लम्बे अर्से से एक ही जगह एक ही कुर्सी पर जमे बाबुओं/कर्मचारियों से बिगड़ रही व्यवस्था,, बहादराबाद ब्लॉक में रोटेशन नीति की दरकार,, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के सख्त निर्देशों के बावजूद बहादराबाद ब्लॉक में तबादलों की रफ्तार धीमी, पारदर्शिता पर उठे सवाल,, क्षेत्रीय नागरिकों की DM से मांग: “सिस्टम सुधारना है तो बहादराबाद ब्लॉक में कुर्सी से उठाइए मठाधीश बाबुओं/कर्मचारियों को”

इन्तजार रजा हरिद्वार- लम्बे अर्से से एक ही जगह एक ही कुर्सी पर जमे बाबुओं/कर्मचारियों से बिगड़ रही व्यवस्था,, बहादराबाद ब्लॉक में रोटेशन नीति की दरकार,,
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के सख्त निर्देशों के बावजूद बहादराबाद ब्लॉक में तबादलों की रफ्तार धीमी, पारदर्शिता पर उठे सवाल,,
क्षेत्रीय नागरिकों की DM से मांग: “सिस्टम सुधारना है तो बहादराबाद ब्लॉक में कुर्सी से उठाइए मठाधीश बाबुओं/कर्मचारियों को”
हरिद्वार, 20 जून 2025 —
हरिद्वार जिले के बहादराबाद विकासखंड में वर्षों से एक ही पद और कुर्सी पर जमे कर्मचारियों को लेकर स्थानीय लोगों में गहरी चिंता बनी हुई है। लोगों का कहना है कि ये कर्मचारी न सिर्फ कार्य प्रणाली में लापरवाही बरत रहे हैं, बल्कि वर्षों की सांठगांठ से कार्यालय व्यवस्था में भी जड़ें जमा चुके हैं। इसके चलते विकास कार्यों में रुकावटें आ रही हैं और पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
डीएम ने दिए थे स्पष्ट निर्देश, फिर भी बदलाव नदारद
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण किया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि 15 जून तक सभी विभागों में स्थानांतरण की प्रक्रिया पूर्ण कर उसकी रिपोर्ट जिला कार्यालय में प्रस्तुत की जाए।
साथ ही, सीएम हैल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों की गंभीर समीक्षा करने और लापरवाही पर कठोर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए थे।
बहादराबाद ब्लॉक में जमे हैं वर्षों से कई बाबू
बावजूद इसके, बहादराबाद ब्लॉक के कार्यालयों में स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। स्थानीय नागरिकों और सूत्रों के अनुसार, ब्लॉक कार्यालय में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो 8 से 10 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत हैं। इनमें कुछ क्लर्क, लेखाकार और तकनीकी सहायक शामिल हैं, जिनके कामकाज की शैली पर भी सवाल उठते रहे हैं।
“स्थायित्व ने बना दिया है इन्हें ‘स्थानीय व्यवस्था’ का मालिक”
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से एक ही जगह जमे ये कर्मचारी अपनी पकड़ और नेटवर्क के बल पर न सिर्फ सुविधाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं, बल्कि आमजन की समस्याओं का समाधान भी टालते रहते हैं। फाइलें लंबित रहना, योजनाओं में देरी, और जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति आम होती जा रही है।
जनता की अपील – डीएम स्वयं लें संज्ञान
क्षेत्रीय नागरिकों ने डीएम मयूर दीक्षित से अनुरोध किया है कि वे स्वयं बहादराबाद विकासखंड का औचक निरीक्षण करें और यहां वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे कर्मचारियों की सूची तलब करें।
उनका कहना है कि यदि स्थानांतरण नीति का कड़ाई से पालन बहादराबाद ब्लॉक में नहीं किया गया, तो यह नीति केवल कागज़ों में ही सीमित रह जाएगी।
प्रशासनिक निगरानी और पारदर्शिता जरूरी
स्थानांतरण नीति का उद्देश्य कार्यक्षमता बढ़ाना, जवाबदेही तय करना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना होता है। लेकिन जब कर्मचारी वर्षों तक एक ही स्थान पर टिके रहते हैं, तो प्रशासनिक निष्क्रियता, पक्षपात और लचर व्यवस्था पनपने लगती है। बहादराबाद में यही स्थिति बनती दिख रही है।
- बहादराबाद विकासखंड में वर्षों से जमे कर्मचारियों की स्थिति स्थानांतरण नीति की अवहेलना को दर्शा रही है।
- डीएम हरिद्वार के पूर्व आदेशों के बावजूद ब्लॉक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
- जिलाधिकारी को चाहिए कि वह स्वयं इस मामले का संज्ञान लें, कर्मचारियों की सूची मंगवाएं और स्थानांतरण प्रक्रिया की समीक्षा करें।
हरिद्वार प्रशासन यदि पारदर्शी और जवाबदेह शासन प्रणाली की ओर बढ़ना चाहता है, तो बहादराबाद जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी नीति को सख्ती से लागू करना होगा। नीति पर अमल नहीं, तो नीति का होना भी बेमानी है।
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