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कांग्रेस के हंगामे के बीच पास हुआ अनुपूरक बजट,, विधानसभा में सभी 9 विधेयक पारित, अब मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित,, विपक्ष के शोर-शराबे पर विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी का पलटवार

इन्तजार रजा हरिद्वार- कांग्रेस के हंगामे के बीच पास हुआ अनुपूरक बजट,,

विधानसभा में सभी 9 विधेयक पारित, अब मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित,,

विपक्ष के शोर-शराबे पर विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी का पलटवार

भराड़ीसैण (गैरसैंण)। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र विपक्ष के हंगामे के बीच ऐतिहासिक फैसलों के साथ समाप्त हुआ। अनुपूरक बजट 2025-26 और 9 महत्वपूर्ण विधेयक विपक्ष की जोरदार नारेबाजी के बावजूद सदन से पारित कर दिए गए। कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था को लेकर जमकर विरोध किया, लेकिन अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने सत्र को अंततः अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

अनुपूरक बजट 2025-26 : मुख्य बिंदु

धामी सरकार ने ₹5315 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट को विकास और जनसुविधाओं से जोड़ा गया है। प्रमुख बिंदु—

  • युवाओं के लिए अवसर – स्वरोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान।
  • महिला सशक्तिकरण – महिला उद्यमिता और सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त धनराशि।
  • किसानों को सहारा – सिंचाई योजनाओं और सब्सिडी के लिए बजट में वृद्धि।
  • पहाड़ी क्षेत्रों पर फोकस – दुर्गम इलाकों में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की मूलभूत सुविधाओं के लिए विशेष पैकेज।
  • आधुनिक टेक्नोलॉजी – ई-गवर्नेंस और डिजिटलीकरण के लिए बजट प्रावधान।

सदन से पारित 9 विधेयक : असर और महत्व

सरकार ने विपक्ष के हंगामे के बावजूद 9 अहम विधेयक पारित किए। इनका सीधा असर प्रदेश की नीतियों और जनता पर पड़ेगा। प्रमुख विधेयक इस प्रकार रहे—

  1. राजकोष प्रबंधन विधेयक – सरकारी खर्चों को पारदर्शी और नियंत्रित बनाने का प्रयास।
  2. कृषि विपणन संशोधन विधेयक – किसानों को बाजार तक सीधी पहुंच और बिचौलियों की भूमिका कम करने का प्रावधान।
  3. नगर निकाय सुधार विधेयक – नगर निकायों को वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारों में वृद्धि।
  4. शिक्षा सेवा आयोग विधेयक – स्कूल-कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का प्रयास।
  5. स्वास्थ्य सेवा विनियमन विधेयक – प्राइवेट अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स की कार्यप्रणाली पर निगरानी।
  6. पर्यावरण संरक्षण संशोधन विधेयक – अवैध खनन और प्रदूषण नियंत्रण के कड़े प्रावधान।
  7. उद्योग प्रोत्साहन विधेयक – निवेश बढ़ाने और छोटे-मझोले उद्योगों को सहायता देने की योजना।
  8. ग्रामीण विकास एवं पंचायत विधेयक – पंचायतों की स्वायत्तता और ग्राम विकास योजनाओं को बढ़ावा।
  9. नवीन ऊर्जा संवर्धन विधेयक – सौर और जल विद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रावधान।

विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी का ब्यान

सत्र के बाद विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने कहा
“हम सत्र को और आगे चलाना चाहते थे, लेकिन विपक्ष ने केवल हंगामा किया। न कोई सवाल-जवाब हुआ, न गंभीर चर्चा। जनता के मुद्दों पर बहस की जगह शोर-शराबा ही हुआ।”

भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

भाजपा ने इसे विपक्ष की नकारात्मक राजनीति करार दिया। सत्ता पक्ष का कहना है कि सरकार ने बजट और विधेयकों के माध्यम से विकास की दिशा तय की है। वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि सरकार जनता की समस्याओं से भाग रही है और विपक्ष की आवाज को दबा रही है।

गैरसैंण का यह मानसून सत्र भले ही हंगामे और शोरगुल के बीच समाप्त हुआ हो, लेकिन इसके जरिए सरकार ने बड़े वित्तीय प्रावधानों और 9 विधेयकों को पारित कर अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं। यह अलग बात है कि विपक्ष इसे जनता के मुद्दों की अनदेखी बता रहा है।

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