मीरपुर मुवाजरपुर में नई नवेली सड़क बनी परेशानी का सबब,, बरसात से पहले ही ग्रामीणों ने जताई चिंता – “अब घरों में घुसेगा पानी”,, प्रशासन को किया गया अलर्ट, ग्रामीणों ने लगाई समाधान की गुहार व प्रशासनिक कार्रवाई की मांग

इन्तजार रजा हरिद्वार- मीरपुर मुवाजरपुर में नई नवेली सड़क बनी परेशानी का सबब,,
बरसात से पहले ही ग्रामीणों ने जताई चिंता – “अब घरों में घुसेगा पानी”,,
प्रशासन को किया गया अलर्ट, ग्रामीणों ने लगाई समाधान की गुहार व प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
हरिद्वार/बहादराबाद, 20 जून 2025:
हरिद्वार जनपद की तहसील और ब्लॉक बहादराबाद स्थित ग्राम सभा मीरपुर मुवाजरपुर में हाल ही में जिला पंचायत द्वारा कराए जा रहे एक सड़क निर्माण कार्य को लेकर गंभीर विवाद और चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गांव के दर्जनों स्थायी निवासियों ने उपजिलाधिकारी हरिद्वार को एक लिखित ज्ञापन सौंपकर निर्माण कार्य पर तत्काल रोक और मौके पर जांच की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ग्राम पंचायत के आम रास्ते पर, जहां से गांव का बरसाती पानी निकलता था, अत्यधिक ऊँचाई पर टाइल्स लगाकर जल निकासी अवरुद्ध कर दी गई है। इससे न सिर्फ प्राकृतिक जल मार्ग बाधित हुआ है बल्कि गांव के कई घरों में पानी घुसने की नौबत आ गई है।
“बरसात में गांव डूबेगा, पहले भी प्रशासन ने हटवाया था अवरोध”
गांव के लोगों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। पूर्व में भी बरसाती पानी रोकने का प्रयास किया गया था, जिसे तहसीलदार हरिद्वार ने पुलिस बल की मौजूदगी में तुड़वाया था।
लेकिन अब फिर से उसी जगह बिना किसी प्रस्ताव या सहमति के इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछवा दी हैं, और वह भी इतनी ऊंचाई पर कि गांव की निचली बस्तियां जलजमाव की चपेट में आ सकती हैं।
“पहले पानी तालाब में जाता था, अब हमारे घरों में घुसेगा” – ग्रामीणों का दर्द
गांव निवासी संदीप सैनी ने बताया, “हम लगातार कह रहे थे कि सड़क बनानी है तो पहले पानी की निकासी का इंतजाम करो। लेकिन अब यह टाइल्स की सड़क इतनी ऊँची बना दी गई है कि सारा बरसाती पानी घरों में घुसेगा।”
मास्टर राजेश चौहान ने बताया, “यह तो जानबूझकर गांव में झगड़े और संकट की स्थिति पैदा की जा रही है। जब पानी निकलेगा नहीं तो उसका बहाव गांव की गलियों और घरों की ओर ही होगा।”
गांव में बढ़ सकता है टकराव – प्रशासन से फौरन हस्तक्षेप की मांग
ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यदि इस मामले में समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो गांव में कभी भी झगड़ा-फसाद या जनहानि की घटना हो सकती है।ग्राम सभा मीरपुर मुवाजरपुर के कुछ लोगों ने इस अवैध निर्माण कार्य को हटवाने के लिए पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह कार्य न तो जनसहमति से हुआ है और न ही ग्राम पंचायत प्रस्ताव से। बल्कि यह कार्य कुछ व्यक्तियों द्वारा जिला पंचायत सदस्य पर दबाव डालकर कराया गया है।
जिला पंचायत सदस्य पर भी उठे सवाल
ग्रामीणों ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि उन्होंने जिला पंचायत सदस्य विमलेश देवी से भी निवेदन किया था कि निर्माण कार्य को तब तक रोका जाए जब तक बरसाती पानी के निकासी की उचित व्यवस्था न हो जाए।
लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सदस्या ने असामाजिक तत्वों के दबाव में आकर कार्य जारी रहने दिया, जिससे अब गांव की बड़ी आबादी संकट में है।
क्या बोले ग्रामीण प्रतिनिधि, “हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बिना निकासी के ऐसी ऊंची सड़क बनाना लोगों के जीवन से खिलवाड़ है। प्रशासन को खुद गांव आकर स्थिति का जायजा लेना चाहिए और टाइल्स हटवाकर वैकल्पिक जल निकासी की व्यवस्था करानी चाहिए।”
प्रशासन और कार्यदायी विभाग को अलर्ट – पर चुप्पी बरकरार
ग्रामीणों ने सोशल मीडिया के माध्यम से और प्रत्यक्ष रूप से ज्ञापन देकर स्थानीय प्रशासन और कार्यदायी विभाग को अलर्ट कर दिया है, लेकिन अब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी और चिंता लगातार बढ़ रही है।
अब विकास को चाहिए दिशा और संवेदनशीलता
मीरपुर मुवाजरपुर की यह स्थिति केवल एक गांव की नहीं, बल्कि बिना प्लानिंग और स्थानीय परिस्थितियों को नजरअंदाज कर किए जा रहे निर्माण कार्यों की एक झलक है।
अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो यह एक सामान्य निर्माण कार्य नहीं, बल्कि गंभीर प्रशासनिक लापरवाही बनकर सामने आएगा।
अब वक्त है कि विकास कार्यों को सिर्फ आंकड़ों और उद्घाटनों तक सीमित न रखकर – ज़मीनी हकीकत और जनहित के साथ जोड़ा जाए। विरोध के दौरान संदीप सैनी, महेन्द्र सैनी, राजेश सैनी, मास्टर राजेश चौहान, मास्टर गजेन्द्र चौहान, सरवन सैनी, धर्मवीर सैनी, विशाल शर्मा, रवि शर्मा, अरुण कुमार चौहान, सुन्दर लाल शर्मा, प्रदीप चौहान आदि ग्रामीण मौजूद रहे