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हरिद्वार के सिडकुल में नकली दवा फैक्ट्री पर NCB की बड़ी कार्रवाई, बिना लाइसेंस चल रही थी दवा निर्माण इकाई, नारकोटिक्स दवाओं के अवैध निर्माण का खुलासा, NCB, केंद्रीय व राज्य औषधि विभाग और हरिद्वार पुलिस की संयुक्त छापेमारी में बड़ा खुलासा, मालिक हिरासत में

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार के सिडकुल में नकली दवा फैक्ट्री पर NCB की बड़ी कार्रवाई,

बिना लाइसेंस चल रही थी दवा निर्माण इकाई, नारकोटिक्स दवाओं के अवैध निर्माण का खुलासा,

NCB, केंद्रीय व राज्य औषधि विभाग और हरिद्वार पुलिस की संयुक्त छापेमारी में बड़ा खुलासा, मालिक हिरासत में

Daily Live Uttarakhand विशेष रिपोर्ट

हरिद्वार, 6 जून 2025 —
जनपद हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल के सेक्टर IIDC में एक अवैध दवा निर्माण इकाई का पर्दाफाश हुआ है। यह कार्रवाई केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (NCB), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO), उत्तराखंड राज्य औषधि विभाग और हरिद्वार पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा की गई। कार्रवाई उस समय की गई जब मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर टीमों ने औचक छापेमारी की और मौके पर भारी अनियमितताएं पाई गईं।

बिना लाइसेंस कर रहा था दवा निर्माण

छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में मौजूद सुनील कुमार वर्मा पुत्र श्री चैन सुख निवासी बुलंदशहर, उत्तरप्रदेश ने स्वयं को कंपनी का मालिक बताया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि सभी कार्य उसकी देखरेख में ही हो रहे हैं। जब अधिकारियों ने दस्तावेजों की जाँच की तो यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी के पास दवा निर्माण का कोई वैध लाइसेंस नहीं है। केवल एक फ़ूड लाइसेंस के आधार पर वह दवाओं का निर्माण कर रहा था, जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के स्पष्ट उल्लंघन में आता है।

नारकोटिक्स केस की कड़ी से खुला राज

NCB दिल्ली को एक पुराने नारकोटिक्स केस की जाँच के दौरान आरोपी सुनील कुमार वर्मा के संबंध में महत्वपूर्ण सुराग मिले थे। जानकारी के आधार पर NCB की टीम ने हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में स्थित उक्त फैक्ट्री पर छापा मारा। छानबीन के दौरान कई दवाएं ऐसी पाई गईं जिनमें नारकोटिक तत्वों की मिलावट होने की आशंका जताई गई है।

इन दवाओं और निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल को जब्त कर सील कर दिया गया है। NCB की टीम ने उन्हें आगे की फॉरेंसिक जांच के लिए अपने साथ दिल्ली रवाना कर दिया। इसके साथ ही आरोपी मालिक सुनील कुमार वर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ हेतु दिल्ली ले जाया गया।

राज्य व केंद्रीय ड्रग विभाग की त्वरित कार्रवाई

छापेमारी में शामिल राज्य व केंद्रीय औषधि निरीक्षकों ने मौके से दवाओं के नमूने लेकर उन्हें विश्लेषण हेतु प्रयोगशाला भेज दिया है। इन रिपोर्टों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। यदि इन दवाओं में निषिद्ध पदार्थ पाए गए तो आरोपी के विरुद्ध ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कठोर दंडात्मक कार्यवाही तय है।

औषधि निरीक्षक अनिता भारती के अनुसार:

“हमने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए अवैध दवा निर्माण की प्रक्रिया को रोका है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है और किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

जाँच दल की सूची

NCB दिल्ली टीम:

  • इंस्पेक्टर पारस नाथ
  • सब-इंस्पेक्टर संदीप कुमार
  • सब-इंस्पेक्टर अजीत सिंह मीणा
  • सिपाही अमन शर्मा

राज्य औषधि विभाग (उत्तराखंड):

  • अनिता भारती, ड्रग्स इंस्पेक्टर, हरिद्वार
  • हरीश सिंह, ड्रग्स इंस्पेक्टर, हरिद्वार
  • मेघा, ड्रग्स इंस्पेक्टर, हरिद्वार
  • अमित कुमार आज़ाद, ड्रग्स इंस्पेक्टर, रुद्रप्रयाग
  • ऋषभ धामा, ड्रग्स इंस्पेक्टर, टिहरी

केंद्रीय औषधि विभाग (CDSCO):

  • कमल हलदार, सहायक औषधि नियंत्रक, CDSCO
  • डॉ. मनीष कुमार, ड्रग्स इंस्पेक्टर
  • अंजन कुमार, ड्रग्स इंस्पेक्टर
  • महेन्द्र सिंह, ड्रग्स इंस्पेक्टर

हरिद्वार पुलिस टीम (सिडकुल थाना):

  • सब-इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह
  • कांस्टेबल कुलदीप डिमरी
  • कांस्टेबल कुलदीप सिंह
  • कांस्टेबल सुनील सैनी
  • कांस्टेबल अनिल कंडारी

कठोर दंड की तैयारी, सार्वजनिक स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं

संयुक्त टीमों का कहना है कि यह कोई सामान्य मामला नहीं है, बल्कि आम नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ जानबूझकर किया गया एक गंभीर अपराध है। बिना लाइसेंस, गैरकानूनी दवाओं का निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह स्वास्थ्य आपातकाल का कारण बन सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जब्त की गई दवाओं की संख्या सैकड़ों किलोग्राम है और बड़ी मात्रा में नारकोटिक्स की मौजूदगी की आशंका जताई जा रही है। यह भी संभावना है कि इस फैक्ट्री से दवाओं की आपूर्ति अंतरराज्यीय स्तर पर की जा रही थी।

क्या हो सकता है अगला कदम?

यदि जांच रिपोर्टों में नारकोटिक्स की पुष्टि होती है तो आरोपी पर NDPS Act (1985) के अंतर्गत भी केस दर्ज हो सकता है, जो कि बेहद कठोर दंड वाली धारा है। इसके तहत आरोपी को 10 साल तक की सजा और लाखों रुपये का जुर्माना हो सकता है।

Daily Live Uttarakhand की विशेष टिप्पणी

हरिद्वार जैसे पवित्र जनपद में औद्योगिक क्षेत्र की आड़ में स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ चिंताजनक है। राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त कार्यवाही से यह साफ हो गया है कि अवैध औषधि कारोबार अब राष्ट्रीय सुरक्षा और जनस्वास्थ्य का मुद्दा बन चुका है। यह ज़रूरी है कि प्रशासन इस दिशा में और सख्ती बरते और ऐसे अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाए।


रिपोर्ट: डेली लाइव उत्तराखंड संवाददाता टीम
दिनांक: 7 जून 2025
स्थान: हरिद्वार

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