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फेसबुक पर वायरल ‘प्राइवेसी नोटिस’ पोस्ट है फेक, जानिए सच और असली सुरक्षा के तरीके,, वायरल पोस्ट का सच: फेसबुक आपकी प्राइवेसी नहीं बदल सकता,, फेक कानूनी नोटिस से बचें, जानें असली हकीकत,, सुरक्षित रहें: फेसबुक सेटिंग्स में छुपा है बचाव का असली उपाय

इन्तजार रजा हरिद्वार- फेसबुक पर वायरल ‘प्राइवेसी नोटिस’ पोस्ट है फेक, जानिए सच और असली सुरक्षा के तरीके,,

वायरल पोस्ट का सच: फेसबुक आपकी प्राइवेसी नहीं बदल सकता,,
फेक कानूनी नोटिस से बचें, जानें असली हकीकत,,
सुरक्षित रहें: फेसबुक सेटिंग्स में छुपा है बचाव का असली उपाय

 

हाल के दिनों में फेसबुक पर एक लंबा-चौड़ा मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि अगर आप यह पोस्ट अपनी टाइमलाइन पर कॉपी-पेस्ट नहीं करेंगे, तो फेसबुक आपकी निजी जानकारी, फोटो और पोस्ट का मालिक बन जाएगा और उसे अपनी मर्जी से इस्तेमाल करेगा। पोस्ट में कानूनी भाषा और धारा-धारा का हवाला देकर लोगों को डराया जा रहा है।

लेकिन साइबर एक्सपर्ट्स साफ कह रहे हैं—यह पोस्ट पूरी तरह फर्जी है और इसका कोई कानूनी असर नहीं होता।

पोस्ट का दावा क्या है?

वायरल मैसेज में लिखा है कि

  • फेसबुक आपकी फोटो, वीडियो, पोस्ट और मैसेज को पब्लिक कर देगा।
  • इस पोस्ट को कॉपी-पेस्ट करने से आप अपनी प्राइवेसी बचा सकते हैं।
  • यह एक कानूनी नोटिस है, जिसे पोस्ट करने से फेसबुक के ‘नियम’ आप पर लागू नहीं होंगे।

लोग डर और जल्दबाज़ी में इसे बिना जांच-पड़ताल किए शेयर कर रहे हैं।

सच क्या है?

जब आप फेसबुक अकाउंट बनाते हैं, तो पहले दिन ही आपको उसकी Terms of Service और Privacy Policy स्वीकार करनी होती है। इन्हीं दस्तावेज़ों में तय होता है कि फेसबुक आपका डेटा कैसे इस्तेमाल करेगा।

कानून के मुताबिक, एक बार आप इन शर्तों को मान लेते हैं, तो बाद में फेसबुक पर कोई पोस्ट लिखकर या नोटिस डालकर उन शर्तों को बदल नहीं सकते।
साइबर लॉ विशेषज्ञों के अनुसार—

“ऐसे पोस्ट सिर्फ भ्रम फैलाते हैं। इनका कोई कानूनी महत्व नहीं है। असली नियंत्रण सिर्फ फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग्स में है, न कि आपकी वॉल पर डाला गया स्टेटस।”


यह पोस्ट कैसे फैलता है?

सोशल मीडिया पर फेक खबरें और मैसेज इसलिए तेजी से फैलते हैं क्योंकि वे—

  1. डर (Fear) पैदा करते हैं
  2. तुरंत एक्शन लेने के लिए उकसाते हैं
  3. कानूनी या तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल करके खुद को असली साबित करते हैं

कई बार यह ट्रेंड साइबर अपराधियों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। इससे उन्हें पता चल जाता है कि कौन-से यूज़र बिना जांच-पड़ताल के कोई भी मैसेज मान लेते हैं—ऐसे लोग ऑनलाइन फ्रॉड के आसान शिकार बन सकते हैं।


फेसबुक पर असली प्राइवेसी बचाने के तरीके

अगर आप सच में अपनी जानकारी सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इन कदमों को अपनाएं—

  1. प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट करें
    • फेसबुक ऐप में जाएं → Settings & Privacy → Privacy Checkup
    • तय करें कि आपकी पोस्ट, फोटो और प्रोफाइल सिर्फ ‘Friends’ को दिखें।
    • पब्लिक विजिबिलिटी को कम से कम रखें।
  2. Off-Facebook Activity बंद करें
    • फेसबुक कई बाहरी वेबसाइट्स और ऐप्स से आपका डेटा इकट्ठा करता है।
    • इसे बंद करने के लिए Settings → Your Facebook Information → Off-Facebook Activity पर जाएं और ‘Clear History’ और ‘Disconnect Future Activity’ चुनें।
  3. थर्ड-पार्टी ऐप्स की जांच करें
    • पुराने गेम, क्विज़ या ऐप्स को रिव्यू करें।
    • जिनका इस्तेमाल नहीं कर रहे, उन्हें हटा दें।
  4. लोकेशन एक्सेस सीमित करें
    • फोन की सेटिंग्स में फेसबुक का लोकेशन एक्सेस ‘While Using the App’ या ‘Never’ पर सेट करें।
  5. संवेदनशील जानकारी पोस्ट न करें
    • फोन नंबर, घर का पता, ट्रैवल प्लान जैसे निजी डिटेल्स फेसबुक पर शेयर करने से बचें।

सरकार और विशेषज्ञ भी दे चुके हैं चेतावनी

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) और साइबर क्राइम सेल समय-समय पर ऐसे फेक मैसेज को लेकर चेतावनी जारी करते रहे हैं।
CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने भी सलाह दी है कि सोशल मीडिया पर देखी-सुनी हर चीज को सच मानकर शेयर न करें।

यह वायरल फेसबुक ‘प्राइवेसी नोटिस’ पोस्ट सिर्फ एक अफवाह है। न तो यह आपको कानूनी सुरक्षा देता है, न ही आपके डेटा को सुरक्षित करता है। असली सुरक्षा आपकी जागरूकता और सही सेटिंग्स में छिपी है।

अगली बार जब कोई ऐसा मैसेज दिखे, तो याद रखें—

  • सोचें, जांचें, फिर शेयर करें
  • डर के बजाय तथ्य और तकनीकी सच्चाई को अपनाएं
  • अपनी प्राइवेसी के लिए फेक पोस्ट नहीं, बल्कि असली सेटिंग्स बदलें

सोशल मीडिया पर सुरक्षित रहने के लिए सबसे ज़रूरी हथियार है—जानकारी

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