लक्सर में बालावाली नीलधारा गंगा और सोलानी नदी का जलस्तर बढ़ा, दर्जनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात,, एसडीएम सौरभ अस्वाल ने बाढ़ राहत चौकियों को किया अलर्ट, प्रशासन ने राहत कैंपों की तैयारी शुरू की

इन्तजार रजा हरिद्वार- लक्सर में बालावाली नीलधारा गंगा और सोलानी नदी का जलस्तर बढ़ा, दर्जनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात,,
एसडीएम सौरभ अस्वाल ने बाढ़ राहत चौकियों को किया अलर्ट, प्रशासन ने राहत कैंपों की तैयारी शुरू की
हरिद्वार/लक्सर:
उत्तराखंड में मौसम विभाग का भारी बारिश को लेकर जारी किया गया अलर्ट बिल्कुल सटीक साबित हुआ है। बीते 24 घंटे से लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण लक्सर क्षेत्र के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कॉलोनियों, गलियों और मुख्य मार्गों तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। बारिश के चलते बालावाली नीलधारा गंगा और सोलानी नदी के जलस्तर में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई है। परिणामस्वरूप लक्सर और आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं।
लक्सर की कॉलोनियों में घुसा पानी, रास्ते हुए जलमग्न
लक्सर नगर क्षेत्र की दर्जनों कॉलोनियों में पानी घुसने की खबरें आ रही हैं। लगातार बारिश से ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है। जलभराव के कारण मुख्य मार्गों और गलियों में लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। कई घरों में बारिश का पानी घुस गया है, जिससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से जल निकासी के लिए जल्द राहत कार्य शुरू करने की मांग की है।
नीलधारा गंगा और सोलानी नदी का जलस्तर बढ़ा, खतरे के निशान के करीब
लक्सर से होकर बह रही बालावाली नीलधारा गंगा और सोलानी नदी का जलस्तर चिंताजनक रूप से बढ़ चुका है। गंगा के तटीय गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन का मानना है कि यदि बारिश इसी तरह जारी रही, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। एसडीएम सौरभ अस्वाल ने नीलधारा तट और नदियों के पास बसे गांवों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
विशेषकर खानपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले बालावाली, दल्लावाला, मुंडलाना, खजूरी, भंगेड़ी महावतपुर, खेड़ी शिकोहपुर, बिंड मोहल्ला, भिक्कमपुर, बरहेड़ा और अन्य गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। प्रशासन ने इन क्षेत्रों को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा है।
एसडीएम ने सभी बाढ़ राहत चौकियों को किया अलर्ट
आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से लक्सर तहसील प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। लक्सर के एसडीएम सौरभ अस्वाल ने जिले की सभी बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में होमगार्ड और राजस्व विभाग की टीमें लगातार भ्रमण कर रही हैं।
नदी किनारे रह रहे ग्रामीणों को प्रशासन द्वारा बार-बार सूचित किया जा रहा है कि वे अगले 48 घंटे तक गंगा या किसी भी नदी के तट की ओर न जाएं। ग्राम प्रधानों और क्षेत्रीय समाजसेवियों को भी इस दिशा में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
राहत शिविरों की तैयारी में जुटा प्रशासन
आपदा जैसे हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने संभावित प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्राथमिक विद्यालयों, पंचायत घरों और सरकारी भवनों को शिविरों के रूप में तैयार किया जा रहा है। पेयजल, दवाइयों और खाद्यान्न की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसी भी स्थिति में लोगों को असुविधा न हो।
एसडीएम ने बताया कि तहसील कार्यालय में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया गया है। आमजन किसी भी प्रकार की परेशानी या आपदा के संकेत मिलते ही कंट्रोल रूम के टोल-फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
भारी बारिश से पूरे उत्तराखंड में अलर्ट, पहाड़ों से आने वाली नदियों पर नजर
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी की थी कि 30 जून को उत्तराखंड के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। विशेषकर हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति बनने की आशंका जताई गई थी। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों में पानी का बहाव तेज हो गया है। जिससे तराई क्षेत्र के लक्सर, खानपुर और बहादराबाद जैसे क्षेत्रों में खतरे की स्थिति बनती जा रही है।
स्थानीय जनता में चिंता का माहौल, खेतों में भर गया पानी
बारिश और बाढ़ के कारण क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में खड़ी धान, गन्ना और सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। कई जगहों पर बाढ़ का पानी खेतों में भर चुका है, जिससे फसलें पूरी तरह नष्ट होने की कगार पर हैं। किसानों का कहना है कि यदि जल्द पानी नहीं निकला तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
प्रशासन ने जनता से की अपील – अफवाहों से बचें, सतर्क रहें
लक्सर प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचना से बचें। केवल सरकारी सूचना तंत्र और स्थानीय प्रशासन की घोषणाओं पर ही भरोसा करें। यदि कहीं कोई खतरा महसूस हो, तो तत्काल राहत टीमों से संपर्क करें।
एसडीएम सौरभ अस्वाल ने कहा, “हम पूरी तरह सतर्क हैं। हर गांव पर नजर रखी जा रही है। यदि किसी भी क्षेत्र में जलभराव या बाढ़ की स्थिति गंभीर होती है, तो तत्परता से कार्रवाई की जाएगी। हमारी प्राथमिकता लोगों की जान-माल की सुरक्षा है।”
मानसून की पहली बड़ी चुनौती से जूझता लक्सर
उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में मानसून की पहली बड़ी मार लक्सर क्षेत्र ने झेली है। लगातार बारिश, जलस्तर में वृद्धि और बाढ़ जैसे हालातों के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अपने सभी संसाधनों को सक्रिय कर दिया है। लेकिन आने वाले 48 घंटे अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। प्रशासन और जनता दोनों की सतर्कता ही किसी बड़े नुकसान से क्षेत्र को बचा सकती है।
रिपोर्टर: इंतज़ार रज़ा, Daily Live Uttarakhand