हरिद्वार में ‘बला बला ऐप’ के जरिए चल रहे अवैध वाहनों पर परिवहन विभाग की कड़ी कार्रवाई, वाहन किए गए सीज, नेहा झा एआरटीओ हरिद्वार और परिवहन कर आधिकारी वरुणा सैनी के द्वारा की गई कार्रवाई

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में ‘बला बला ऐप’ के जरिए चल रहे अवैध वाहनों पर परिवहन विभाग की कड़ी कार्रवाई, वाहन किए गए सीज, नेहा झा एआरटीओ हरिद्वार और परिवहन कर आधिकारी वरुणा सैनी के द्वारा की गई कार्रवाई
उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद में परिवहन विभाग ने बला बला ऐप के जरिए संचालित हो रहे अवैध वाहनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए विशेष जांच अभियान चलाया। इस दौरान कई वाहन सीज किए गए हैं, जो बिना वैध परमिट और पंजीकरण के यात्रियों को सेवाएं प्रदान कर रहे थे।
पिछले कुछ समय से परिवहन विभाग को शिकायतें मिल रही थीं कि ‘बला बला ऐप’ के माध्यम से कुछ निजी वाहन चालक व्यावसायिक उद्देश्यों से यात्रियों को ढोने का कार्य कर रहे हैं। न तो उनके पास व्यावसायिक परमिट था, न ही टैक्सी के रूप में पंजीकरण। इस पर विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक विशेष टीम गठित की और हरिद्वार के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी शुरू की।
जांच के दौरान पाया गया कि कई वाहन निजी पंजीकरण होने के बावजूद ऐप के माध्यम से यात्रियों को ढो रहे थे, जिससे न केवल नियमों का उल्लंघन हो रहा था, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही थी।
परिवहन अधिकारी का बयान
परिवहन विभाग हरिद्वार वरिष्ठ अधिकारी नेहा झा एआरटीओ हरिद्वार और परिवहन कर आधिकारी वरुणा सैनी ने बताया, “ऐसे वाहन जो बिना वैध लाइसेंस और परमिट के कमर्शियल गतिविधियों में लिप्त हैं, वे नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। हमनें अभी तक कई वाहनों की पहचान की है और एक को सीज कर लिया गया है। आगे भी यह अभियान लगातार जारी रहेगा।”
स्थानीय चालकों में राहत
हरिद्वार में लंबे समय से ऑटो और टैक्सी यूनियनों की ओर से शिकायत की जा रही थी कि ऐप आधारित अवैध टैक्सी सेवाएं उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रही हैं। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय ड्राइवरों ने संतोष जताया और उम्मीद जताई कि इससे उन्हें न्याय मिलेगा और प्रतिस्पर्धा निष्पक्ष होगी।
यात्रियों की सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा
इन अवैध सेवाओं का सबसे बड़ा नुकसान यात्रियों की सुरक्षा पर पड़ता है। क्योंकि बिना लाइसेंस और पंजीकरण वाले ड्राइवरों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं होती। साथ ही, दुर्घटना की स्थिति में बीमा और मुआवजा भी बड़ा मुद्दा बन जाता है।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ शुरुआत है। भविष्य में ऐप संचालित सभी सेवाओं की पूरी जांच की जाएगी और नियमों का पालन न करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ऐप कंपनियों को भी नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।