हरिद्वार के सलेमपुर बहादराबाद क्षैत्र में छठ घाट पर दर्दनाक हादसा, भाई को बचाने के चक्कर में गंगा में समा गईं दो सगी बहनें,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, परिवार में मचा कोहराम, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सर्च ऑपरेशन

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार के सलेमपुर बहादराबाद क्षैत्र में छठ घाट पर दर्दनाक हादसा, भाई को बचाने के चक्कर में गंगा में समा गईं दो सगी बहनें,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, परिवार में मचा कोहराम, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सर्च ऑपरेशन
हरिद्वार, 27 अप्रैल 2025 — हरिद्वार जनपद के रानीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सलेमपुर स्थित छठ घाट पर रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसा घटा। गंगनहर में नहाते समय दो सगी बहनें तेज बहाव की चपेट में आकर लापता हो गईं। भाई को डूबता देख बहनों ने उसे बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी। भाई को तो बचा लिया गया, लेकिन बहनों को गंगा की तेज धारा बहा ले गई। घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
हादसे का पूरा घटनाक्रम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मूलरूप से ग्राम भीमनगर, थाना फरहा, जनपद मथुरा (उत्तर प्रदेश) निवासी राजेश अपने परिवार के साथ हरिद्वार के रानीपुर क्षेत्र के सलेमपुर में रहते हैं। राजेश सिडकुल स्थित एक कंपनी में मेंटिनेंस कर्मचारी के तौर पर कार्यरत हैं। रविवार सुबह उनके तीन बच्चे — मनीषा (15 वर्ष), ईशा (14 वर्ष) और वंश (13 वर्ष) — अपने मामा रवि के साथ सलेमपुर छठ घाट पर स्नान के लिए पहुंचे थे।
बताया गया कि नहाते समय वंश अचानक गंगनहर के तेज बहाव में फिसल गया और बहने लगा। अपने छोटे भाई को डूबते देख बड़ी बहनें मनीषा और ईशा बिना देर किए उसे बचाने के लिए नदी में कूद पड़ीं। काफी प्रयास के बाद वंश को किसी तरह बाहर निकाल लिया गया, लेकिन दोनों बहनें खुद तेज धारा में फंस गईं और बह गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घाट पर उपस्थित लोगों ने भी बच्चियों को बचाने की कोशिश की, परंतु तेज बहाव के कारण सफलता नहीं मिल पाई। देखते ही देखते दोनों बहनें पानी में ओझल हो गईं।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सर्च ऑपरेशन
हादसे की सूचना मिलते ही सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी सदर श्री जितेन्द्र चौधरी, प्रभारी निरीक्षक रानीपुर श्री कमल मोहन भण्डारी, चौकी प्रभारी गैस प्लांट विकास रावत एवं अन्य पुलिस बल मौके पर पहुंचे। जल पुलिस के गोताखोरों की टीम भी बुला ली गई और तत्काल गहन सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भण्डारी ने बताया कि गंगनहर के तेज बहाव और गहराई के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। बावजूद इसके जल पुलिस के अनुभवी गोताखोर लगातार तलाश में जुटे हुए हैं। आसपास के इलाकों में भी खोजबीन जारी है। यदि आवश्यकता पड़ी तो एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) से भी सहायता ली जाएगी।
सहायक पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र चौधरी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक दोनों बच्चियों का कोई सुराग नहीं मिल जाता। प्रशासन की ओर से बचाव दल को हर संभव संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं।
परिवार में कोहराम और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल
घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ित परिवार घाट पर पहुंचा। अपनी बच्चियों को खोने के ग़म में माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरे इलाके में शोक और स्तब्धता का माहौल है। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं कि घाट पर कोई चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा बैरिकेडिंग या लाइफगार्ड की तैनाती नहीं थी।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि सलेमपुर छठ घाट पर नहाने के दौरान कोई निगरानी व्यवस्था नहीं है। तेज बहाव वाले इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होना इस प्रकार की घटनाओं को न्यौता देता है। हर साल छठ पर्व के दौरान यहां भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन नियमित दिनों में भी सुरक्षा प्रबंध नदारद रहते हैं। इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन की लापरवाही को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
संवेदनशील संदेश: एक छोटी सी चूक, जीवन भर का पछतावा
हरिद्वार पुलिस और प्रशासन की अपील:
नदियों और नहरों में नहाते समय विशेष सावधानी बरतें। बच्चों को अकेले जलस्रोतों के पास न भेजें। तेज बहाव वाले इलाकों से दूर रहें और प्रशासन द्वारा लगाए गए निर्देशों का पालन करें। याद रखें, एक छोटी सी लापरवाही अमूल्य जीवन छीन सकती है। यदि आप किसी को संकट में देखें तो तुरंत पुलिस या आपदा राहत टीम को सूचना दें।
हम सबकी सतर्कता ही आने वाली त्रासदियों को रोक सकती है। अपनी और अपनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।