पंचायतों के खाते में पहुंचा करोड़ों का विकास बजट,, हरिद्वार की 318 ग्राम पंचायतों और 6 क्षेत्र पंचायतों को ₹31.92 करोड़ की पहली किस्त जारी,, जनसंख्या के आधार पर बजट आवंटन, पंचायतों में शुरू होंगे प्राथमिक विकास कार्य

इन्तजार रजा हरिद्वार- पंचायतों के खाते में पहुंचा करोड़ों का विकास बजट,,
हरिद्वार की 318 ग्राम पंचायतों और 6 क्षेत्र पंचायतों को ₹31.92 करोड़ की पहली किस्त जारी,,
जनसंख्या के आधार पर बजट आवंटन, पंचायतों में शुरू होंगे प्राथमिक विकास कार्य
हरिद्वार, 25 जुलाई 2025:
हरिद्वार जिले की ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों को सरकार द्वारा विकास कार्यों को गति देने के लिए वित्तीय सहायता की पहली किस्त जारी कर दी गई है। राज्य सरकार के पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर ग्राम पंचायतों को 22.13 करोड़ और क्षेत्र पंचायतों को 9.78 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर की गई है। यह बजट अब गांवों की सूरत संवारने और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
राज्य वित्त की पहली किस्त से पंचायतें होंगी सशक्त
राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों को दो किस्तों में अनुदान राशि दी जाती है, परंतु मौजूदा वर्ष की पहली छमाही बीतने के बाद भी पंचायतों को अनुदान नहीं मिला था। इस कारण ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और जनप्रतिनिधियों में असंतोष व्याप्त था। अब सरकार ने पहली किस्त के रूप में कुल 31 करोड़ 92 लाख तीन हजार रुपये जारी कर ग्रामीण विकास के रास्ते खोल दिए हैं।
यह राशि सीधे पंचायतों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और समयबद्ध तरीके से कार्य हो सकें। ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बजट का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए।
जनसंख्या के अनुपात में हुआ बजट आवंटन
ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों को दी गई यह राशि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जनसंख्या के अनुपात में आवंटित की गई है। हरिद्वार जनपद की सबसे छोटी ग्राम पंचायत समसपुर कटेबड़ है, जिसकी आबादी मात्र 801 है, जबकि सबसे बड़ी ग्राम पंचायत भगतनपुर-आबिदपुर की जनसंख्या 20306 है। क्षेत्र पंचायतों में सबसे छोटी खानपुर है (जनसंख्या 53194) और सबसे बड़ी बहादराबाद, जिसकी जनसंख्या 3,20,309 है।
इस आबादी के अनुपात में ही बजट का वितरण सुनिश्चित किया गया है, ताकि सभी पंचायतों में संतुलित विकास संभव हो सके।
ग्रामों में होंगे बुनियादी विकास कार्य
जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि,
“जिला पंचायत विभाग द्वारा राज्य सरकार से प्राप्त बजट की पहली किस्त को ग्राम और क्षेत्र पंचायतों के खातों में सफलतापूर्वक ट्रांसफर कर दिया गया है। अब ग्राम पंचायतों में स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक भवन, सड़क निर्माण, स्ट्रीट लाइट, पेयजल व्यवस्था सहित अन्य प्रस्तावित कार्य शुरू किए जा सकेंगे। हम सभी अधिकारियों को निर्देशित कर चुके हैं कि इस बजट का संपूर्ण सदुपयोग किया जाए और कार्यों की गुणवत्ता में कोई समझौता न हो। हमारा प्रयास है कि इस राशि से गांवों में चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हो सके।”
ग्राम विकास की दिशा में ठोस कदम
318 ग्राम पंचायतों और 6 क्षेत्र पंचायतों में इस बजट के माध्यम से प्रस्तावित विकास कार्यों को अब जमीन पर उतारा जाएगा। इसमें प्राथमिकता उन कार्यों को दी जाएगी जिनकी ग्रामीण क्षेत्रों में तत्काल आवश्यकता है, जैसे कि –
- जलभराव वाले इलाकों में जल निकासी की व्यवस्था
- क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत
- पंचायत भवनों का जीर्णोद्धार
- सामुदायिक शौचालयों का निर्माण
- सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट लगाना
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए सार्वजनिक पार्क या ओपन जिम
ग्रामीणों को राहत और उम्मीद दोनों
बजट जारी होने से ग्राम प्रधानों और क्षेत्र पंचायत प्रमुखों में खुशी की लहर है। कई ग्राम प्रधानों ने बताया कि राज्य वित्त की राशि लंबे समय से रुकी हुई थी, जिससे पंचायतों के दैनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे थे। अब इस बजट से उन्हें फिर से नई ऊर्जा और दिशा मिली है।
इसके साथ ही ग्रामीणों को भी उम्मीद जगी है कि अब उनके क्षेत्र में लंबे समय से रुके पड़े विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि बजट का पारदर्शी तरीके से उपयोग सुनिश्चित किया जाए और प्रत्येक कार्य की निगरानी हो।
संक्षिप्त में:
🔹 ग्राम पंचायतों को मिला: ₹22.13 करोड़
🔹 क्षेत्र पंचायतों को मिला: ₹9.78 करोड़
🔹 कुल जारी बजट: ₹31.92 करोड़
🔹 318 ग्राम पंचायतें और 6 क्षेत्र पंचायतें लाभान्वित
🔹 जनसंख्या के अनुपात में हुआ आवंटन
सरकार द्वारा राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत जारी की गई यह पहली किस्त न केवल पंचायतों के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में सुशासन और स्थायी विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी। अब देखना यह है कि पंचायतें इस बजट का उपयोग कितनी ईमानदारी और तत्परता से करती हैं, ताकि हरिद्वार जिले के गांवों में विकास की गूंज हर कोने तक पहुंचे।