्रिया प्रशासनिक निगरानी में की गई ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट यूपी सिंचाई विभाग रुड़की हरिद्वार मुनेश कुमार शर्मा ने कहा—

“विभाग ने पूर्व में नोटिस और मुनादी की प्रक्रिया पूरी की थी। आज यह कार्रवाई कानूनन और प्रशासनिक रूप से उचित थी। भविष्य में यदि कोई सरकारी भूमि पर कब्जा करेगा तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

🔴 अतिक्रमण मुक्त हरिद्वार अभियान के तहत हुई कार्रवाई

अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई ‘अतिक्रमण मुक्त हरिद्वार’ अभियान के अंतर्गत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य सरकारी विभागों की भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराकर उन्हें जनहित कार्यों में पुनः उपयोग में लाना है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह भूमि बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी परियोजनाओं के लिए आरक्षित है, इसलिए इसे कब्जामुक्त कराना अति आवश्यक था। अतिक्रमण हटाने के बाद विभाग ने स्थल का निरीक्षण किया और आगे निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

🔴 भविष्य में नियमित निगरानी और सुरक्षा

सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के बाद विभाग अब इस भूमि की नियमित मॉनिटरिंग करेगा। यदि पुनः कब्जा करने का प्रयास हुआ तो तत्काल प्रशासन को सूचना दी जाएगी। विभाग भूमि के चारों ओर सुरक्षा बाड़ और आवश्यक चिन्हांकन कराने की दिशा में भी कार्य करेगा। प्रशासन ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसे सभी मामलों में पहले नोटिस, फिर मुनादी और अंततः सख्त कार्रवाई की नीति अपनाई जाएगी, ताकि सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त रखा जा सके।

🔴 जनता से की गई अपील

अधिकारियों ने जनता से अपील की कि कोई भी व्यक्ति सरकारी भूमि या विभागीय संपत्ति पर कब्जा न करे। यह न केवल कानूनन अपराध है बल्कि जनहित परियोजनाओं के लिए गंभीर बाधा भी बनता है। हरिद्वार में हुई यह कार्रवाई प्रशासन की कठोर इच्छाशक्ति और कानूनी दृढ़ता का उदाहरण है। कई बार चेतावनी देने के बावजूद जब कब्जाधारियों ने भूमि खाली नहीं की, तो प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई की। इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि —“सरकारी भूमि पर अब कोई भी व्यक्ति अवैध कब्जा करेगा, तो प्रशासन बिना देरी के बुलडोजर चलाने से पीछे नहीं हटेगा।” यह कदम निश्चित रूप से हरिद्वार को अतिक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

 

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