गरज-चमक और तूफान का खतरा: मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट,, अगले 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगे अल्मोड़ा, हरिद्वार, पौड़ी, चंपावत और उधम सिंह नगर,, भारी बारिश व बिजली गिरने की आशंका, प्रशासन ने दी सतर्कता बरतने की अपील
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पांच जिलों के लिए अगले 24 घंटों में येलो अलर्ट जारी किया है। 26 अगस्त 2025 को दोपहर 1:54 बजे से लेकर 27 अगस्त 2025 को दोपहर 1:54 बजे तक अल्मोड़ा, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और उधम सिंह नगर में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। इस अलर्ट के बाद संबंधित जिलों के प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।

इन्तजार रजा हरिद्वार- गरज-चमक और तूफान का खतरा: मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट,,
अगले 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगे अल्मोड़ा, हरिद्वार, पौड़ी, चंपावत और उधम सिंह नगर,,
भारी बारिश व बिजली गिरने की आशंका, प्रशासन ने दी सतर्कता बरतने की अपील
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पांच जिलों के लिए अगले 24 घंटों में येलो अलर्ट जारी किया है। 26 अगस्त 2025 को दोपहर 1:54 बजे से लेकर 27 अगस्त 2025 को दोपहर 1:54 बजे तक अल्मोड़ा, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और उधम सिंह नगर में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। इस अलर्ट के बाद संबंधित जिलों के प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
किन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, इन जिलों के कई कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में तेज मौसम का असर देखने को मिल सकता है। हरिद्वार जिले में खासकर रूड़की और लक्सर, पौड़ी गढ़वाल में कोटद्वार और लैंडस्डाउन, उधम सिंह नगर में काशीपुर और खटीमा, अल्मोड़ा जिले में द्वाराहाट, तथा चंपावत जिले में लोहाघाट और इनके आस-पास के इलाकों में गरज-चमक के साथ तूफान और भारी बारिश की संभावना है।
संभावित खतरे और तैयारियां
तेज बारिश और बिजली गिरने की वजह से मैदानी क्षेत्रों में जलभराव, निचले इलाकों में बाढ़, और ग्रामीण सड़कों पर कटाव की स्थिति बन सकती है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए और सुरक्षित स्थानों पर रहना चाहिए।
प्रशासन की ओर से बिजली गिरने से बचाव के लिए किसानों को खेतों में काम करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। साथ ही पशुपालकों को भी अपने मवेशियों को खुले मैदान में छोड़ने से बचने की अपील की गई है।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने साफ कहा है कि इस दौरान लोग खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे और ऊंचे स्थानों पर खड़े होने से बचें। घरों से बाहर निकलते समय आवश्यक सतर्कता रखें और मौसम विभाग के अपडेट पर ध्यान दें। ग्रामीण इलाकों में पंचायत स्तर पर चेतावनी प्रसारित की जा रही है ताकि कोई भी अनजाने में जोखिम न उठाए।
आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क मोड पर रखा गया है और हेल्पलाइन नंबर सक्रिय कर दिए गए हैं। पुलिस और एसडीआरएफ को भी तैयार रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।

प्रशासन द्वारा जारी जरूरी हेल्पलाइन नंबर और बचाव के टिप्स