बहादराबाद फिटनेस सेंटर पर परिवहन विभाग की छापामार कार्रवाई,, तकनीकी खामियां उजागर, एआरटीओ ने दिए सुधार के सख्त निर्देश,, अब सिर्फ ऑटोमैटिक मशीनों से होगी फिटनेस जांच, मैनुअल प्रक्रिया पर रोक,, एआरटीओ कार्यालय में भी होगा सेंटर के सीसीटीवी कैमरे का एक्सेज, तिसरी आंख से होगी निगरानी

इन्तजार रजा हरिद्वार- बहादराबाद फिटनेस सेंटर पर परिवहन विभाग की छापामार कार्रवाई,,
तकनीकी खामियां उजागर, एआरटीओ ने दिए सुधार के सख्त निर्देश,,
अब सिर्फ ऑटोमैटिक मशीनों से होगी फिटनेस जांच, मैनुअल प्रक्रिया पर रोक,, एआरटीओ कार्यालय में भी होगा सेंटर के सीसीटीवी कैमरे का एक्सेज, तिसरी आंख से होगी निगरानी
हरिद्वार, 26 जुलाई 2025 –
हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र में संचालित एक प्राइवेट वाहन फिटनेस सेंटर पर संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) निखिल शर्मा ने औचक निरीक्षण कर बड़ी कार्रवाई की। निरीक्षण के दौरान सेंटर में गंभीर खामियां सामने आईं, जिनमें पारदर्शिता की कमी, तकनीकी उपकरणों का नियंत्रण विभाग के पास न होना और मैनुअल हस्तक्षेप जैसी गंभीर लापरवाहियां शामिल थीं।
इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि परिवहन विभाग अब नियमों के उल्लंघन पर सख्त रुख अपना चुका है। विभाग की यह पहल वाहन स्वामियों की सहूलियत, सड़क सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखी जा रही है।
निरीक्षण में उभरे गंभीर तथ्य
शुक्रवार को हुए निरीक्षण के दौरान सबसे अहम मुद्दा वॉइस कैमरों का था, जो सेंटर में तो लगे हुए थे, लेकिन उनका कंट्रोल परिवहन विभाग के कार्यालय से जुड़ा नहीं था। इस पर आरटीओ ने गहरी नाराजगी जताई और आदेश दिए कि कैमरों को तुरंत विभागीय कार्यालय से जोड़ा जाए ताकि जांच प्रक्रिया की सीधी निगरानी सुनिश्चित हो सके।
इसके साथ ही आरटीओ ने निर्देश दिए कि सेंटर पर शिकायत पेटी लगाई जाए, जिसकी चाबी केवल विभागीय अधिकारियों के पास होगी। शिकायतें अधिकारी स्वयं खोलकर देखेंगे, जिससे वाहन स्वामियों की समस्याओं को सीधा और पारदर्शी समाधान मिल सके।
मैनुअल से मशीन की ओर: अब नहीं चलेगा “समझौता”
फिटनेस प्रक्रिया में अब पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए आरटीओ ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में सभी गाड़ियों की जांच सिर्फ ऑटोमैटिक मशीनों से की जाएगी। मैनुअल जांच पर पूरी तरह से रोक रहेगी। अब किसी भी सिफारिश, जान-पहचान या मानव हस्तक्षेप से कोई वाहन पास नहीं किया जाएगा।
वाहन स्वामियों की कई शिकायतें रही हैं कि बिना जांच या अवैध लेन-देन के जरिए कुछ वाहनों को फिट घोषित कर दिया जाता था। लेकिन अब मशीन आधारित जांच से इन सभी खामियों पर लगाम लगेगी और सिस्टम अधिक पारदर्शी बन सकेगा।
सेंटर संचालक को चेतावनी, सुधार के लिए मिला सीमित समय
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि केंद्र में तकनीकी स्टाफ की उपलब्धता में कमी थी और कुछ उपकरण मानकों के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे थे। इस पर आरटीओ ने सेंटर संचालक को 7 दिन का समय देते हुए चेतावनी दी कि यदि सभी कमियां तय समय में दूर नहीं की गईं, तो लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
जिले के अन्य सेंटरों की भी होगी जांच
इस कार्रवाई के बाद परिवहन विभाग ने संकेत दिए हैं कि हरिद्वार जिले के अन्य सभी फिटनेस सेंटरों की भी चरणबद्ध समीक्षा की जाएगी। विभागीय मानकों का उल्लंघन करने वाले किसी भी सेंटर को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं विभाग एक डिजिटल पोर्टल भी तैयार कर रहा है, जिससे सभी केंद्रों की जांच रिपोर्ट और गतिविधियां सीधे परिवहन मुख्यालय से जुड़ी रहेंगी। इससे राज्य स्तरीय निगरानी और मजबूत होगी।
वाहन स्वामियों को मिली राहत
वाहन मालिकों के लिए यह एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। अब उन्हें किसी बिचौलिए या दलाल के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा और पूरी प्रक्रिया स्वचालित होने से समय और धन दोनों की बचत होगी। साथ ही ईमानदार वाहन स्वामी अब आत्मविश्वास से फिटनेस प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
एआरटीओ का एकीकृत और अद्यतन ब्यान:
निखिल शर्मा, संभागीय परिवहन अधिकारी, हरिद्वार ने कहा –
“वाहनों की फिटनेस प्रक्रिया केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह जनता की सुरक्षा से सीधा जुड़ा विषय है। हमने तय किया है कि भविष्य में हर गाड़ी की जांच केवल ऑटोमैटिक मशीनों से होगी। मैनुअल छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी। शिकायत प्रणाली को पारदर्शी बनाया जा रहा है ताकि वाहन मालिक अपनी बात बिना डर के रख सकें। विभागीय मानकों का उल्लंघन करने वाले किसी भी सेंटर को नहीं बख्शा जाएगा।”
व्यवस्था में सुधार की पहल
इस छापामार कार्रवाई से साफ हो गया है कि हरिद्वार परिवहन विभाग अब सतर्क और सक्रिय मोड में है। यदि निर्देशों का सख्ती से पालन किया गया, तो आने वाले समय में फिटनेस प्रक्रिया भ्रष्टाचार से मुक्त और पूरी तरह पारदर्शी हो सकेगी। यह पहल न सिर्फ जिले बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक उदाहरण बन सकती है।
इन्तजार रजा हरिद्वार
“डेली लाइव उत्तराखंड” विशेष रिपोर्ट