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प्रदेश में शत्रु संपत्तियों पर धामी सरकार का सख्त रुख,,सभी शत्रु संपत्तियों को प्रशासन के कब्जे मे लेकर सरकारी संपत्ति घोषित करने के निर्देश,, प्रशासन करेगा फर्जी दावों की जांच, गृह मंत्रालय भी रख रहा शत्रु संपत्तियों की निगरानी,, फर्जीवाड़े पर नकेल और जांच का दायरा हुआ शुरू 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब प्रदेश भर सहित हरिद्वार जनपद में मौजूद शत्रु संपत्तियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिए हैं कि जिले की सभी शत्रु संपत्तियों को तत्काल कब्जा मुक्त कराकर सरकारी भूमि घोषित किया जाए। साथ ही, इन जमीनों की चारदीवारी और उन पर सरकारी बोर्ड लगाने के आदेश भी दिए गए हैं, ताकि भविष्य में इनका उपयोग जनहित में हो सके।

इन्तजार रजा हरिद्वार- प्रदेश में शत्रु संपत्तियों पर धामी सरकार का सख्त रुख,,

शत्रु संपत्तियों को प्रशासन के कब्जे मे लेकर सरकारी संपत्ति घोषित करने के निर्देश,,

प्रशासन करेगा फर्जी दावों की जांच, गृह मंत्रालय भी रख रहा शत्रु संपत्तियों की निगरानी,,

फर्जीवाड़े पर नकेल और जांच का दायरा हुआ शुरू

हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब प्रदेश भर सहित हरिद्वार जनपद में मौजूद शत्रु संपत्तियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिए हैं कि जिले की सभी शत्रु संपत्तियों को तत्काल कब्जा मुक्त कराकर सरकारी भूमि घोषित किया जाए। साथ ही, इन जमीनों की चारदीवारी और उन पर सरकारी बोर्ड लगाने के आदेश भी दिए गए हैं, ताकि भविष्य में इनका उपयोग जनहित में हो सके।

फाइल फोटो

हरिद्वार में कहां-कहां हैं शत्रु संपत्तियां

हरिद्वार जनपद में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शत्रु संपत्तियां फैली हुई हैं। रुड़की, भगवानपुर, बहादराबाद, लक्सर ब्लॉको सहित हरिद्वार जनपद के शहर और देहात के कुछ हिस्सों में अरबों रुपये कीमत की ऐसी संपत्तियां मौजूद हैं। इनमें से अधिकांश संपत्तियों पर लंबे समय से अवैध कब्जे हैं। कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज और नकली स्टांप पेपर बनवाकर इन पर अपने अधिकार जताने की कोशिश भी की है।

बंटवारे के बाद छोड़ी गई थी संपत्तियां

दरअसल, हरिद्वार जिले में कई जमीनें उन जमींदारों की हैं जो बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए थे। हजारों बीघा जमीन यहां छूट गई थी, जिस पर आज भी कुछ लोग रिश्तेदारी का दावा कर रहे हैं। राज्य सरकार का स्पष्ट मत है कि यह सारी जमीनें शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आती हैं और किसी भी निजी व्यक्ति का इन पर कोई अधिकार नहीं है।

गृह मंत्रालय भी कर रहा शत्रु संपत्तियों की सख्त निगरानी

शत्रु संपत्तियों को लेकर केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय पहले ही राज्य सरकारों को स्पष्ट आदेश दे चुके हैं। गृह मंत्रालय लगातार इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है। वर्ष 2016 से मोदी सरकार ने देशभर में शत्रु संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराकर सरकारी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। अब सीएम धामी के निर्देशों के बाद हरिद्वार प्रशासन से भी उम्मीद की जा रही है कि जल्द कार्रवाई होगी।

फर्जीवाड़ा और जांच का दायरा

हरिद्वार में भी पिछले वर्षों में शत्रु संपत्तियों पर कब्जे के लिए फर्जी रजिस्ट्रियां और स्टांप घोटाले सामने आ चुके हैं। प्रशासन अब हर मामले को संदिग्ध नजर से देखकर जांच कर रहा है। एडीएम स्तर की अदालतों में कई मामले लंबित हैं, जिनमें सुनवाई चल रही है। प्रशासन की प्राथमिकता यह है कि असली और नकली दावेदारों की पहचान कर फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जाए।

सीएम धामी का निर्देश

सीएम धामी ने कहा है कि राज्य के हित में इन जमीनों को कब्जा मुक्त कराना बेहद जरूरी है। उन्होंने जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि बिना देरी किए शत्रु संपत्तियों पर कब्जा लिया जाए, चारदीवारी की जाए और सरकारी बोर्ड लगाए जाएं। साथ ही, इन जमीनों का उपयोग जनहित कार्यों, सार्वजनिक संस्थानों और विकास योजनाओं के लिए किया जाए।

क्या होती है शत्रु संपत्ति?

देश के बंटवारे के समय जो लोग पाकिस्तान चले गए, उनकी भारत में बची हुई संपत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है। इन संपत्तियों का प्रबंधन गृह मंत्रालय करता है और इन पर किसी भी व्यक्ति का निजी अधिकार मान्य नहीं है।

हरिद्वार में फैली शत्रु संपत्तियों पर अब प्रशासन और सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सीएम धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद उम्मीद है कि वर्षों से विवादों और फर्जी दावों में उलझी यह जमीनें अब कब्जा मुक्त होकर सरकारी उपयोग में लाई जा सकेंगी। यह कदम न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता लाएगा, बल्कि जनहित में इनकी उपयोगिता भी साबित करेगा।

✍️ विशेष रिपोर्ट – Daily Live Uttarakhand

हरिद्वार जनपद की प्रमुख शत्रु संपत्तियों की एक सूची जल्द सार्वजनिक की जायेगी 

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