कलियर उर्स मेला: होटल-ढाबों पर प्रशासन की सख्ती,, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ ने किया औचक निरीक्षण,, रेट लिस्ट न लगाने वालों को जमकर लगाई फटकार, ग्राहकों की सुविधा पर विशेष जोर

इन्तजार रजा हरिद्वार- कलियर उर्स मेला: होटल-ढाबों पर प्रशासन की सख्ती,,
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ ने किया औचक निरीक्षण,,
रेट लिस्ट न लगाने वालों को जमकर लगाई फटकार, ग्राहकों की सुविधा पर विशेष जोर
रुड़की/कलियर। प्रसिद्ध कलियर उर्स मेले में प्रशासन ने सख्ती का रुख अपनाते हुए होटल और ढाबा संचालकों को कड़े निर्देश दिए हैं। शनिवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ ने स्वयं मेला क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया और उन होटल-ढाबों पर जमकर फटकार लगाई जहां रेट लिस्ट प्रदर्शित नहीं की गई थी। उन्होंने साफ कहा कि प्रशासन का मकसद है कि उर्स मेले में आने वाले जायरीनों को शुद्ध, व्यवस्थित और मुनासिब दामों पर खाने-पीने का सामान उपलब्ध हो।
निरीक्षण के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने होटल और ढाबा संचालकों को सख्त हिदायत दी कि यदि किसी प्रतिष्ठान पर निर्धारित दर सूची नहीं पाई गई, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि खाने-पीने की सामग्री की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
मेले में प्रतिदिन हजारों की संख्या में जायरीन और पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में अव्यवस्था या मनमाने दाम वसूलने की शिकायतें आम हो जाती हैं। प्रशासन ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए होटल-ढाबों पर निगरानी बढ़ा दी है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सेठ ने बताया कि मेले के दौरान होटल व ढाबा मालिक यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक ग्राहक को उचित मूल्य पर सामान मिले। इसके लिए सभी प्रतिष्ठानों को दर सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस औचक निरीक्षण में नायब तहसीलदार यूसुफ अली सहित प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर प्रशासन की नजर बनी हुई है। लगातार निरीक्षण और सख्ती से अब यह स्पष्ट हो गया है कि होटल-ढाबा संचालकों को मनमानी करने की कोई छूट नहीं मिलेगी।
स्थानीय लोगों और मेले में आए जायरीनों ने प्रशासन की इस कार्यवाही का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से न केवल उपभोक्ताओं का शोषण रुकेगा बल्कि मेले की छवि भी बेहतर होगी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि मेला क्षेत्र में स्वच्छता और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी होटल व ढाबा मालिकों को निभानी होगी। प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने वालों को चेतावनी दी गई है कि दोबारा गलती पाए जाने पर उनके प्रतिष्ठान सील तक किए जा सकते हैं।
कुल मिलाकर, कलियर उर्स मेले में प्रशासन ने ग्राहकों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए ठोस कदम उठाए हैं। अब देखना यह होगा कि होटल और ढाबा संचालक किस हद तक प्रशासन के इन आदेशों का पालन करते हैं और मेले में आने वाले जायरीनों को कैसा अनुभव मिलता है।